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ये है जमशेदपुर के ब्लेड मैन….जानिए इनकी खासियत

राजमणि सिंह खुले में ब्लेड फेंकना खतरनाक हो सकता है. अक्सर किसी का पैर कट जाना या पशुओं के गले में अटक जाने जैसी घटनाएं सामने आती रहती हैं. दरअसल यह किसी के लापरवाही का नतीजा है. ब्लेड का यूज करने के बाद इस बात का ध्यान कोई नहीं रखता कि इसे खुले में फेंकना […]

राजमणि सिंह
खुले में ब्लेड फेंकना खतरनाक हो सकता है. अक्सर किसी का पैर कट जाना या पशुओं के गले में अटक जाने जैसी घटनाएं सामने आती रहती हैं. दरअसल यह किसी के लापरवाही का नतीजा है. ब्लेड का यूज करने के बाद इस बात का ध्यान कोई नहीं रखता कि इसे खुले में फेंकना खतरनाक है. इसी वजह से कई हादसे हो जाते हैं.
गली, चौक-चौराहों व सड़कों पर गिरे हुए ब्लेड पर नजर तो सभी की जाती है पर हम उसे वहीं छोड़कर आगे बढ़ जाते हैं. पर, हमारे ही शहर का एक शख्स ऐसा भी है जो तुरंत उस ब्लेड को उठाकर अपने पास रख लेता है. टिनप्लेट ऑफ इंडिया के सिक्यूरिटी ऑफिसर अखिलेश चौधरी ‘खुले में न फेंके ब्लेड’ नामक अभियान चला रहे हैं. घर-घर, सैलून-सैलून घुमकर लोगों को खुले में ब्लेड न फेंकने के लिए जागरुक करने के लिए इन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है. कई लोग उनके इस महत्वपूर्ण काम के कारण ही उन्हें ‘ब्लेड मैन’ भी कहते हैं.
खुले में न फेंके ब्लेड
‘खुले में न फेंके ब्लेड’ अभियान से मोहरदा, बारीडीह एवं गोलमुरी क्षेत्र के कई सैलून संचालकों को जोड़कर यूज्ड ब्लेड को जमा करवा रहे हैं. यह काम वे अखिल भारतीय ब्रह्मर्षि टाइगर्स एवं स्वामी विवेकानंद सेवा संस्थान के बैनर तले कर रहे हैं. इस अभियान में संस्था के सदस्यों के अलावा उनके मित्र एवं परिचित भी खुले मन से उनका साथ दे रहे हैं.
वे घुम-घुमकर सैलून संचालकों से मिलकर अनुरोध करते हैं कि वे ब्लेड का उपयोग करने के बाद उसे फेंके नहीं, बल्कि जमा करें. जमा किये गये ब्लेड को या तो वे कबाड़ में बेच दें या फिर उन्हें पहुंचा दें. अगर उन्हें ब्लेड पहुंचाने में किसी भी तरह की परेशानी हो रही है तो वे किसी भी माध्यम से उसे कलेक्ट करवा लेंगे. अब उनसे जुड़े सैलून संचालक अपने-अपने दुकान में ब्लेड जमाकर रखते हैं और संस्था से जुड़े लोग महीने में एक बार उनसे कलेक्ट कर अखिलेश चौधरी के यहां जमा करते हैं.
ऐसे मिली प्रेरणा
अखिलेश चौधरी बताते हैं कि एक दिन वे एक सैलून में बाल कटवाने गये थे. उसी दौरान उनके मोबाइल पर एक व्हाट्अप मैसेज आया. उस मैसेज में एक पशु की वीभत्स तसवीर थी. उसका मुंह से लेकर गला तक कटा हुआ था और उसके खून निकल रहा था.
