इस साल का पंडाल लोगों के आकर्षण का केंद्र होगा. यह पंडाल कांच की चूड़ियों से निर्मित हो रहा है. कोलकाता के कारीगरों द्वारा इसमें कांच की चूड़ियों से पंडाल निर्माण होगा, जबकि इसके बीच बीच में मोतियों की सजावट होगी. सिर्फ पंडाल पर 5 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं. इस साल मूर्ति की खासियत यह है कि यह इको फ्रेंडली होगी. शहर के प्रख्यात सर्जन डॉ अमल प्रकाश पात्रा के निर्देशन में यह पूजा कमेटी काम करती है. मूर्ति में कोई केमिकल का इस्तेमाल नहीं हो और पूरे तौर पर मिट्टी का ही इस्तेमाल हो, इसके लिए कारीगरों को निर्देश दिये गये हैं.
प्रतिमा और पंडाल दोनों इस बार लोगों को आकर्षित करेंगे. कमेटी के सदस्यों के मुताबिक पंडाल की साज-सज्जा का काम अंतिम चरण में किया जायेगा, लेकिन पंडालों को लेकर सुरक्षा के भी व्यापक इंतजाम किये गये हैं ताकि आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना न पड़े.