एक सप्ताह से घेरी जा रही थी चार एकड़ जमीन, लाठी-डंडे से लैस थी महिलाएं, लगाया भेदभाव बरतने का आरोप
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महिलाओं ने पुलिसवालों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा
एक सप्ताह से घेरी जा रही थी चार एकड़ जमीन, लाठी-डंडे से लैस थी महिलाएं, लगाया भेदभाव बरतने का आरोप जमशेदपुर : एक्सएलआरआइ और कोऑपरेटिव कॉलेज के बीच वाली जमीन पर अतिक्रमण हटाने गयी पुलिस पर महिलाओं ने तब हमला किया जब भेदभाव बरतने का आरोप लगाने पर पुलिस ने उल्टे उन्हें ही धमकाना शुरू […]
जमशेदपुर : एक्सएलआरआइ और कोऑपरेटिव कॉलेज के बीच वाली जमीन पर अतिक्रमण हटाने गयी पुलिस पर महिलाओं ने तब हमला किया जब भेदभाव बरतने का आरोप लगाने पर पुलिस ने उल्टे उन्हें ही धमकाना शुरू कर दिया. टाटा स्टील के लैंड डिपार्टमेंट से शिकायत मिलने के पूर्व भी कॉलेज प्रशासन की ओर से क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण की शिकायत मिली थी , लेकिन उस समय कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
कंपनी की शिकायत के बाद दबाव में आयी जमशेदपुर पुलिस भारी संख्या में जवानों को लेकर वहां पहुंची थी. टाटा स्टील के लैंड डिपार्टमेंट के सुरक्षाकर्मियों का दल भी पहुंचा. पुलिस व कंपनी की टीम ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण कर बनाये गये सभी नये मकानों को तो तोड़ दिया, लेकिन बिष्टुपुर थाने की जीप चलाने वाले का मकान छोड़ दिया. कार्रवाई के बाद जैसे ही पुलिस व सुरक्षाकर्मियों का दल लौटने लगा, स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया. लोग पुलिस ड्राइवर के मकान को छोड़ दिये जाने पर सवाल उठाने लगे.
इस पर पुलिस ने उन्हें धमकी देकर चुप कराने की कोशिश की. जवाब में महिलाओं ने पारंपरिक हथियार से लैस होकर पुलिस पर हमला बोल दिया. महिलाओं ने पुलिस को खदेड़-खदेड़कर पीटा और राइफलें भी लूटने की कोशिश की. छीना-झपटी में किसी जवान की गोली भी गिर गयी.
महिलाओं ने पुलिसवालों को को-ऑपरेटिव कॉलेज के पिछले हिस्से से लेकर मुख्य गेट तक खदेड़ा. हमले के दौरान स्थानीय लोगों ने पुलिस की एक जिप्सी को भी तोड़ दिया. करीब एक सप्ताह से जमीन की घेराबंदी की जा रही थी. यह जमीन टाटा लीज के अधीन आती है. यहां एक सप्ताह से मकान बनाया जा रहा था. चार एकड़ के करीब यह जमीन है. घेराबंदी को लेकर पुलिस को भी जानकारी दी गयी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
बेल्डीह बस्ती के बगल से शुरू हुआ था अतिक्रमण : इस एरिया में पहले से ही बेल्डीह बस्ती बसी हुई है. यह भी 86 बस्ती की सूची में आती है, लेकिन इससे सटे हुए बस्ती को एक नया रूप दिया जा रहा था और अतिक्रमण कराया जा रहा था. बेल्डीह बस्ती के लोगों में भी इस बात को लेकर गुस्सा था कि उनके हिस्से को भी वे लोग मार रहे थे और अगर कार्रवाई होगी, ताे सभी लोग इसमें घिर जायेंगे. जमीन टाटा लीज की है, लेकिन को-ऑपरेटिव कॉलेज को यह जमीन आवंटित की गयी है.
जमीन पर अतिक्रमण करने की लगातार शिकायत कॉलेज की ओर से बिष्टुपुर पुलिस से की गयी. साथ ही टाटा स्टील लैंड डिपाटमेंट में भी की गयी, जिससे कॉलेज का माहौल बिगड़ने तक की शिकायत की गयी थी, लेकिन किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गयी. पुलिस और प्रशासन बिना तैयारी के ही मौके पर पहुंच गयी थी. यही वजह रही की जब लोगों ने विरोध किया तो पुलिस और प्रशासन की ओर से उसे रोका तक नहीं जा सका. इस दौरान नौबत यहां तक आ गयी विरोध के कारण प्रशासन को मौके से भागना पड़ा.
जमीन पर अतिक्रमण बहुत ही सोच समझ कर किया जा रहा था. जमीन की पहले बकायदा प्लॉटिंग की गयी. रास्ता तैयार किया गया, फिर ईंट से मकान बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी और कई मकान नये सिरे से बना दिये गये थे. पुलिस पर हमला होने के बाद मौके पर बड़ी गाड़ियों व बाइक से चार लोग पहुंचे थे. लोगों ने बताया कि इन्हीं लोगों के शह पर अतिक्रमण हो रहा था. इन लोगों ने मौके पर महिलाओं और अन्य लोगों को शाबाशी भी दी और लोगों को भड़काया कि इसी तरह का विरोध करते रहना है. हालांकि किसी ने चारों की पहचान नहीं बतायी.
करीब एक किलोमीटर तक पुलिस को खदेड़ा
अतिक्रमण हटाने गयी पुलिस की टीम को लोगों ने करीब एक किलोमीटर तक खदेड़ कर पीटा. लोगों ने को-ऑपरेटिव कॉलेज के मरीन ड्राइव के किनारे से लेकर कॉलेज के मेन गेट तक टीम को खदेड़ा गया. इस दौरान अतिक्रमण करने वाले लोग काफी आक्रमक दिख रहे थे.
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