टाटा मोटर्स ग्रेड समझौता: दुर्घटना मृत्यु में परिवार को मिलेंगे “60 लाख
जमशेदपुर: टाटा मोटर्स के स्थायी कर्मियों को ग्रुप इंश्योरेंस का लाभ मिलेगा. किसी कर्मचारी की सामान्य परिस्थिति में मौत होने पर न्यूनतम आठ लाख रुपये और काम के दौरान दुर्घटना में मौत होने पर 32 लाख रुपये आश्रित परिवार को मिलेगा. साथ ही मृत कर्मचारी का सिक लीव का भी इनकैशमेंट होगा. ग्रुप इंश्योरेंस और […]
जमशेदपुर: टाटा मोटर्स के स्थायी कर्मियों को ग्रुप इंश्योरेंस का लाभ मिलेगा. किसी कर्मचारी की सामान्य परिस्थिति में मौत होने पर न्यूनतम आठ लाख रुपये और काम के दौरान दुर्घटना में मौत होने पर 32 लाख रुपये आश्रित परिवार को मिलेगा. साथ ही मृत कर्मचारी का सिक लीव का भी इनकैशमेंट होगा.
ग्रुप इंश्योरेंस और कर्मचारी के सभी सेटेलमेंट को मिला कर अाश्रित परिवार को औसतन 60 लाख रुपये मिलेंगे. महामंत्री आरके सिंह ने कहा कि अब किसी कर्मी की मौत के बाद आश्रित को मुआवजा की मांग पर सड़क पर संघर्ष नहीं करना होगा. हालांकि ग्रेड समझौते में एक भी बाइ सिक्स का स्थायीकरण यूनियन नहीं करा सकी है.
पहली बार बनेगा लीव बैंक
टाटा मोटर्स कंपनी में लीव बैंक बनाया गया है. प्रबंधन-यूनियन की संयुक्त कमेटी बनेगी. ई ग्रेड से लेकर प्लांट हेड स्तर के (5200 स्थायी व 800 अधिकारी) कर्मी अपनी एक-एक छुट्टी लीव बैंक को देंगे. कोई कर्मी गंभीर रूप से बीमार होता है, तो उसे इस बैंक से छुट्टी मिलेगा. कर्मचारी के वापस ड्यूटी लौटने पर उनके कैजुअल लीव (सीएल) बैंक से ली गयी छुट्टी का 50 फीसदी वापस ले लिया जायेगा.
वर्कमैन की हैसियत से हस्ताक्षर
टाटा मोटर्स के कर्मचारियों के ग्रेड समझौते पर यूनियन पदाधिकारियों ने वर्कमैन की हैसियत से हस्ताक्षर किये हैं. हालांकि यूनियन के नेताओं ने इस संबंध में कुछ नहीं कहा. टेल्को यूनियन का मामला हाइकोर्ट में चल रहा हैं. हाइकोर्ट में फैसला सुरक्षित रखा गया है. समझौते के समय डीएलसी राकेश प्रसाद भी मौजूद थे.
इससे पूर्व टाटा मोटर्स के कर्मचारियों का ग्रेड रिवीजन यूनियन में आपसी विवाद के साथ-साथ एमओपी (मेजरमेंट ऑफ परफॉर्मेंस) के कारण लटका रहा. अपदस्थ टेल्को वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष, महामंत्री और प्रबंधन के बीच 32 दौर की वार्ता हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. वार्ता के दौरान कंपनी में एमओपी लागू करने और कर्मी पुत्रों की बजाये बाहरी बहाली पर प्रबंधन और यूनियन के बीच टकराव उत्पन्न हो गया. गतिरोध उत्पन्न होने से वार्ता रूक गया. बाद में मामला हाइकोर्ट चले जाने से कुछ दिन वार्ता नहीं हुई. वार्ता शुरू हुआ, तो श्रमायुक्त के फैसला ताेते खेमा के पक्ष में चले जाने से वार्ता एक बार फिर लटक गया. इसके कारण एक अप्रैल 2016 से टाटा मोटर्स के कर्मियों का ग्रेड रिवीजन लंबित रहा. 31 जुलाई को 2017 को समझौता हुआ.
एेतिहासिक समझौता हुआ है. बोनस में स्थायीकरण का प्रयास किया जायेगा. जो आरोप लग रहे थे, उसका पटापेक्ष हो गया. कर्मियों के हित में यूनियन आगे भी कार्य करती रहेगी.
– गुरमीत सिंह तोते, अध्यक्ष, टीएमएल एंड ड्राइव लाइंस वर्कर्स यूनियन
यूनियन मजदूरों का है. जहां मजदूर रहेंगे, वहां यूनियन रहेगा. व्यक्तिगत स्वार्थ में यूनियन को नुकसान हुआ है. बेहतर समझौता हुआ है. बोनस में बाइ सिक्सकर्मियों का स्थायीकरण होगा.
