पुलिस एसोसिएशन के चुनाव में हंगामा
आदित्यपुर. पुलिस अधिकारियों का संगठन सरायकेला-खरसावां जिला पुलिस एसोसिएशन का चुनाव रविवार को एसिया भवन में कनीय-वरीय अधिकारी की गुटबाजी के कारण भारी हंगामे की भेंट चढ़ गया. चुनाव प्रक्रिया के दौरान अध्यक्ष पद के लिए इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर और असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर व जूनियर सब इंस्पेक्टर के गुट आमने-सामने हो गये. अंत में […]
आदित्यपुर. पुलिस अधिकारियों का संगठन सरायकेला-खरसावां जिला पुलिस एसोसिएशन का चुनाव रविवार को एसिया भवन में कनीय-वरीय अधिकारी की गुटबाजी के कारण भारी हंगामे की भेंट चढ़ गया.
चुनाव प्रक्रिया के दौरान अध्यक्ष पद के लिए इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर और असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर व जूनियर सब इंस्पेक्टर के गुट आमने-सामने हो गये. अंत में इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर के गुट ने अंजनी कुमार को निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने और दूसरे गुट द्वारा बिपिन बिहारी सिंह को अध्यक्ष पद पर खड़ा किये जाने की मांग को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि घंटों मशक्कत व मतदान शुरू होने के बाद चुनाव पर्यवेक्षकों ने चुनाव ही स्थगित कर दिया. अधिकारिक रूप से पर्यवेक्षक ने कहा कि चुनाव में 118 सदस्य उपस्थित थे. उनमें से 60 सभी प्रकार के सदस्य वाक आउट कर गये. इसके बाद केंद्रीय कमेटी के निर्देश पर चुनाव स्थगित कर दिया गया.
दो पद पर निर्विरोध हो चुका था चुनाव : पुलिस एसोशिएशन का चुनाव केंद्रीय प्रतिनिधि (पर्यवेक्षक) रामनाथ सिंह, रामकृष्ण मुर्मू, संतोष कुमार महतो व सम्मानित सदस्य के रूप में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र पासवान की देखरेख में शुरू हुई. इसका संचालन निवर्तमान जिलाध्यक्ष आदिकांत महतो कर रहे थे. अध्यक्ष पद पर सर्वसम्मति बनाने को लेकर शुरू से ही विवाद खड़ा हो गया. हॉल के अंदर व कभी बाहर हंगामा होता रहा. बैलेट पेपर पर गुप्त मतदान कराने का फैसला होने पर थोड़ी देर की शांति हुई. उधर बैलेट पेपर तैयार होना शुरू हुआ और इधर भोजनावकाश हुआ. इस बीच एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष पद पर राजेंद्र तिवारी के समर्थन से बालेश्वर पासवान तथा उपाध्यक्ष के पद पर असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर जमादार बानरा निर्विरोध चुने गये. अब अध्यक्ष, संयुक्त सचिव व सचिव के एक-एक पद पर चुनाव होना बाकी था. अध्यक्ष के पद पर अंजनी कुमार व बिपिन बिहारी सिंह, संयुक्त सचिव के पद पर चंद्रमा सिंह, कृष्णा सिंह व कर्ण कुमार बड़ाइक तथा सचिव के पद पर कृष्णा प्रसाद व करुणानिधान तिवारी आमने-सामने थे.
दोनों गुटों के थे अपने-अपने तर्क : चुनाव स्थगित होने तक इसमें शामिल पुलिस अधिकारियों के एक गुट का तर्क था कि सर्वसम्मति से चुनाव होने पर वरीय पदाधिकारियों पर असर पड़ता है. दूसरे गुट का कहना था कि वह चुनाव चाहता है. अध्यक्ष पद की लालच में सर्वसम्मति की बात कही जा रही है.