जीएसटी रजिस्ट्रेशन-माइग्रेशन फिर शुरू

पटरी पर नहीं आया व्यापार : रेट, कोड, बिलिंग को लेकर भ्रम वाणिज्य कर विभाग सहायता देने काे तैयार जमशेदपुर : जीएसटी लागू होने के 45 दिन बाद बाजार में पहले जैसी अफरातफरी तो नहीं, लेकिन व्यापार पटरी पर नहीं लौटा है. अधिकांश रजिस्टर्ड डीलर जीएसटी में माइग्रेट कर चुके हैं, लेकिन रेट, एचएसएन कोड, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2017 4:22 AM

पटरी पर नहीं आया व्यापार : रेट, कोड, बिलिंग को लेकर भ्रम

वाणिज्य कर विभाग सहायता देने काे तैयार
जमशेदपुर : जीएसटी लागू होने के 45 दिन बाद बाजार में पहले जैसी अफरातफरी तो नहीं, लेकिन व्यापार पटरी पर नहीं लौटा है. अधिकांश रजिस्टर्ड डीलर जीएसटी में माइग्रेट कर चुके हैं, लेकिन रेट, एचएसएन कोड, रिवर्स चार्ज और बिलिंग को लेकर संशय बरकरार है.
ट्रांसपोर्टेशन में सुधार हुआ है, लेकिन बुकिंग अब भी मई-जून के मुकाबले 30-40 प्रतिशत कम बताई जा रही है. जमशेदपुर वाणिज्य कर विभाग रजिस्ट्रेशन आैर माइग्रेशन नये सिरे से अभियान चलाने जा रहा है. विभाग के संयुक्त आयुक्त जेपी टाेप्पाे ने बताया कि अॉन लाइन रिर्टन भरने का तरीका सिखाने के साथ व्यापारियों को जीएसटी नंबर लेने लिए जागरूक किया जा रहा.
मार्केट अभी स्थिर नहीं हो पाया. सिंहभूम चेंबर अॉफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष मानव केडिया ने बताया कि मार्केट अभी स्थिर नहीं हो पाया है और व्यापारी अब भी रेट, कोड, बिलिंग पैटर्न को समझने की कोशिश कर रहे हैं. मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेज और ट्रेडिंग जैसे सभी वर्टिकल्स के लिए एक लेवल प्लेइंग फील्ड मिलने के नतीजे अब दिखेंगे. त्योहारी सीजन की सप्लाइ को लेकर चिंता सताने लगी है.
अलग-अलग टैक्स दरों के कारण मुश्किलें : मंटू
जमशेदपुर चेंबर अॉफ कॉमर्स के महासचिव हरविंदर सिंह मंटू के अनुसार बाजार जुलाई के पहले हफ्ते के बुरे दौर से उबरने की कोशिश कर रहा, लेकिन एक ही व्यापार में अलग-अलग टैक्स दरों ने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं.सभी कंपनियों ने भी प्रॉडक्ट की कीमतें 10-15 प्रतिशत तक बढ़ा दी हैं, जिससे ग्राहक भी ठिठक गये हैं. डीलर्स को एचएसएन कोड और अन्य औपचारिकता पूरा करने में समय लग रहा. फिलहाल आधे से ज्यादा ट्रेडर सिर्फ बिल ऑफ सप्लाइ कर काम चला रहे हैं, जिन्हें बाद में इनवॉइस के रूप में रिवाइज कराना होगा.

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