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सबर टोला के लोगों की कहानी, न राशन, न पानी

जमशेदपुर. विलुप्त प्राय सबरों के जीवन की सुरक्षा और जीवन स्तर सुधारने के लिए किये गये दावों की पोल गोबरघुसी पहुंच कर खुल जाती है. गोबरघुसी का लड़ाईडुंगरी सबर टोला विकास से कोसों दूर है. दलमा की तराई वाले इस गांव के सबर आज भी झरना और कुआं के गंदे पानी से प्यास बुझाते हैं. […]

जमशेदपुर. विलुप्त प्राय सबरों के जीवन की सुरक्षा और जीवन स्तर सुधारने के लिए किये गये दावों की पोल गोबरघुसी पहुंच कर खुल जाती है. गोबरघुसी का लड़ाईडुंगरी सबर टोला विकास से कोसों दूर है. दलमा की तराई वाले इस गांव के सबर आज भी झरना और कुआं के गंदे पानी से प्यास बुझाते हैं. सबरों के पास न तन ढंकने को कपड़ा है न खाने को अनाज. पथरीली व उबड़-खाबड़ सड़क व खेतों की पगडंडी पर चलकर सबर महिलाएं आधा किलोमीटर दूर से पानी लाती है. यहां 30 सबर परिवार हैं.

एक परिवार में औसतन 10 सदस्य है. सुविधा के नाम पर सबरों को खाद्य अधिनियम के तहत 35 किलोग्राम प्रति परिवार खाद्यान मिलता है. लेकिन बीते एक माह से सबर टोला में अनाज का वितरण नहीं हुआ. पेयजल विभाग की ओर से एक बोरिंग कर सोलर चलने वाला मोटर लगाया गया था, इससे लोगों को पानी मिलता था. करीब छह माह से पानी नहीं आ रहा. झरना पानी ही ग्रामीणों का एक मात्र सहारा है. सोलर पैनल का इस्तेमाल लोग मोबाइल चार्ज करने में करते है.

बच्चों को बुलाकर पढ़ाते हैं शिक्षक
लड़ाईडुुंगरी सबर टोला का एकमात्र प्राथमिक स्कूल है. स्कूल में दो शिक्षक है. यहां कक्षा पांचवीं तक पढ़ाई होती है. कुल 28 बच्चों में अधिकांश सबर है. शिक्षक संजय महतो ने बताया कि बच्चों को लाना मुश्किल होता है. स्कूल छोड़कर बच्चे भाग जाते है. उनको घर से लाना पड़ता है. खाना खाते ही फिर भाग जाते है.
झाड़ू बनाकर चलती है रोजी-रोटी
गांव में रोजगार का कोई साधन नहीं. लोग झाड़ू बनाते है. किसी तरह पत्ता तोड़कर झाड़ू बनाते है और उसे बेचकर ही उनकी रोजी-रोटी चलती है. विलुप्त हो रही है सबर जाति को बचाने के लिए सरकार कई प्रयास कर रही है लेकिन यह इस गांव में नजर नहीं आता.
क्या कहते है सबर परिवार
अनाज नहीं है. हम लोगों को पानी तक नहीं मिल रहा है. बहुत दूर से हम पानी लेकर आते है. मोटर खराब होने से छह माह से पानी नहीं मिल रहा.
सरस्वती सबर
हम लोगों का जीवन दूभर है. खाने को अनाज तो मिलता है, लेकिन इस माह अब तक नहीं मिला. अगर अनाज नहीं मिला तो हम क्या खाना खायेंगे.
रुपु सबर
जंगल में खेती करते है. हाथी घर तोड़ देता है तो खेती बरबाद कर देता है. हमारे पास रोजी-रोटी का दूसरा कोई साधन नहीं.
दुर्योधन सबर
हमारे पास कुछ भी नहीं है. कपड़ा किसी तरह पहन पाते हैं. हमारे पास कपड़े तक नहीं .
मालती सबर

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