सोलर प्लांट टाटा स्टील के लिए बड़ी उपलब्धि : नरेंद्रन
जमशेदपुर : टाटा स्टील ने नोवामुंडी में 3 मेगावाट सोलर पावर प्लांट का शुभारंभ किया. देश में किसी भी लौह अयस्क खदान में यह पहला सौर ऊर्जा प्लांट है. सोमवार को टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन, आशीष खन्ना, संजीव मेहरा, राजीव सिंघल, पंकज सतीजा ने संयुक्त रूप से इसका उद्घाटन किया. टीवी नरेंद्रन ने […]
जमशेदपुर : टाटा स्टील ने नोवामुंडी में 3 मेगावाट सोलर पावर प्लांट का शुभारंभ किया. देश में किसी भी लौह अयस्क खदान में यह पहला सौर ऊर्जा प्लांट है. सोमवार को टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन, आशीष खन्ना, संजीव मेहरा, राजीव सिंघल, पंकज सतीजा ने संयुक्त रूप से इसका उद्घाटन किया. टीवी नरेंद्रन ने इसे टाटा स्टील के लिए बड़ी उपलब्धि बताया.
सेंटर फॉर एक्सीलेंस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट (आरएम) राजीव सिंघल ने बताया कि पहले चरण में 35 करोड़ रुपये की लागत से 13 एकड़ जमीन में प्लांट लगाया गया है. कंपनी दूसरे चरण में कंपनी एक मेगावॉट का विस्तार करेगी. छह एकड़ जमीन खाली है, जिसमें एक मेगावाट उत्पादन हो सकता है. इससे प्लांट से प्रत्येक वर्ष तीन हजार टन कार्बन उत्सर्जन कम होगा. इस मौके पर टाटा पावर सोलर के सीइओ आशीष खन्ना व टाटा पावर ट्रेडिंग कंपनी के एमडी संजीव मेहरा मौजूद थे.
राजीव सिंघल ने बताया कि नोवामुंडी में प्रतिमाह 15 मेगावॉट की खपत है. इसमें तीन मेगावाट आवासीय कॉलोनी में खर्च होता है. कंपनी वर्तमान में बिजली जेएसइबी से खरीदती है. लोड शेडिंग होने पर डीजी सेट से उत्पादन होता है. सोलर पावर प्लांट लगाने से खर्च में कमी आयेगी. सौर ऊर्जा के क्षेत्र में यह बड़ा कदम है. टाटा स्टील आने वाले समय में कंपनी के अन्य माइंस के अलावा शहर में कंपनी प्लांट के छतों पर सोलर पैनल लगाने पर विचार कर रही है.
प्रोजेक्ट की संरचना : यह बिजली इनवर्टरों के माध्यम से उपयुक्त वोल्टेज पर एसी पावर में परिवर्तित हो जाती है, जिसे फिर सौर बिजली के उत्पादन के लिए नेट मीटरिंग सुविधा वाले यूटिलिटी ग्रिड को भेजी जाती है. ग्रिड के पूर्ण आउटेज की स्थिति में इस सोलर प्लांट में नोवामुंडी प्रोसेसिंग प्लांट में मौजूदा डीजी बस के साथ सिंक्रॉनाइज़ करने और संचालन जारी रखने की क्षमता है. यह प्लांट पर्याप्त तरंगण के साथ चट्टानी इलाके के 19 एकड़ जमीन में एक उन्नत पुनर्निर्मित खनन पहाड़ी पर स्थित है.