गोबरघुसी: पंचायत में लगने लगे बिजली के खंभे व ट्रांसफाॅर्मर

जमशेदपुर: पटमदा के गोबरघुसी गांव जाने के लिए संपर्क नहीं है. सांसद और विधायक से बार-बार अनुरोध के बावजूद गांव पहुंचने वाली सड़क नहीं बनी. प्रभात खबर की पहल पर बिजली के खंभे लगाने का काम शुरू हुआ है. भले संसाधन उपलब्ध नहीं होने के कारण काम में देरी हो, पर गांव में बिजली शीघ्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2017 9:19 AM
जमशेदपुर: पटमदा के गोबरघुसी गांव जाने के लिए संपर्क नहीं है. सांसद और विधायक से बार-बार अनुरोध के बावजूद गांव पहुंचने वाली सड़क नहीं बनी. प्रभात खबर की पहल पर बिजली के खंभे लगाने का काम शुरू हुआ है. भले संसाधन उपलब्ध नहीं होने के कारण काम में देरी हो, पर गांव में बिजली शीघ्र पहुंच जायेगी है. यहां 11 केवीए का ट्रांसफाॅर्मर लगाया जा रहा है. पंचायत भवन के सामने डीप बोरिंग की गयी है. लोगों को जल्द ही पानी मिलने लगेगा. प्रभात खबर की पहल पर गांव में और भी कई कार्य किये जा रहे हैं. यहां स्वास्थ्य शिविर भी लगाया जाना है.
उज्ज्वला का लाभ नहीं
केंद्र सरकार द्वारा लकड़ी के चुल्हे का इस्तेमाल बंद कर रसाेई गैस उपलब्ध कराने वाली उज्जवला योजना शुरू की गयी लेकिन इसका लाभ गांव तक नहीं पहुंच सका. अब तक गांव में गैस का वितरण या रजिस्ट्रेशन तक नहीं सका है. लोग अब भी लकड़ी का चूल्हा ही इस्तेमाल कर रहे है. यहां बाजार में शेड की मांग की जा रही है.
नाली का निर्माण नहीं होने से डूब जा रहे मकान
बारिश के मौसम में क्षेत्र के मकान भी डूब जाते है. इसकी वजह है कि सड़क ऊंची हो गयी है और नाली का निर्माण नहीं किया गया है. नाली का निर्माण होने से पानी की निकासी हाे सकती है.
क्या कहते है ग्रामीण
पीने के पानी और बारिश के पानी की निकासी का कोई इंतजाम नहीं है. हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
समर सिंह
बारिश के मौसम में मकान डूब जाते है. अगर नाली बन जाये तो हम लोगों को पानी निकालने में सुविधा हो जायेगी.
सनातन सिंह
सोलर लाइट तो लगा लेकिन वह छह माह से खराब है. गांव में बिजली पहुंचाने का प्रयास हो रहा, यह खुशी की बात है.
हराधन सिंह
पानी के लिए काफी दूर दराज जाना पड़ता है. एक ही चापाकल है, जिससे लोग पानी लेते है. पानी की सफाई की भी व्यवस्था नहीं है.
राजेश सिंह
रोजगार के साधन भी नहीं है. अगर बेरोजगारों को रोजगार मिल सके तो युवाओं का वर्ग भटकने से बच जायेगा.
रवि कालिंदी

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