शिकंजे में गैंगस्‍टर, पत्‍नी के साथ बिना नंबर की इंडीवर कार से गुरुग्राम आया था अखिलेश

जमशेदपुर: गुड़गांव (गुरुग्राम) में गिरफ्तार अखिलेश सिंह ने जिला पुलिस की टीम को बताया है कि जमशेदपुर छोड़ने के बाद पुलिस की दबिश और चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज जब्त होने के बाद उसकी स्थिति इतनी खराब हो गयी थी कि जगह बदल-बदल कर पुलिस से बचता फिर रहा था. पुलिस से बचने के लिए उसने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2017 8:18 AM

जमशेदपुर: गुड़गांव (गुरुग्राम) में गिरफ्तार अखिलेश सिंह ने जिला पुलिस की टीम को बताया है कि जमशेदपुर छोड़ने के बाद पुलिस की दबिश और चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज जब्त होने के बाद उसकी स्थिति इतनी खराब हो गयी थी कि जगह बदल-बदल कर पुलिस से बचता फिर रहा था. पुलिस से बचने के लिए उसने दाढ़ी बढ़ा ली थी और हेयर स्टाइल भी चेंज किया था.

कुछ दिनों तक ससुराल (बनारस) में रहा और वहां से कई ठिकाने बदले. गुरुग्राम के विस्कॉन गेस्ट हाउस में अखिलेश अपनी पत्नी के साथ 10 अक्तूबर (मंगलवार) की शाम को जयपुर से पहुंचा था. वह बिना नंबर की फोर्ड कंपनी की इंडीवर कार से आया था तथा एक दिन का गेस्ट का कमरा नंबर 102 बुक कराया था. पुलिस की छापेमारी के दौरान अखिलेश सिंह और उसकी पत्नी थी. उसने पुलिस को बताया है कि अधिकांश समय उसका गुरुग्राम में बीतता था. इसके अलावा बनारस, देहरादून, नोएडा में वह रह रहा था.

रिमांड पर लेकर पुलिस करेगी पूछताछ : एसएसपी अनूप टी मैथ्यू ने बताया है कि अखिलेश और उसकी पत्नी के खिलाफ गुरुग्राम में मामला दर्ज किया गया है. अखिलेश का सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है. चिकित्सकों द्वारा इंजेक्शन देने की वजह से अखिलेश सिंह से ज्यादा पूछताछ नहीं हो सकी. अखिलेश की पत्नी से पूछताछ की जा रही है. वहां की पुलिस अखिलेश सिंह की पत्नी को जेल भेजेगी. पुलिस टीम रिमांड पर लेकर पूछताछ कर अखिलेश के ठिकानों और उसकी संपत्ति के बारे में जानकारी हासिल करेगी.

ग्रामीण एसपी रात में पहुंचे थे गुरुग्राम, एसएसपी ने टीम को दी बधाई
एसएसपी अनूप टी मैथ्यू को तकनीकी सेल की टीम ने सूचना दी कि अखिलेश सिंह 10 अक्तूबर को गुरुग्राम में जा रहा है. उन्होंने गुड़गांव के डीसीपी सुमित कुंहार से बातचीत की. डीसीपी ने अखिलेश सिंह पर नजर रखना शुरू कर दिया. एसएसपी के निर्देश पर ग्रामीण एसपी प्रभात कुमार ने मंगलवार को दिन के एक बजे शहर छोड़ दिया. हवाई मार्ग द्वारा ग्रामीण एसपी गुरुग्राम में रात 11 बजे के बाद पहुंचे. इसके बाद डीसीपी के साथ मिलकर गेस्ट हाउस की रेकी कर टीम को कई टुकड़ियों में बांटकर घेराबंदी की और फिर गेस्ट हाउस के ग्राउंड फ्लोर में कमरों की तलाशी लेने लगी. इसबीच अखिलेश पकड़ा गया. एसएसपी ने अखिलेश को पकड़ने के लिए तैयार की टीम में शामिल सिटी एसपी प्रशांत आनंद, ग्रामीण एसपी प्रभात कुमार और कोर टीम में शामिल सभी जवानों को बधाई दी है.
उपेंद्र व अमित की हत्या पर चुप्पी साधे रहा अखिलेश
जमशेदपुर. हरियाणा के गुड़गांव में मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार अखिलेश सिंह ने कोर्ट परिसर में उपेंद्र सिंह और सोनारी में अमित राय की हत्या के कारणों के बारे में पूछताछ की, लेकिन अखिलेश ने पुलिस को कुछ जवाब नहीं दिया. पुलिस उससे दोनों हत्याकांड के बारे में जानने का प्रयास कर रही थी. इस बीच वहां सिविल अस्पताल के चिकित्सकों ने अखिलेश सिंह को दर्द का इंजेक्शन दे दिया, जिस वजह से पुलिस उससे ज्यादा पूछताछ नहीं कर पायी. अखिलेश से पुलिस गुरुवार को उसके आगे के प्लान के बारे में जानकारी हासिल करेगी.
