मौसा करता था छेड़खानी, तंग आकर घर से भागी नाबालिग
जमशेदपुर: बारीडीह जाहेर टोला बस्ती की 14 वर्षीय नाबालिग मौसा के छेड़खानी से तंग आकर घर से भाग गयी. इसके बाद मौसा ने अपने बचाव के लिए सिदगोड़ा थाना में अपहरण का मामला दर्ज कराया है. वहीं पुलिस अपहरण के मामले में दो युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी, इस बीच बुधवार […]
जमशेदपुर: बारीडीह जाहेर टोला बस्ती की 14 वर्षीय नाबालिग मौसा के छेड़खानी से तंग आकर घर से भाग गयी. इसके बाद मौसा ने अपने बचाव के लिए सिदगोड़ा थाना में अपहरण का मामला दर्ज कराया है. वहीं पुलिस अपहरण के मामले में दो युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी, इस बीच बुधवार को नाबालिग को झामुमो महिला मोर्चा की बाली मार्डी और पिंकी महंती लेकर डीएसपी केएन मिश्रा के कार्यालय पहुंची और मामले की सच्चाई से अवगत कराया.
नाबालिग ने पुलिस के सामने अपने भाई के साथ रहने की इच्छा जतायी. डीएसपी ने मामले की छानबीन होने तक नाबालिग को कीताडीह की मंजू दास के घर रखवा दिया है. पुलिस नाबालिग के कथित मौसा के जरिये भाई का पता लगा रही है. वहीं सिदगोड़ा थाना प्रभारी नित्यानंद महतो के अनुसार नाबालिग अपने भाई के घर जाना चाहती थी. उसके मौसा जाने नहीं दे रहे थे, इसको लेकर विवाद है. नाबालिग के भाई के आने के बाद पूरे मामले का खुलासा होगा.
महिला समिति के जरिये पुलिस तक पहुंची : मंजू दास
कीताडीह निवासी मंजू दास ने बताया कि दुर्गापूजा से दो दिन पहले वह बाजार करने स्टेशन गयी, तो एक बच्ची रो रही थी. उन्होंने बच्ची से रोने का कारण पूछा, तो उसने मौसा के हरकतों की जानकारी दी. बच्ची को वह अपने घर ले गयी. उसके पास इतने रुपये नहीं थे कि वह बच्ची को उसके भाई के घर गांव पहुंचा सके. तीन-चार दिनों तक बच्ची को अपने घर पर रखा. कुछ रुपये जमा होने पर उसको लेकर वह गांव गयी, लेकिन उसको घर का रास्ता पता नहीं होने पर वह वापस लौट आयी. इसके बाद महिला समिति की बाली मार्डी के बारे में उन्हें किसी ने बताया, तो वह बच्ची को लेकर उनके पास गयी. झामुमो महिला समिति बच्ची को पहले सिदगोड़ा थाना ले गयी, जिसके बाद डीएसपी से मिलकर घटना की जानकारी दी गयी.
दुर्गापूजा से दो दिन पहले घर से भाग गयी थी
नाबालिग ने बताया कि उसके बचपन के समय ही माता-पिता का देहांत हो चुका है. वह छोटी थी, तभी से बारीडीह जाहेर टोला बस्ती में मौसा-मौसी के साथ रहती है. मौसी उससे घर का पूरा काम कराने के बाद खाना देती थी. साथ ही दूसरों के घर में भी काम पर जाने के लिए दबाव बनाती थी. काम नहीं करने पर खाना नहीं देती थी. इसके अलावा मौसा सोयी अवस्था में उससे छेड़खानी करते थे. मौसा के इसी हरकतों से तंग आकर दुर्गापूजा से दो दिन पहले वह भाग गयी. उसने बताया कि उसके मौसा शहर से बाहर कहीं सरकारी नौकरी करते हैं. भागने के बाद वह भटकते हुए टाटानगर स्टेशन पर पहुंची. स्टेशन पर टेंपो स्टैंड के पास एक महिला मिली. महिला उसे अपने घर कीताडीह त्रिमूर्ति चौक ले गयी. कुछ दिन घर पर रखा. एक दिन महिला के साथ वह सरायकेला में अपने भाई का घर खोजने गयी, लेकिन रास्ता भटकने के कारण वह वापस लौट आयी और महिला के घर ही रहने लगी.