– आरके सिंह, महामंत्री, टीएमएल एंड ड्राइव लाइंस वर्कर्स यूनियन
माह – एमओपी एमओपी वैरीएबल पे
परफॉरमेंस बैंड
(2016) अप्रैल 148 141- 150 3800
मई 158 151-160 3950
जून 159 151-160 3950
जुलाई 146 141-150 3800
अगस्त 158 151-160 3950
सितंबर 165 161-170 4100
अक्तूबर 187 181-190 4400
नवंबर 201 201-210 4720
दिसंबर 193 191-200 4550
(2017 ) जनवरी 204 201-210 4720
फरवरी 226 221-230 5060
मार्च 226 221-230 5060
एक नजर में ग्रेड रिवीजन समझौता
- समझौता तीन साल के लिए एक अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2018 तक लागू रहेगा
- समझौते के तहत स्थायी मुनाफा का भुगतान तीन साल में पहले 72 फीसदी, दूसरा 15 फीसदी और तीसरा 13 फीसदी किया जायेगा.
- बकाया एरियर की राशि का भुगतान एक सप्ताह के अंदर कर्मियों को मिलेगा.
- स्थायी कर्मचारियों को फिटमेंट बेनीफिट के तौर पर 3600 रुपये कर्मचारियों के बेसिक में जोड़ा जायेगा
- फिक्स महंगाई भत्ता (एफडीए) में 500 रुपये की बढ़ोतरी की गयी है
- 250 रुपये की बढ़ोतरी हॉस्टल एलाउंस में किया गया है
- इंक्रीमेंट सालाना होे का दर 150 रुपये न्यूनतम, जबकि 245 रुपये अधिकतम होगा
- यूनिफॉर्म मेंटेनेंस एलाउंस में 1400 रुपये की बढ़ोतरी की गयी है
- हाउस मेंटेनेंस एलाउंस में 500 रुपये की बढ़ोतरी की गयी है
- वेज रिवीजन के बाद के वेतन पर 10 फीसदी हाउस रेंट एलाउंस (एचआरए) दिया जायेगा
- वर्तमान में जो कर्मचारियों को परफॉर्मेंस बेस्ड पेमेंट स्कीम दिया जा रहा था, उसको बंद कर दिया गया है. उसके बदले कर्मचारियों को परमानेंट कंपेंसेटरी एलाउंस (पीसीए) के तौर पर 1600 रुपये दिया जायेगा
- कर्मचारियों के उत्पादकता यानी एमओपी के आधार पर भी वेरियेबल पे दिया जायेगा, जिसके तहत 3400 रुपये तक उस कर्मचारी को मिलेगा, जिसकी उत्पादकता 101 से 110 के बीच होगा जबकि 8700 रुपये उन कर्मचारियों को मिलेगा, जो 351 से 360 तक का उत्पादकता के दायरे में आयेंगे
- एलटीए के तौर पर कर्मचारियों को पुराना बेसिक पर 10 फीसदी दिया जायेगा, जो 1000 रुपये प्रतिमाह से ज्यादा नहीं होगा
- बोनस की तरह का स्पेशल एलाउंस सीधे तौर पर उत्पादन या निर्माण में लगने वाले कर्मचारियों को 100 रुपये से 1800 रुपये तक दिया जायेगा
- अब कर्मचारियों के बच्चों का रजिस्ट्रेशन को 10 साल से घटाकर पांच साल कर दिया गया है, यानी पांच साल तक काम कर चुके कर्मचारी के बच्चों का रजिस्ट्रेशन हो सकेगा
- स्थायी कर्मचारियों के परिवार को ज्यादा से ज्यादा लाभ देने के लिए ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी कराया जायेगा
- स्थायी कर्मचारी अगर ज्यादा दिनों तक बीमार रहते हैं, तो वैसे लोगों को लीव बैंक लाया जायेगा
- कैजुअल लीव लेने की स्थिति में साप्ताहिक छुट्टी को बीच में नहीं समायोजित किया जायेगा
- शिफ्ट का बदलाव तत्काल कर दिया जायेगा
- स्थायी कर्मचारी की मौत अगर हो जाती है, तो सिक लीव का पैसा परिवार को दे दिया जायेगा
- सेटलमेंट स्कीम 7057 रुपये न्यूनतम, जबकि 8563 रुपये अधिकतम तक दिया जायेगा, जो एमओपी के आधार पर होगा
- पांच रुपये के बजाय अब कर्मचारियों को सेवा निधि में अपना आधे दिन का वेतन साल में देना होगा.