इसके बाद आयोग की अध्यक्ष सदस्यों के साथ अस्पताल के महिला, प्रसूति एवं दूसरी विभागों में गयी. शौचालय की स्थिति दयनीय थी जबकि अधीक्षक शौचालय चकाचक होने का दावा कर रह रहे थे. यह देखते ही आयोग की अध्यक्ष उल्टे पैर अधीक्षक के कार्यालय पहुंच गयी. उन्होंने अधीक्षक को चेंबर से ले जाकर वार्ड की हकीकत दिखायी गयी. तब अचानक बैकफुट पर आये अधीक्षक ने गलती को स्वीकारा. अधीक्षक को आयोग ने कड़ी फटकार लगायी.
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एमजीएम अस्पतालप्रसूति विभाग में पंखा नहीं, बर्न मरीजों को बैगन की सब्जी
जमशेदपुर. केंद्र और राज्य सरकार की किरकिरी कराने वाले एमजीएम अस्पताल की हालत देख महिला आयोग की टीम भी स्वयं पर काबू नहीं रख सकी. आयोग की टीम के सामने अधीक्षक डॉ भारतेंदू अध्यक्ष कल्याणी शरण समेत अन्य सदस्यों की सभी शिकायतों को नकार दे रहे थे कि कोई गड़बड़ी नहीं है. सिर्फ मैनपावर की […]
जमशेदपुर. केंद्र और राज्य सरकार की किरकिरी कराने वाले एमजीएम अस्पताल की हालत देख महिला आयोग की टीम भी स्वयं पर काबू नहीं रख सकी. आयोग की टीम के सामने अधीक्षक डॉ भारतेंदू अध्यक्ष कल्याणी शरण समेत अन्य सदस्यों की सभी शिकायतों को नकार दे रहे थे कि कोई गड़बड़ी नहीं है. सिर्फ मैनपावर की कमी है, सभी चीजें अपडेट है.
दरअसल, एमजीएम अस्पताल में बच्चों की हो रही मौतों की खबर पर बुधवार को महिला आयोग की अध्यक्ष कल्याणी शरण अपनी सदस्य रेणु देवी, पूनम प्रकाश, शर्मिला सोरेन, आरती राणा, अवर सचिव चंद्रशेखर झा, आप्त सचिव रानी कस्तुरी, दो स्टाॅफ रिंकी कुमारी और सोनी प्रिया, अमित कुमार के साथ अचानक अस्पताल पहुंच गयी थी. बातचीत में अधीक्षक ने आयोग को बताया कि अस्पताल में संसाधनों की कमी है, लापरवाही नहीं है. शौचालय चकाचक है और साफ-सफाई बेहतर है. जबकि अस्पताल के भीतर घुसते ही टीम के सदस्यों को गंदगी के कारण उल्टी आने लगी. महिला, शिशु व प्रसूति वार्ड में पंखा नहीं था. मरीज घर से पंखा लाकर काम चला रहे थे. चारों ओर गंदगी पसरी थी. दुर्गंध के कारण वार्ड में प्रवेश मुश्किल था. बर्न वार्ड में बैगन की सब्जी दी जा रही थी जिसे स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं बताया गया. आयोग की अध्यक्ष ने बैगन की सप्लाइ बंद करने को कहा. बर्न यूनिट का शौचालय जर्जरहाल था. दरवाजा टूटा हुआ था. आयोग की टीम ने इस पर नाराजगी जतायी.
नरक बनाकर रखा हुआ है अस्पताल अस्पताल को प्रबंधन ने ही नरक बना दिया है. अस्पताल को सरकार पूरा फंड दे रही है, लेकिन फिर भी सरकार की एजेंसी व उसके लोग ठीक तरीके से काम नहीं कर रहें हैं. ऐसे लोगों को किसी भी तरह पद पर बने रहने की जरूरत नहीं है.
कल्याणी शरण, अध्यक्ष, राज्य
महिला आयोग
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