इस समय एनआइसीयू में सात व पीआइसीयू में दो नवजातों का हो रहा है इलाज
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एमजीएम: रोज एक से ज्यादा नवजात की मौत
इस समय एनआइसीयू में सात व पीआइसीयू में दो नवजातों का हो रहा है इलाज जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल के एनआइसीयू तथा पीआइसीयू में नवजातों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब भी प्रतिदिन औसतन एक से ज्यादा नवजात की मौत हो रही है. हांलाकि जुलाई व अगस्त के मुकाबले […]
जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल के एनआइसीयू तथा पीआइसीयू में नवजातों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब भी प्रतिदिन औसतन एक से ज्यादा नवजात की मौत हो रही है. हांलाकि जुलाई व अगस्त के मुकाबले सितंबर में इसमें आंशिक कमी आयी है. पिछले माह रांची से अायी टीम को अस्पताल द्वारा उपलब्ध कराये आंकड़ाें से यह जानकारी मिली है.
आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई में सबसे ज्यादा 52 नवजात की मौत हुई थी, जबकि अगस्त में यह संख्या घटकर 40 हुई और सितंबर में 35 हो गयी. जनवरी से सितंबर तक कुल 276 बच्चों की मौत हो चुकी है. इसमें एनआइसीयू में सर्वाधिक 215 नवजातों की मौत हुई जबकि पीआइसीयू में 61 नवजातों की मौत हुई है. अस्पताल प्रबंधन द्वारा डॉक्टरों को बताया गया है कि पूरे सितंबर माह में इसमें सबसे ज्यादा एनआइसीयू में 30 नवजात की मौत हुई है. इनमें सर्वाधिक मौतें संक्रमण, समय से पूर्व जन्म तथा जन्म के समय कम वजन वाले बच्चों की हुई है. मौतों का मुख्य कारण मांओं का कुपोषित होना बताया गया है. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि दूसरे जगहों में स्थिति गंभीर होने पर जो बच्चे इलाज के लिए भेजे जाते हैं उनमें अधिकांश को
बचा पाना मुश्किल होता है.
कई टीमें जांच में जुटी, मौत रोक पाने में विफल
एमजीएम अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत को रोकने के लिए सरकार द्वारा कई उपाय किये जा रहे हैं. मौत के कारणों का पता लगाने के लिए गठित कई टीमों ने जांच भी की है. कई प्राइवेट एजेंसियां भी जांच में जुटी हैं. इन सबके बावजूद सरकार मासूमों की मौत को रोक पाने में विफल है.
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