धालभूमगढ़ हवाई पट्टी की भूमि अधिग्रहण का विरोध, आदिवासी महासभा का प्रदर्शन

धालभूमगढ़: धालभूमगढ़ प्रखंड की पावड़ा-नरसिंहगढ़ पंचायत अंतर्गत रुआशोल और दूधचुआ गांव की भूमि हवाई पट्टी के लिए अधिग्रहण के विरोध में सोमवार को आदिवासी महासभा ने जुलूस निकाला. वहीं प्रखंड कार्यालय पर प्रदर्शन किया. बीडीओ और सीओ की अनुपस्थिति में प्रधान सहायक मसीह प्रसाद बोडिंग को राज्यपाल के नाम पांच सूत्री मांगपत्र सौंपा. जुलूस रुआशोल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 31, 2017 10:30 AM

धालभूमगढ़: धालभूमगढ़ प्रखंड की पावड़ा-नरसिंहगढ़ पंचायत अंतर्गत रुआशोल और दूधचुआ गांव की भूमि हवाई पट्टी के लिए अधिग्रहण के विरोध में सोमवार को आदिवासी महासभा ने जुलूस निकाला. वहीं प्रखंड कार्यालय पर प्रदर्शन किया.

बीडीओ और सीओ की अनुपस्थिति में प्रधान सहायक मसीह प्रसाद बोडिंग को राज्यपाल के नाम पांच सूत्री मांगपत्र सौंपा. जुलूस रुआशोल माझी अखाड़ा से पारंपरिक हथियार के साथ निकला. जुलूस में शामिल लोग भूमि नहीं देंगे, लोकसभा न विधानसभा सबसे बड़ा ग्रामसभा, मुख्यमंत्री वापस जाओ, जल, जंगल और जमीन हमारा है आदि नारे लगा रहे थे.

संविधान उल्लंघन के लिए सीओ पर मामला दर्ज हो. अनुसूचित क्षेत्र में केंद्र या राज्य सरकार की एक इंच भूमि नहीं है. इसके बावजूद जिला प्रशासन और अंचलाधिकारी भूमि सरकार की होने की बात कर रहे हैं.ग्राम सभा की अनुमति के बिना भूमि अधिग्रहण करने का काम किस अधिकार से और किसके लिए हो रहा है. ग्रामसभा की राज्यपाल से अपील है कि पूर्वी सिंहभूम के धालभूमगढ़ के सीओ को भारत के संविधान उल्लंघन और ग्राम सभा का अपमान करने के विरोध में जांच कर धारा 124 (ए) के तहत मुकदमा चलाया जाय. इससे भारत सरकार कुटुंब परिवार शांति और सुरक्षित रह सके.

देवस्थल से जुड़ी है धार्मिक भावना : इंद्र मुर्मू. आदिवासी जिला उपाध्यक्ष इंद्र मुर्मू ने दूरभाष पर बताया कि हवाई पट्टी संलग्न काला पाथर पहाड़ पूजा देवस्थल के साथ आसपास के क्षेत्र के कई मौजा के लोगो की धार्मिक भावना जुड़ी है.

उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सुख शांति और समृद्धि के लिए काला पाथर देवस्थल में पूजा करते हैं. हवाई पट्टी निर्माण के लिए आदिवासियों के देवस्थल के साथ छेड़छाड़ की गयी या घेराबंदी की गयी, तो धार्मिक भावना के साथ छेड़छाड़ होगी. धार्मिक भावनाओं के साथ छेड़छाड़ होगा तो आदिवासी चुप नहीं बैठेंगे.

ग्रामसभा ने पांच सूत्री बिंदुओं का किया विरोध

मांगपत्र में कहा गया कि सरकार धालभूमगढ़ हवाई पट्टी को पुन: चलाना चाहती है. ग्राम सभा पांच सूत्री बिंदुओं का विरोध करती है. पूर्वी सिंहभूम जिला पांचवीं अनुसूची में शामिल है. आदिवासियों को पारंपरिक रूढ़ी प्रथा विधि का अधिकार प्राप्त है. एक अलिखित संविधान है. ग्राम सभा की अनुमति बिना सरकारी योजनाओं को धरातल पर नहीं उतारा जा सकता है. आदिवासी गैर न्यायिक प्राकृतिक राजस्व समुदाय है. उनके ऊपर मानव निर्मित कानून संसद, विधान मंडल का बनाया कानून लागू नहीं होता है.

काला पाथर पहाड़ की हुई पूजा

जुलूस रुआशोल से हवाई पट्टी से नरसिंहगढ़ भाटीशाल चौक, धालभूमगढ़ चौक, चारचक्का होते हुए प्रखंड मुख्यालय पहुंचा. मांग पत्र सौंपने के बाद वापस लौटते समय हवाई पट्टी संलग्न काला पाथर पहाड़ पूजा स्थल पर पूजा की. रुआशोल माझी वापस पहुंच कर जुलूस समाप्त हुआ. जुलूस में विद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थी भी शामिल थे. जुलूस का नेतृत्व आदिवासी महासभा के जिला उपाध्यक्ष इंद्र मुर्मू, प्रखंड अध्यक्ष पूर्ण चंद्र सोरेन, सचिव मुकेश बास्के, मिर्जा मार्डी, श्याम चरण टुडू, रूपचांद मार्डी, निमाई बेसरा, जन नेतृत्व पहल के माइकल तिर्की, ग्राम प्रधान लखन हेंब्रम आदि मौैजूद थे.

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