बदहाल उद्योग विभाग से कैसे होगा कोल्हान में 2100 करोड़ का निवेश!

जमशेदपुर : कोल्हान में करीब 2100 करोड़ रुपये के निवेश की आधारशिला रखी जा चुकी है. उद्योग विभाग को पूरे निवेश को धरातल पर उतारने के लिए नोडल एजेंसी के रूप में अधिकृत किया गया है. लेकिन यह विभाग खुद बदहाल है. न दफ्तर में न्यूनतम सुविधाएं हैं न आवश्यकता के अनुसार मैनपावर ही है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2017 5:16 AM

जमशेदपुर : कोल्हान में करीब 2100 करोड़ रुपये के निवेश की आधारशिला रखी जा चुकी है. उद्योग विभाग को पूरे निवेश को धरातल पर उतारने के लिए नोडल एजेंसी के रूप में अधिकृत किया गया है. लेकिन यह विभाग खुद बदहाल है. न दफ्तर में न्यूनतम सुविधाएं हैं न आवश्यकता के अनुसार मैनपावर ही है. एक महाप्रबंधक के जिम्मे पूरे कोल्हान का उद्योग विभाग निर्भर है. यहां 70 कंपनियां निवेश करेंगी लेकिन उनके लिए निवेश का मार्ग प्रशस्त करने की जिम्मेवारी है वही खस्ताहाल है.

उद्योग विभाग का भवन : लोगों के बैठने का इंतजाम नहीं : उद्योग विभाग के भवन में पहले पुराना रजिस्ट्री ऑफिस चलता था. बाकी एरिया खाली रहता था. आज इसकी स्थिति यह है कि यहां बैठने तक का इंतजाम नहीं है. चारों ओर गंदगी का आलम है.
मैनपावर की भी कमी : पूरे कोल्हान के लिए उद्योग विभाग को नोडल एजेंसी बहाल किया गया है, लेकिन इस विभाग में यहां पदाधिकारियों की काफी कमी है. एक महाप्रबंधक हैं, तो उद्योग विस्तार पदाधिकारी के रूप में एक पदस्थापन किया गया है. रोजगार योजनाओं से संबंधित सभी तरह के लोन उद्योग विभाग के माध्यम से ही पारित होता है. ऐसे में स्टाफ की कमी के कारण कोई कामकाज नहीं हो पा रहा है.
छत से लेकर दीवार तक उग आये हैं घास : उद्योग भवन के मेंटेनेंस का हाल यह है कि इसकी छत जंगल व घास से भर गये हैं. दीवार में भी घास उग आये हैं.उद्योग विभाग के भवन में जाने तक का रास्ता ठीक नहीं है. इसके आगे अतिक्रमण हो चुका है. विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों तक को आने-जाने में दिक्कत होती है.
उद्योग भवन दुरुस्त होगा : जीएम
उद्योग विभाग के महाप्रबंधक शंभु शरण बैठा ने बताया कि उद्योग भवन दुरुस्त किया जायेगा. इसके लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेज दिया गया है. जहां तक निवेश की बात है तो अब सारे लोग ऑनलाइन ही सेवा लेते हैं. पहले से रजिस्ट्री ऑफिस था जिस कारण भवन का यह हाल हुआ है. अतिक्रमण भी है उसको हम लोग हटाने का प्रयास करेंगे. सरकार व उपायुक्त के माध्यम से पत्राचार किया जा रहा है.

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