एक माह पहले अखिलेश को कार किसी ने की थी गिफ्ट : जमशेदपुर पुलिस को अखिलेश सिंह ने पूछताछ में कहा कि उसे इंडीवर कार को किसी व्यापारी ने एक सप्ताह पूर्व गिफ्ट की है. हांलाकि अखिलेश ने व्यापारी का नाम पुलिस को नहीं बताया है लेकिन हरियाणा पुलिस कार के इंजन व चेचिस नंबर के आधार पर मालिक तक पहुंचने का काम कर रही है.
अखिलेश सिंह गैंग में झारखंड बिहार और यूपी के 50 अपराधी
रांची. संगठित अपराध में यूं तो झारखंड में कई अपराधी गिरोह लप्ति हैं. लेकिन अखिलेश सिंह गिरोह सबसे ज्यादा पुलिस को चुनौती दे रहा था. अखिलेश सिंह गिरोह में झारखंड, बिहार व उत्तर प्रदेश के 50 से भी अधिक अपराधी शामिल हैं. पिछले तीन सालों में अपराध की दुनिया में गुर्गों की मदद से अखिलेश सिंह ने दर्जनों वारदात को अंजाम दिया. यही वजह रही कि तमाम प्रयासों के बाद भी जब पुलिस उसे पकड़ नहीं सकी, तो सीआइडी मुख्यालय की अनुशंसा पर इसके खिलाफ पांच लाख रुपये के इनाम की घोषणा राज्य सरकार ने विगत माह की थी.
आशीष डे की हत्या के आरोप में िवक्रम देहरादून से पकड़ाया था
जमशेदपुर. जिला पुलिस ने अखिलेश सिंह के अपराधिक गुरु सह 2007 में श्रीलेदर्स के मालिक आशीष डे की हत्या के बाद से फरार विक्रम शर्मा को 15 अप्रैल 2017 को देहरादून के अमन विहार से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थी. विक्रम शर्मा पर जिला पुलिस ने 30 हजार रुपये का इनाम रखा था. देहरादून पुलिस के साथ सिटी एसपी प्रशांत आनंद, डीएसपी सुधीर कुमार, उलीडीह थानेदार मुकेश चौधरी ने छापेमारी की थी. वर्तमान में विक्रम शर्मा का एमजीएम अस्पताल के कैदी वार्ड में इलाजरत है.
7 सितंबर को अमलेश सिंह भुवनेश्वर से हुआ था गिरफ्तार
अखिलेश सिंह के बड़े भाई अमलेश सिंह को पुलिस ने भुवनेश्वर एयरपोर्ट से 7 सितंबर 2017 को गिरफ्तार किया. अमलेश जिला से तड़ीपार है अौर ब्लू स्कोप के ठेकेदारों से रंगदारी के मामले में सिदगोड़ा पुलिस उसकी तलाश कर रही थी. तीन दिनों की रिमांड पर पूछताछ के बाद पुलिस ने सिदगोड़ा थाना में स्क्रैप व्यापारियों से रंगदारी मांगने का एक अन्य मामला दर्ज किया. अमलेश पर शहर के विभिन्न थाना में दो दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं. श्रीलेदर्स के मालिक आशीष डे की हत्या, सोनारी आशियाना में एलएंडटी के प्रोजेक्ट मैनेजर के घर पर फायरिंग, साकची में सापुरजी पालमजी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर पर फायरिंग, टाटा स्टील के सुरक्षा इंस्पेक्टर जयराम सिंह की हत्या, परमजीत सिंह के भाई सत्येंद्र सिंह के ससुराल पर फायरिंग, रवि चौरसिया पर हमला समेत कई मामले उस पर दर्ज है. आशीष डे हत्याकांड में उम्र कैद का अमलेश सजायाफ्ता है.
