21 साल इंतजार कर लिया नरसंहार का बदला
जमशेदपुर: बर्मामाइंस गुरुद्वारा में सोमवार की शाम शहीदे आजम सरदार उधम सिंह जी का शहादत दिवस मनाया गया. इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि देशभक्ति का जज्बा खुद में पैदा होता है. राष्ट्रभक्ति का झूठा पाठ किसी को पढ़ाया नहीं जा सकता है, जिसके अंदर देश एवं देशवासियों के लिए दर्द होता है वह […]
जमशेदपुर: बर्मामाइंस गुरुद्वारा में सोमवार की शाम शहीदे आजम सरदार उधम सिंह जी का शहादत दिवस मनाया गया. इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि देशभक्ति का जज्बा खुद में पैदा होता है. राष्ट्रभक्ति का झूठा पाठ किसी को पढ़ाया नहीं जा सकता है, जिसके अंदर देश एवं देशवासियों के लिए दर्द होता है वह खुद ही अपना जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित कर देता है. उधम सिंह एवं उनके भाई बचपन में ही अनाथ हो गये थे. बावजूद उन्होंने पढ़ाई की और मैट्रिक की परीक्षा पास की.
13 अप्रैल 1919 को जालियांवाला बाग में जनरल डायर के निर्देश पर 380 लोगों को गोलियों से भून दिया गया था. उधम सिंह ने जनरल डायर को सजा देने का संकल्प लिया और इसके लिए 21 साल तक इंतजार किया. लंदन ऑफ स्टोन हॉल में रॉयल इंडिया की बैठक में 13 फरवरी 1940 को ऊधम सिंह ने जनरल डायर की गोली मारकर हत्या कर दी. उस समय डायर भारत को गुलाम रखने पर विचार रख रहा था. घटना को अंजाम देकर वह भागे नहीं. उन्हें 31 जुलाई 1940 को फांसी पर चढ़ा दिया गया है.
इस मौके पर पटना गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान सरदार शैलेंद्र सिंह, सीजीपीसी प्रधान सरदार इंदरजीत सिंह के अलावा सरदार परविंदर सिंह, गुरमुख सिंह मुखे, कुलवंत सिंह बंटी, गुरचरण सिंह बिल्ला, जसवीर सिंह, कुलविंदर सिंह, सुरजीत सिंह, हरजीत सिंह, मनजीत सिंह गोल्डी व बड़ी संख्या में संगत मौजूद थीं.
उधम सिंह को भूली केंद्र सरकार : गंभीर
ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन ने सोमवार साकची गुरुद्वारा की ड्योढ़ी साहिब के नीचे मोमबत्ती जलाकर उधम सिंह के बलिदान को याद किया. फेडरेशन के पूर्वी भारत के अध्यक्ष सतनाम सिंह गंभीर ने कहा कि उधम सिंह की शहादत को सरकार ने भुला दिया है. कार्यक्रम में बलजीत सिंह संसोआ, गोलडी सैनी, परमजीत सिंह सरली, मनमीत लूथरा, मंजीत सिंह गील, सरबजीत सिंह, हरप्रीत सिंह रिखराज, इंदरपाल सिंह भाटिया, रवि सिंह, परमजीत सिंह काले मौजूद थे.