जमशेदपुर. कोल्हान विश्वविद्यालय सहित अलग-अलग कॉलेजों में तैनात करीब दो दर्जन से अधिक शिक्षकों की पीएचडी पर जांच का शिकंजा कसने वाला है. विवि के उच्चाधिकारियों की मानें, तो इस मामले में जांच के लिए विवि स्तर पर कमेटी का गठन किया जायेगा. छठ का अवकाश खत्म होने के तत्काल बाद जांच कमेटी के गठन की अधिसूचना जारी हो सकती है. विवि सहित विभिन्न कॉलेजों में तैनात करीब दो दर्जन से अधिक शिक्षकों ने हाल के वर्षों में अपना शोध पत्र जमा किया है.
विवि की ओर से इन सभी शिक्षकों के पंजीकरण की तिथि से लेकर शोध पत्र जमा करने की अवधि तक की पड़ताल की जायेगी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की नियमावली के अनुसार वर्ष 2009 के बाद शोध के लिए पंजीकृत उम्मीदवारों के लिए छह माह का कोर्स वर्क अनिवार्य कर दिया गया है.
विवि की ओर से इस बात की पड़ताल की जायेगी कि कितने शिक्षकों ने वर्ष 2009 के बाद शोध पंजीकरण कराया. इन शिक्षकों की ओर से शोध कार्य के लिए अवकाश लिया गया अथवा नहीं. यह जांच का अहम हिस्सा होगा. विवि को कुछ समय पहले यह शिकायत प्राप्त हुई थी कि शोध के आधार पर वेतनमान सहित प्रोन्नति का दावा करने वाले कई शिक्षकों ने निर्धारित प्रक्रिया का अनुपालन नहीं किया है. इसके अालोक में विवि की ओर से कमेटी गठित कर ऐसे सभी मामलों की पड़ताल कराई जायेगी. अगर कहीं भी अनियमितता उजागर हुई तो विवि की ओर से संबंधित मामले में एफआइआर दर्ज कराते हुए उपाधि प्रदान करने वाले विवि से जानकारी मांगी जायेगी.