शिक्षा विभाग व अल्पसंख्यक स्कूल प्रबंध समिति आमने-सामने
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नव नियुक्ति शिक्षकों की बहाली पर तकरार
शिक्षा विभाग व अल्पसंख्यक स्कूल प्रबंध समिति आमने-सामने जमशेदपुर : जिले के अल्पसंख्यक स्कूलों में नव नियुक्त शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया की जांच शुरू कर दी गयी है. इस जांच के बाद अल्पसंख्यक स्कूल प्रबंध समिति के साथ ही जिला शिक्षा विभाग में ठन गयी है. अल्पसंख्यक स्कूल प्रबंध समिति इस जांच का विरोध […]
जमशेदपुर : जिले के अल्पसंख्यक स्कूलों में नव नियुक्त शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया की जांच शुरू कर दी गयी है. इस जांच के बाद अल्पसंख्यक स्कूल प्रबंध समिति के साथ ही जिला शिक्षा विभाग में ठन गयी है.
अल्पसंख्यक स्कूल प्रबंध समिति इस जांच का विरोध कर रहा है. जिला शिक्षा अधीक्षक बांके बिहारी सिंह ने पिछले दिनों सभी अल्पसंख्यक स्कूलों के प्रबंध समिति की एक बैठक बुलायी थी. इसमें प्रबंध समिति को शिक्षा निदेशालय की अोर से जारी किया गया एक चेकलिस्ट दिया गया था. जिसमें स्कूल प्रबंध समिति को खुद स्कूल से संबंधित कई जानकारी देनी थी. जानकारी को देने के लिए 23 अक्तूबर तक का समय दिया गया था. लेकिन इस मामले में अल्पसंख्यक स्कूलों के प्रबंध समिति के सदस्य मंगलवार को जिला शिक्षा अधीक्षक से मिलेंगे अौर अपना पक्ष को रखेंगे.
28 को साकची गुरु नानक हाइ स्कूल में तय होगी रणनीति. 28 अक्तूबर को दोपहर 3 बजे साकची स्थित गुरुनानक हाइस्कूल में एक बैठक आयोजित की गयी है. इसमें आगे के आंदोलन की रूप-रेखा तय की जायेगी. अल्पसंख्यक/सहायता प्राप्त प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले अल्पसंख्यक स्कूलों में कार्यरत सभी शिक्षकों को एक पत्र भेजा गया है. जिसमें आर-पार की लड़ाई लड़ी की रणनीति तय की जायेगी.
अल्पसंख्यक स्कूल के शिक्षकों
के विरोध का कारण
इस तरह के मामले में एक शिक्षिका ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. न्यायालय के आदेश पर एक ही दिन में उक्त शिक्षिका का वेतन निर्धारण होने से लेकर वेतन भुगतान भी हो गया, तो दूसरे शिक्षकों का वेतन निर्धारण क्यों नहीं
यदि नियुक्ति प्रक्रिया में कोई त्रुटि थी तो अंतर्विक्षा में सरकारी पदाधिकारी ने क्यों अपना हस्ताक्षर कर संचिका को अग्रसारित किया.
नव नियुक्त शिक्षक-शिक्षिकाअों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच के बाद डीएसइ द्वारा अनुमोदन भी किया जा चुका है, लेकिन इसके बाद भी वेतन निर्धारण नहीं हो रहा है.
क्या है पूरा मामला
पूर्वी सिंहभूम जिले के अल्पसंख्यक स्कूलों में स्कूल प्रबंध समिति ने अलग-अलग मापदंडों के आधार पर शिक्षकों को बहाल किया था अौर उसे अनुमोदित करने के लिए तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक के पास भेज दिया. जिला शिक्षा अधीक्षक ने भी उसे प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के पास अग्रसारित कर दिया. लेकिन पूरी बहाली में सरकार के तय गाइडलाइन का पालन किया गया है या नहीं, इसकी जांच नहीं की गयी. इस कारण किसी भी शिक्षक का वेतन निर्धारण नहीं हो पाया. अब उनके वेतन निर्धारण के लिए जब जांच शुरू हो रही है तो इसका विरोध किया जा रहा है.
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