जेल में नये आने वाले बंदियों की लगती है बोली

जमशेदपुर: जेल में बंदियों से वसूली नयी बात नहीं है. पुराने बंदी बोली लगा नये बंदियों को अपने वार्ड में ले जाते हैं. बंदियों से खाना, रहने और अन्य सुविधा के नाम पर अलग-अलग शुल्क वसूला जाता है. जो बंदी सुविधा शुल्क नहीं देता, उसकी सुविधा में कटौती कर दी जाती है, जबकि शुल्क देने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2017 9:46 AM
जमशेदपुर: जेल में बंदियों से वसूली नयी बात नहीं है. पुराने बंदी बोली लगा नये बंदियों को अपने वार्ड में ले जाते हैं. बंदियों से खाना, रहने और अन्य सुविधा के नाम पर अलग-अलग शुल्क वसूला जाता है. जो बंदी सुविधा शुल्क नहीं देता, उसकी सुविधा में कटौती कर दी जाती है, जबकि शुल्क देने वाले बंदियों को जेल में हर सामान और सुविधा घर जैसे उपलब्ध कराया जाता है. नये बंदियों को पहले दिन आमद वार्ड में रखा जाता है. दूसरे दिन आमद वार्ड से बंदियों को दूसरे वार्ड में भेजा जाता है.
कंबल के ऊपर लगता है कंबल. जेल की भाषा में चबूतरे को पट्‌टी और नीचे की फर्श को खइया कहते हैं. जो बंदी जितना पैसा देता है, उसका बिस्तर कंबल से उतना मोटा हो जाता है.
जेल के कई वार्ड में बंदियों ने अपने स्तर से रंग रोगन भी करा रखा है. जेल में सुविधा के लिए नये बंदियों को पैसे का भुगतान जेल में ही करने की जरूरत नहीं होती है. उनके नाम पते पर जाकर दूसरा व्यक्ति परिजनों से घर से ही भुगतान ले लेता है. बाद में ये पैसा जेल तक पहुंच जाता है.
कैंटीन भी फाइव स्टार से कम नहीं. जेल की कैंटीन भी फाइव स्टार से कम नहीं है. जेब में माल हो, तो कैंटीन में हर सामान तैयार है. अच्छी सब्जी, दाल चावल आदि के एवज में सप्ताह का 1 हजार से डेढ़ हजार बंदियों को लग जाते हैं. जेल के कई वार्ड में ही हीटर पर खाना बनता है. किसी बंदी को जो सब्जी खाना है. उसके अनुसार भुगतान करते ही सब्जी हाजिर हो जाता है. अब तक जेल प्रशासन ही कैंटीन में सब्जी बिक्री करा रहा है. जेल के एक बंदी को कैंटीन संचालन की जिम्मेवारी सौंपी गयी है.
मुलाकाती से शुरू होता है पैसों का खेल
जेल आने वाले नये बंदी के परिजनों को मुलाकाती से ही पैसा देना पड़ता है. मोबाइल जेल में जा नहीं सकता, इसलिए बाहर ही जमा करना पड़ता है और मोबाइल जमा करने के गेट पर दस रुपये बसूले जाते हैं. जेल गेट पर ही मोबाइल फोन पुलिसकर्मियों के पास देखी जा सकती है. सामान और परची बनाने और मुलाकाती होने तक 50 रुपये से लेकर 100 रुपये लग जाते हैं. जेल के अंदर परिजन तक अलग-अलग समान पहुंचाने का अलग-अलग रेट है. जेल में बंदियों को मोबाइल फोन की भी सुविधा मिलती है. उसका रेट अलग-अलग वार्ड में अलग-अलग है.

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