अमलेश का खुलासा: स्क्रैप से हर माह 20 लाख रंगदारी वसूली

जमशेदपुर: गैंगस्टार अखिलेश के बड़े भाई अमलेश सिंह को प्रतिमाह 15 से 20 लाख रुपये की रंगदारी स्क्रैप व्यापारियों से मिलती थी. रंगदारी के पैसे से प्रतिमाह 50 हजार रुपये अपने पिता को खर्च करने के लिए वह देता है. इसका खुलासा अमलेश सिंह ने पुलिस के सामने पूछताछ में किया है. पुलिस सूत्रों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2017 7:50 AM
जमशेदपुर: गैंगस्टार अखिलेश के बड़े भाई अमलेश सिंह को प्रतिमाह 15 से 20 लाख रुपये की रंगदारी स्क्रैप व्यापारियों से मिलती थी. रंगदारी के पैसे से प्रतिमाह 50 हजार रुपये अपने पिता को खर्च करने के लिए वह देता है. इसका खुलासा अमलेश सिंह ने पुलिस के सामने पूछताछ में किया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार पूर्व में अखिलेश सिंह के जेल में रहने के दौरान उसका पूरा कारोबार अमलेश देखा करता था.

इस दौरान अमलेश भी रंगदारी वसूलने लगा. अमलेश को सीआरएम-12 से 200 रुपये प्रतिटन, टीएसपीडीएल-12 से 200 रुपये प्रतिटन, ब्लू स्कोप से 200 रुपये प्रतिटन, ब्लूमून से 100 रुपये प्रतिटन, सीआरएम टिस्को से 100 रुपये प्रतिटन, जेएसीएबी टिस्को से 100 रुपये प्रतिटन, डोमेस्टिक यार्ड से 100 रुपये प्रतिटन तथा सीआरएम यार्ड से 100 रुपये प्रतिटन रंगदारी मिलती थी. रंगदारी से वसूली गयी राशि अमलेश और उसके भाई अखिलेश सिंह ने कोलकाता, बेंगलुरु, जबलपुर, गुड़गांव, नाेएडा, बनारस समेत कई शहरों में निवेश किया है.

मेटल जंक्शन से िमल जाती थी नीलामी की खबर : अमलेश सिंह ने बताया है कि स्क्रैप नीलामी की सूचना मेटल जंक्शन के मैनेजर केएम सिंह तथा ब्लूमून के इंचार्ज मास्टर से पूर्व में ही मिल जाती थी. दोनों पूरी जानकारी अमलेश के साला अमित सिंह को देते थे. अमित सिंह नीलामी का सभी पेपर गिरोह के साथी नमित चंद्र सिंह को दे देता था. नमित चंद्र सिंह निकासी पेपर को इलेक्ट्रॉनिक फाइल बनाकर कंप्यूटर द्वारा अमलेश को भेज देता था. इसके बाद अमलेश अपने गिरोह के विनोद सिंह (बागबेड़ा), सूर्या (ब्लू स्कोप), अमित सिंह (साला) और साकची डायमंड रोडवेज का कर्मचारी अरविंद सिंह मिलकर स्क्रैप व्यापारियों से रंगदारी वसूलते थे.
पुलिस चाहती थी तीन िदन का और रिमांड, कोर्ट ने भेजा जेल : तीन दिन रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद अमलेश सिंह को पुलिस ने मंगलवार को न्यायिक दंडाधिकारी कमल रंजन की अदालत में पेश किया. सिदगोड़ा पुलिस ने पूछताछ के लिए रिमांड की अवधि तीन दिन और बढ़ाने की अरजी दी. अदालत ने पुलिस की अरजी को खारिज कर दिया.
डॉ बड़ाईक को रुपये देने का आरोप गलत : एमजीएम अस्पताल में जेल जाने से पूर्व अमलेश सिंह की चिकित्सीय जांच की गयी. यहां पत्रकारों को अमलेश सिंह ने बताया है कि एमजीएम अस्पताल के चिकित्सक डॉ बड़ाईक को जो रुपये देने की बात आयी है वह बिल्कुल गलत है.

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