जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य ने जारी किया परीक्षा विभाग के लिए निर्देश, लिपिक को शो-कॉज, उठायेंगे प्रमाणपत्र बनाने का खर्च
जमशेदपुर: स्नातक का प्रमाणपत्र संबंधित उम्मीदवार की बजाय दूसरे शख्स को निर्गत करने के मामले को जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. कॉलेज के परीक्षा विभाग के डिप्टी परीक्षा कंट्रोलर ब्रजेश कुमार ने पूरे मामले में प्रथम दृष्टया दोषी लिपिक विश्वनाथ के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है. तीन दिनों के […]
जमशेदपुर: स्नातक का प्रमाणपत्र संबंधित उम्मीदवार की बजाय दूसरे शख्स को निर्गत करने के मामले को जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. कॉलेज के परीक्षा विभाग के डिप्टी परीक्षा कंट्रोलर ब्रजेश कुमार ने पूरे मामले में प्रथम दृष्टया दोषी लिपिक विश्वनाथ के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है. तीन दिनों के अंदर इसका जवाब देने के लिए कहा गया है. वहीं आदिवासी युवक नुवेल मिंज का मूल प्रमाणपत्र रांची विवि से बनवा कर निर्गत करने का निर्देश दिया.
इस पूरी प्रक्रिया में खर्च होने वाली राशि संबंधित लिपिक को अपने वेतन मद से वहन करना होगा. प्रभात खबर ने पूरे मामले का खुलासा किया था. प्राचार्य डॉ. एमआर सिन्हा ने कॉलेज के परीक्षा विभाग को निर्देश जारी किया है कि वह किसी भी हाल में किसी व्यक्ति का प्रमाण पत्र अथवा अंक पत्र दूसरे व्यक्ति को निर्गत नहीं करें. भविष्य में गलती की पुनरावृत्ति होने पर संबंधित लोगों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है.
शनिवार को पूरे विवाद का खुलासा होने के बाद कॉलेज ने आदिवासी युवक को स्नातक पास आउट का रांची विवि से निर्गत प्रोविजनल सर्टिफिकेट प्रदान कर दिया. प्राचार्य ने परीक्षा विभाग का निर्देश दिया कि वह पूरे मामले की फिर जांच करे. यह पता लगाने का प्रयास किया जाये कि जिस पूर्व कर्मचारी के हस्ताक्षर को गवाही के तौर पर इस्तेमाल किया गया. वह हस्ताक्षर संबंधित कर्मचारी का है अथवा नहीं. ज्ञात हो कि कॉलेज प्रशासन की गलती से बिजली विभाग में कार्यरत आदिवासी युवक का स्नातक प्रमाण पत्र किसी दूसरे व्यक्ति को निर्गत कर दिया गया. प्रोन्नति आवेदन के साथ प्रमाण पत्र जमा करने की आवश्यकता पर युवक कॉलेज पहुंचा. आवेदन देने के बाद पूरी गड़बड़ी का खुलासा हुआ.