बिल्डर रोहित 10 माह से तो माफिया विक्रम शर्मा दो महीने से है भर्ती एमजीएम अस्पताल
अशोक झा जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल घाघीडीह सेंट्रल जेल के कुछ बंदियों के लिए आरामगाह बन गया है. कई बंदी यहां एक-एक साल तक इलाज के नाम पर पड़े रहते हैं. वर्तमान में बिल्डर रोहित सिंह जो धोखाधड़ी में जेल में बंद है पिछले साल के दिसंबर माह से एमजीएम में पड़ा हुआ है. उसे […]
अशोक झा
जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल घाघीडीह सेंट्रल जेल के कुछ बंदियों के लिए आरामगाह बन गया है. कई बंदी यहां एक-एक साल तक इलाज के नाम पर पड़े रहते हैं.
वर्तमान में बिल्डर रोहित सिंह जो धोखाधड़ी में जेल में बंद है पिछले साल के दिसंबर माह से एमजीएम में पड़ा हुआ है. उसे हार्निया की शिकायत थी, जिसका अभी हाल में ऑपरेशन किया गया है. वहीं, गुरुग्राम में पकड़े गये गैंगस्टर अखिलेश सिंह का गुरु माने जाने वाला विक्रम शर्मा भी पिछले करीब दो माह से कमर में चोट के कारण यहां आराम फरमा रहा है.
विक्रम शर्मा इसी साल 15 अप्रैल को देहरादून से गिरफ्तार किया गया था. अगस्त माह में जैसे ही उसे रांची जेल ट्रांसफर करने का आदेश जारी हुआ, उसके ठीक अगले दिन उसे कमर में दर्द शुरू हुआ और वह एमजीएम अस्पताल में आकर भर्ती
कौन बंदी कब से इलाजरत
रोहित सिंह 16 दिसंबर 2016 से अब तक
हरप्रीत सिंह 22 जून 2017 से अब तक
विक्रम शर्मा 26 अगस्त 2017 से अब तक
दीपू महतो 22 सितंबर 2017 से अब तक मुझे इस मामले में कोई जानकारी नहीं है, ना ही मुझे कोई रिपोर्ट सौंपी गयी है.
डॉ बी भूषण, अधीक्षक, एमजीएम अस्पताल
कैदी वार्ड में टीवी कहां से आयी?
जेल की जगह बंदी इलाज के नाम पर एमजीएम में तो रहते है, लेकिन खाना अस्पताल की जगह होटल का खाते हैं या स्वयं बंदी वार्ड में बना कर खाते हैं. एमजीएम अस्पताल के किसी वार्ड में मरीजों के मनोरंजन के लिए टीवी नहीं है, लेकिन बंदी वार्ड में मरीजों को केबुल सुविधा के साथ टीवी उपलब्ध है, यहां पंसदीदा चैनल देखते है. एमजीएम के बंदी वार्ड में टीवी कहां से आया है और केबुल (डिश)का बिल हर माह कौन चुका रहा है. यह जांच का विषय है.