उसका इलाज चिकित्सक कर रहे थे, पता नहीं वह बच पाई कि नहीं. किसी सैलून संचालक ने यूज्ड ब्लेड का बंच बनाकर कूड़ा के ढेर में फेंक दिया था और पशु ने जूठन समझकर खा लिया. इसके बाद ही मेरे मन में यह आईडिया आया और उसी समय मैने उक्त सैलून संचालक को ब्लेड इधर-उधर नहीं फेंकने की सलाह दी. इसके बाद उस दुकानदार ने ब्लेड खुले में फेंकने के बजाय एक डिब्बे में जमा करना शुरु किया और दूसरे सैलून वालों को भी इसके लिए प्रेरित किया.
पॉलिथीन के खिलाफ भी अभियान
अखिलेश चौधरी बताते हैं कि वे वर्ष 2014 से ही पॉलिथीन के खिलाफ अभियान चला रहे हैं. इसके तहत अबतक वे लगभग 5 हजार से अधिक सूती कपड़े का झोला लोगों के बीच बांट चुके हैं. झोला का वितरण सिदगोड़ा, साकची, बिरसा नगर, गोलमुरी, टिनप्लेट एवं टेल्को बाजार में कर चुके हैं. इसे अलावा दुर्गा पूजा व छठ पूजा के दौरान विभिन्न पंडालों एवं छठ घाटों पर प्रसाद बांटने के लिए भी वे लोगों के बीच सूती कपड़े के झोले का विरतण करते हैं.
जागरुकता स्टीकर चिपकाएंगे
इस अभियान से शहर के सभी सैलून, ब्यूटी पार्लर एवं प्रत्येक को जोड़ने के लिए वे एक स्टीकर तैयार करवा रहे हैं. उस स्टीकर को जगह-जगह चिपकाया जायेगा. स्टीक पर इस अभियान से संबंधित संदेश लिखा होगा. इसके बाद उन जगहों से जमा किये गये ब्लेड को कलेक्ट किया जायेगा.
पर्यावरण दिवस पर हो चुके हैं सम्मानित : पर्यावरण के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए पर्यावरण दिवस के अवसर पर 5 जून को जैप-6 द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्हें सम्मानित किया गया था. यह सम्मान उन्हें सामाजिक संस्था लोकसमर्पण के अध्यक्ष ललित दास द्वारा दिया गया था.
सैलरी का दस प्रतिशत खर्च : अखिलेश बताते हैं कि पेड-पौधे के वितरण पर होने वाला खर्च वे अपनी सैलरी से करते हैं. इसके अलावा उनके इस नेक काम में उनके दोस्त भी मदद करते हैं.
लगभग 15 किलो ब्लेड जमा कर चुके हैं
इस अभियान को शुरू करने के बाद धीरे-धीरे कई सैलून संचालक इस संस्था से जुड़कर ब्लेड जमा कर रहे हैं. अब तक लगभग 15 किलोग्राम यूज्ड ब्लेड वे जमा कर चुके हैं.
आने वाले समय में जैसे-जैसे लोग इस अभियान से जुड़ते जायेंगे वैसे-वैसे और अधिक संख्या में ब्लेड का कलेक्शन बढ़ता जायेगा. जब अधिक मात्रा में ब्लेड का कलेक्शन होने लगेगा तो इसे कबाड़ में बेचा जायेगा या फिर ब्लेड कंपनी से बात की जायेगी. ब्लेड कंपनी अगर इसका रिसाईक्लिंग कर नया ब्लेड तैयार कर सकेगी तो अच्छी बात होगी.
पर्यावरण बचाओ का संदेश : पर्यावरण बाचाओ संदेश के तहत वे लोगों को पौधा लगाने के लिए भी प्रेरित करते हैं. इसके लिए वे लोगों के बीच रूद्राक्ष, चंदन (लाल, सफेद एवं साधारण), लॉन्ग, इलाईयी, आंवला, कपुर, तेजपत्ता, दालचीनी आदि के पौधे का विरतण करते हैं. यह पौधा उनलोगों के बीच दिया जाता है जिनके पास अपना कैंपस हो या फिर उनके घर के छत पर पौधे लगाने की जगह हो.

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