काबरा की हत्या के बाद रंगदारी वसूली में जुट गया
जमशेदपुर. 20 सितंबर 2002 को शहर के प्रमुख केबुल ऑपरेटर मैक्सवल माइकल की साकची से बिष्टुपुर जाते समय गोली मार कर हत्या कर दी गयी. हत्या का केस तो दूसरों के खिलाफ दर्ज हुआ, लेकिन घटना के पीछे यह बात सामने आयी कि अखिलेश सिंह-रणजीत चौधरी ने माइकल से रंगदारी मांगी थी और नहीं देने पर उसकी हत्या कर दी. पुलिस अखिलेश तक पहुंच भी नहीं पायी थी कि 6 नवंबर 2002 को जब पूरे विश्व की नजर जमशेदपुर में हो रहे भारत-वेस्टइंडीज के बीच चल रहे एकदिवसीय मैच पर थी उसी समय दिन-दहाड़े ओम प्रकाश काबरा की कालीमाटी रोड स्थित दुकान में घुस कर गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. काबरा की हत्या के पीछे भी अखिलेश सिंह गिरोह का हाथ बताया गया. काबरा की हत्या के बाद तो अखिलेश सिंह पूरी तरह प्रोफेशनल हो गया और जमशेदपुर के एक और अपराधकर्मी रणजीत चौधरी के साथ मिल कर रकम वसूली और ठेकेदारी में लग गया. इस दौरान अखिलेश एवं रणजीत चौधरी पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र में पकड़े भी गये और हिरासत से भाग निकले. वर्ष 2003 में अखिलेश सिंह ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी दहशत कायम रखने के लिए गोलियां चलायी. 13 मार्च 2003 को अखिलेश सिंह गिरोह के नाबालिग शूटरों ने दिन दहाड़े कई बार बिष्टुपुर के व्यस्त चौक पर स्थित छगनलाल दयालजी एंड संस आभूषण दुकान पर कारबाइन से गोलियां चलायीं. इस घटना ने पूरे शहर में दहशत फैला कर रख दिया. 1 मार्च को ही बिष्टुपुर स्थित नटवर लाल सुखलाल आभूषण दुकान में फोन कर अखिलेश सिंह ने रंगदारी मांगी. इसके बाद पुन: 1 अगस्त को छगनलाल आभूषण दुकान पर गोली चलायी गयी. इस दौरान दो और घटना हुई जिसके पीछे अखिलेश सिंह-रणजीत चौधरी का हाथ बताया गया यह घटना थी कदमा के ठेकेदार संजय मित्तल-दिलीप मित्तल पर जुगसलाई में गोली और कदमा गोविंदनगर स्थित घर पर बम से हमला होना.
सापुरजीपालमजी के मैनेजर को मारी गोली : 7 नवंबर 2003 की सुबह-सुबह साकची आम बागान स्कूल के पास स्थित फ्लैट में घुस कर सापुरजीपालमजी के प्रोजेक्ट मैनेजर श्रीनिवासन पर पिस्टल से गोलियां चलायी गयी और उसके शूटर कारबाइन छो़ड कर भाग निकले. इस घटना के बाद पहली बार पुलिस ने अखिलेश सिंह के घर पर हाथ डाला और अखिलेश सिंह के भाई अमलेश सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. सापुरजीपालम की घटना के बाद अखिलेश सिंह गिरोह ने स्क्रैप व्यवसायी जीवन नरेडी से रंगदारी मांगी और धमकाया भी. 17 फरवरी को सोनारी आशियाना स्थित एलएंडटी के प्रोजेक्ट मैनेजर डीएम शाह के घर में अखिलेश सिंह गिरोह के शूटरों ने धावा बोला और विरोध करने पर सुरक्षाकर्मी को गोली मार कर घायल कर दिया. इस मामले में भी अखिलेश सिंह गिरोह का नाम आया और उसके भाई अमलेश सिंह को पुलिस ने पुन: गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस दौरान अखिलेश सिंह पर गत वर्ष दुर्ग के दो व्यापारियों का अपहरण में शामिल होने का आरोप भी लगा और अभियुक्त भी बनाया गया. 18 जनवरी 2002 को हिरासत से भागने के बाद अखिलेश सिंह हमेशा पुलिस पर भारी पड़ रहा था.
56 मामलों में से 30 में अदालत से जारी हो चुका है वारंट, सात नये केस भी हैं दर्ज
जमशेदपुर. वर्ष 2001 से लेकर वर्ष 2017 तक अखिलेश सिंह पर जिला के विभिन्न थानों में हत्या, रंगदारी, फायरिंग के 56 मामले दर्ज हैं. 30 मामलों में कोर्ट से वारंट जारी हो चुका है. इन मामलों अखिलेश सिंह ने हाइकोर्ट से जमानत ली हुई थी. वर्ष 2016 से 2017 के बीच फरारी के दौरान अखिलेश सिंह पर जिला पुलिस ने सात नये मामले दर्ज किये. इन मामलों में अखिलेश फरार चल रहा था.
