आदिवासियों का अस्तित्व बचाने पर मंथन
जमशेदपुर: आदिवासियों की अस्तित्व रक्षा का दायित्व उठाने का संकल्प पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के प्रमुख देश परगाना, परगाना, तोरोफ परगाना व मानकी-मुंडा ने लिया है. रविवार को करनडीह दिशोम जाहेरथान प्रांगण में तीन राज्य झारखंड, बंगाल व ओडिशा के स्वशासन व्यवस्था के प्रमुख जुटे़. बैठक में पांचवीं अनुसूची के अनुपालन, भूमि अधिग्रहण, सीएनटी-एसपीटी एक्ट, ट्राइबल […]
जमशेदपुर: आदिवासियों की अस्तित्व रक्षा का दायित्व उठाने का संकल्प पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के प्रमुख देश परगाना, परगाना, तोरोफ परगाना व मानकी-मुंडा ने लिया है. रविवार को करनडीह दिशोम जाहेरथान प्रांगण में तीन राज्य झारखंड, बंगाल व ओडिशा के स्वशासन व्यवस्था के प्रमुख जुटे़.
बैठक में पांचवीं अनुसूची के अनुपालन, भूमि अधिग्रहण, सीएनटी-एसपीटी एक्ट, ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल, स्वशासन व्यवस्था की सशक्तिकरण समेत अन्य कई मुद्दों पर विचार मंथन किया गया. बैठक में बिहार विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष देवेंद्र नाथ चांपिया ने गैर आदिवासी को ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल का सदस्य बनाये जाने पर सवाल उठाते हुए इसे संविधान की अवमानना बताया. श्री चांपिया ने कहा कि पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में नगरपालिका का विस्तार नहीं हो सकता.
आदिवासी बहुल क्षेत्र में रूढ़ि व प्रथा ही स्वशासन का आधार है़ कोल्हान पोड़ाहाट के तर्ज पर पूर्वी सिंहभूम समेत 13 अनुसूचित जिलों में आदिवासी स्वशासन के ग्राम प्रधानों काे राज्य सरकार मान्यता प्रदान करते हुए नोटिफिकेशन करें. पश्चिम बंगाल के भारत जागत माझी परगाना महाल के अध्यक्ष नित्यानंद हेंब्रम ने झारखंड में पांचवीं अनुसूची का अनुपालन व आदिवासियों के समस्या के संबंध में जानकारी ली.
हेंब्रम ने स्वशासन व्यवस्था को सशक्त बनाने की बात कही. बैठक में विचार मंथन के बाद विभिन्न मांगों को लेकर राज्यपाल से मिलकर मांग पत्र सौंपने पर सहमति बनी़ बैठक देश परगाना बैजू मुर्मू, सचिव रामचंद्र मुर्मू, देवेंद्र नाथ चांपिया, पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा, आसनबनी के तोरोफ परगाना हरिपोदो मुर्मू, सीआर माझी, नरेश मुर्मू, कुमार चंद्र मार्डी, डेमका सोय, रमेश जेराई, सोमनाथ पाड़ेया समेत अन्य मौजूद थे़