वोटिंग सिस्टम का विरोध करेंगे आदिवासी
जमशेदपुर के गोपाल मैदान में आदिवासी समुदाय ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस समारोह जमशेदपुर : मतदान अर्थात मत का दान, जिसे हम अपने इच्छा का दान भी कह सकते हैं. यह इच्छा का दान आदिवासी को कमजोर बना रही है. मतदान के माध्यम से आदिवासी को गुलाम बनाया जा रहा है. इसलिए आदिवासी मतदान का […]
जमशेदपुर के गोपाल मैदान में आदिवासी समुदाय ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस समारोह
जमशेदपुर : मतदान अर्थात मत का दान, जिसे हम अपने इच्छा का दान भी कह सकते हैं. यह इच्छा का दान आदिवासी को कमजोर बना रही है. मतदान के माध्यम से आदिवासी को गुलाम बनाया जा रहा है. इसलिए आदिवासी मतदान का बहिष्कार करते हैं. जल्द आदिवासी महासभा बड़े पैमाने पर मतदान पहचान पत्र सरेंडर अभियान शुरू करेगा. वर्ष 2019 में आदिवासी सरकार को अपने ताकत का एहसास करायेंगे. ये बातें आदिवासी महासभा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुजूर ने कही. वे बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में विश्व आदिवासी दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आदिवासी अनादि काल से रूढ़िवादी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था से संचालित होते हैं. उसी व्यवस्था के तहत ही संचालित होना चाहते हैं.
वोटिंग सिस्टम से चलने वाली व्यवस्था में आदिवासी को बरबादी के सिवाय कुछ नहीं मिला है. आजादी के बाद आदिवासी सबसे अधिक प्रताड़ित हुए हैं. उद्योग, कंपनी, डैम, खाद्यान्न के नाम पर उनके जमीन से बेदखल कर दिये जा रहे हैं. इसलिए मनुवादी वर्तमान व्यवस्था पर आदिवासी को अपना विनाश दिख रहा है.
उन्होंने कहा कि कई राज्यों में आदिवासी को नक्सली बता कर जेल में डाला जाता है या तो गोली से भून दिया जाता है. सरकार को बताना चाहिए कि नक्सली की क्या परिभाषा है. क्या अपनी जमीन को बचाने के विरोध करना गलत है. जंगल में जीविकोपार्जन के लिए लकड़ी चुनना या फिर आदिवासी होना ही गलत है. कार्यक्रम का संचालन कृष्णा हांसदा ने किया.
मोटरसाइकिल जुलूस में पहुंचे परगाना. जुगसलाई तोरोफ परगाना दासमात हांसदा मोटरसाइकिल रैली के साथ कार्यक्रम स्थल में पहुंचे. उनके नेतृत्व में सुंदरनगर-पुरीहासा से करीब 500 मोटरसाइकिल रैली में शामिल हुआ. चाईबासा-सरायकेला क्षेत्र के लोग आदित्यपुर शेरे पंजाब चौक स्टेडियम से पदयात्रा कर गोपाल मैदान पहुंचे. घाटशिला व पटमदा क्षेत्र के लोग साकची कोर्ट मोड़ से व हाता, जादूगोड़ा, राजनगर क्षेत्र लोग जुगसलाई फाटक चौक से पदयात्रा कर कार्यक्रम
स्थल पहुंचे.
इन संगठनों ने की शिरकत. माझी परगाना महाल, अखिल भारतीय कुडूख खोड़ा, भारत मुंडा समाज, भील ऑटोनॉमस काउंसिल राजस्थान, कोया भूमकाल क्रांति सेना छतीसगढ़, आदिवासी हो समाज, अखिल भारतीय गोंड महासभा, रांची क्लब कोलकाता, सर्व आदिवासी समाज अंबिकापुर छतीसगढ़, आदिवासी समाज बलरामपुर, पादा पहाड़ युवा संगठन छतीसगढ़, आदिवासी सक्षम परिषद तेलांगना, कुजू डैम विस्थापित समिति, भूमि सुरक्षा समिति, चांडिल डैम विस्थापित समिति, आदिवासी डॉक्टर्स फाउंडेशन छतीसगढ़, आदिवासी एकता मंच, जय अादिवासी युवा शक्ति, घुकूडय सीलीचड़ी पश्चिम बंगाल, दार्जिलिंग आदिवासी महासभा, केंद्रीय सरना समिति, आसाम स्टूडेंट्स एसोसिएशन समेत अन्य.