कोई तीन तलाक एक ही बार में देता है तो गुनाह करता है, ऐसे में तीन तलाक नहीं माना जायेगा. हनीफी, शाफई, मालिकी और हब्बली का मुत्ताफका फैसला है और इनके मानने वाले इस फैसले के पाबंद हैं.
धातकीडीह मदरसा फैजुल उलूम में रविवार काे तीन तलाक आैर बकरीद पर्व काे लेकर बैठक आयाेजित की गयी. इसकी अध्यक्षता मौलाना मुफ्ती आबिद हुसैन ने की. बैठक में शहर के इमाम-उलेमा उपस्थित थे. बैठक में सभी मुसलमानों से अपील की गयी कि बकरीद के त्याेहार काे पवित्रता से मनायें. कोई ऐसा काम न करें जिससे किसी काे तकलीफ हाे. बैठक में मदरसा के सचिव फजल खान, मौलाना नसीर अहमद, मौलाना हाफिजुद्दीन, मौलाना इम्तियाज, कारी रजाउद्दीन, कारी शमशीर, हाजी इसहाक आदि मौजूद थे.