आश्रित कर्मचारी पुत्रों का टीएमएच रखे ख्याल

जमशेदपुर: बुधवार को टाटा स्टील में आयोजित डॉक्टर ऑन लाइन में कर्मचारियों ने स्वास्थ्य से संबंधित कई सवाल पूछे जिसका टीएमएच के डॉक्टरों की ओर से जवाब दिया गया. कोक प्लांट के कमेटी मेंबर करम अली खान ने मांग की कि अस्पताल में एजेंसी द्वारा बाहरी लोगों को काम दिया जा रहा है. इनके बदले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2017 10:23 AM
जमशेदपुर: बुधवार को टाटा स्टील में आयोजित डॉक्टर ऑन लाइन में कर्मचारियों ने स्वास्थ्य से संबंधित कई सवाल पूछे जिसका टीएमएच के डॉक्टरों की ओर से जवाब दिया गया. कोक प्लांट के कमेटी मेंबर करम अली खान ने मांग की कि अस्पताल में एजेंसी द्वारा बाहरी लोगों को काम दिया जा रहा है.

इनके बदले कर्मचारी पुत्रों को नियोजित किया जाये. वहीं, 25 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले आश्रित बेटा-बेटियों को टीएमएच में इलाज कराने पर बेड चार्ज नि:शुल्क रहता है. लेकिन दवा, जांच और डॉक्टरी परीक्षण के लिए पैसे लगते हैं. इस पर रियायत देने की मांग की. इन दोनों मामलों में महाप्रबंधक डॉ राजन चौधरी ने विचार करने का आश्वसान दिया.
टीएमएच कर्मियों का व्यवहार दुरुस्त हो
कर्मचारी एसके तिवारी व कोक प्लांट से कमेटी मेंबर करम अली ने कहा कि टीएमएच में कार्यरत डॉक्टर, नर्स व सपोर्ट स्टॉफ के व्यवहार में सुधार हो.जवाब देते हुए महाप्रबंधक (मेडिकल सर्विसेज) डॉ राजन चौधरी ने बताया कि टीएमएच प्रबंधन लगातार सभी स्टॉफ की काउंसलिंग करता है. डॉक्टरों के व्यवहार में लगातार सुधार की कोशिश की जा रही है. डॉ चौधरी ने एक सवाल के जवाब में बताया कि माइग्रेन होने पर सिर्फ एक दवा खाकर न बैठें. इसकी नियमित डॉक्टरी जांच कराएं और संतुलित आहार लें.
नया डॉक्टर आये तो जानकारी दें
टाटा स्टील कर्मचारी शेखर पाल ने कहा कि टीएमएच में जब कोई नए डॉक्टर आए तो इसकी जानकारी कर्मचारियों को मिले, ऐसी व्यवस्था अस्पताल प्रबंधन करे.
दवा लेने में लगता है ज्यादा समय
एसके तिवारी ने कहा कि कदमा डिस्पेंसरी में डॉक्टर को दिखाने की अपेक्षा दवा लेने में ज्यादा समय लगता है. साथ ही ड्रेसिंग टेबल की ऊंचाई को कम करने की मांग की. इस पर डॉ चौधरी ने जांच कर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.

सीने में हो दर्द तो तुरंत कराएं डॉक्टरी जांच
डॉ आसिफ अहमद ने लाइफ सपोर्ट सिस्टम के बारे में बताया कि सीने में अगर दर्द हो तो मरीज को तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिन मरीजों को पेसमेकर लगा है, उन्हें सीपीआर देना ठीक नहीं होगा.

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