उन्होंने बताया कि शनिवार को जब शिक्षक शशिभूषण सिंह को सीएचसी लाया गया था, उस वक्त ड्यूटी पर चिकित्सक डॉ टुटी एवं एएनएम पूनम कुमारी मौजूद थीं. डॉ टुटी किसी काम से अपने क्वार्टर में गयी थी. वहीं मरीज के आने की सूचना मिलते ही वे अस्पताल पहुंचीं. डॉ टूटी ने मरीज का इलाज करने का भी प्रयास किया. इधर शिक्षक के साथ आयी भीड़ ने उन्हें एएनएम समझ लिया. इसके बाद भीड़ ने समझ लिया कि अस्पताल में चिकित्सक नहीं हैं.
जहां तक ऑक्सीजन सिलेंडर की बात है, तो सीएचसी के दोनों सिलेंडर में अभी भी ऑक्सीजन भरे हुए हैं. उन्होंने एंबुलेंस मामले पर कहा कि सीएचसी के पास एंबुलेंस नहीं है. कार्यालय का एक वाहन है, उसी से ही मरीजों को एमजीएम जमशेदपुर ले जाया जाता है. उस वक्त उक्त वाहन भी हल्दीपोखर के एक मरीज को लेकर एमजीएम जमशेदपुर गया हुआ था.