अखिलेश के घर की दो बार हो चुकी है कुर्की : जिला पुलिस ने उपेंद्र सिंह की हत्या के बाद 3 दिसंबर 2016 को सिदगोड़ा रोड नंबर 28, र्क्वाटर नंबर एक में रंगदारी के एक मामले में गोलमुरी पुलिस की मदद से अखिलेश सिंह के घर की कुर्की की थी. इस दौरान पुलिस ने दो लाइसेंसी राइफल, 27 सीसीटीवी कैमरा समेत अन्य सामानों को जब्त किया था. 24 मार्च 2017 को अखिलेश के बिरसानगर सृष्टि गार्डेन में एक अपार्टमेंट में कुर्की जब्ती की गयी. 29 मार्च को दोबारा सृष्टि गार्डेन के फ्लैट में छापेमारी कर दस्तावेज काे जब्त किया था.
अखिलेश सिंह कब-कबकियासरेंडर व पे रोल पर निकला
10 अगस्त 2001 को किया था काबरा अपहरणकांड में कोर्ट में सरेंडर
18 जनवरी 2002 को हिरासत से भाग निकला था
7 अक्तूबर 2004 को हुआ बिहार के बक्सर गिरफ्तार
2 सितंबर 2007 को मां के इलाज के लिए टाइम बेल मिलने निकला था जेल से
2 नवंबर 2007 को आशीष डे हत्याकांड में नाम आने के बाद अखिलेश सिंह शहर छोड़ कर भागा
29 दिसंबर 2011 को नोएडा से एसटीएफ ने अखिलेश सिंह को किया था गिरफ्तार
मार्च 2015 में अखिलेश सिंह पिता के इलाज के लिए पे रोल पर निकला था बाहर
28 अगस्त 2016 को गोलमुरी में रंगदारी का मामला दर्ज दर्ज होने पर पे रोल पर निकला अखिलेश ने शहर छोड़ा
अखिलेश सिंह का अापराधिक इतिहास
28 जुलाई 2001 को साकची से ओम प्रकाश काबरा का अपहरण
4 अगस्त 2001 को आजादनगर में अखिलेश समेत तीन के खिलाफ काबरा अपहरण में बाइक में गलत नंबर लगाने का मामला दर्ज
10 अगस्त 2001 को काबरा अपहरण में अखिलेश सिंह ने किया सरेंडर
8 अगस्त 2002 को बिष्टुपुर थाना में अखिलेश के पुलिस हिरासत से भागा
12 मार्च 2002 को साकची जेल के जेलर उमा शंकर पांडेय की हत्या
20 जून 2002 को सिदगोड़ा थाना प्रभारी अरविंद कुमार पर गोली चलायी
11 सितंबर 2002 को जुगसलाई में संजय कुमार मित्तल पर गोली चलायी
28 सितंबर 2002 को कदमा थाना में रंगदारी नहीं देने पर संजय कुमार मित्तल के घर पर बम से हमला
7 नवंबर 2003 को साकची थाना में एसबी श्रीनिवासन को रंगदारी नहीं देने पर गोली मारी
17 फरवरी 2004 को सोनारी थाना में धरमदास को रंगदारी नहीं देने पर सिक्यूरिटी गार्ड को गोली मारी
3 अप्रैल 2004 को व्यापारियों को धमकी देकर आइसीआइसीआइ बैंक में रुपये जमा कराने की घटना
2 नवंबर 2007 को श्रीलेदर्स के मालिक आशीष डे की हत्या
12 मार्च 2008 को साकची काशीडीह स्थित घर में घुस कर रवि चौरसिया पर फायरिंग
20 मार्च 2008 को पूर्व जज आरपी रवि पर फायरिंग
20 मई 2008 को आशीष डे के साकची स्थित घर पर फायरिंग
जुलाई-सितंबर 2008 को बिष्टुपुर कांट्रेक्टर एरिया पर नट्टू झा के ऑफिस पर दो बार फायरिंग
8 अगस्त 2008 को बन्ना गुप्ता के ऑफिस पर फायरिंग
28 अगस्त 2008 को परमजीत सिंह के भाई सत्येंद्र सिंह पर फायरिंग
17 सितंबर 2008 को परमजीत सिंह के कैदी वैन पर फायरिंग
4 अक्तूबर 2008 को टाटा स्टील के सुरक्षा पदाधिकारी जयराम सिंह की हत्या
28 अगस्त 2016 को गोलमुरी में स्क्रैप व्यापारियों से रंगदारी मांगने का अखिलेश सिंह पर मामला दर्ज
23 अक्तूबर 2016 को साकची र्स्वणरेखा प्लैट के पास अमित राय पर फायरिंग
30 नवंबर 2016 को जमशेदपुर कोर्ट में गैंगवार को लेकर उपेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या
6 दिसंबर 2016 को सोनारी शिवगंगा अर्पाटमेंट में अमित राय की गोली मारकर हत्या
24 मार्च 2017 को बिरसानगर थाना में फरजी तरीके से दस्तावेज तैयार कर संपत्ति रखने का अखिलेश और उसकी पत्नी गरिमा सिंह पर मामला दर्ज

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