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‘दूनों लाल के लील गइल काल ए बहिनी’

जमशेदपुर : घर के दूनों लाल के लील गइल ए बहिनी, अब हमनी के देखे वाला कोई नइखे ए बहिनी. अनूप के पिता माधव प्रसाद सिंह और उसके चाचा राघव प्रसाद सिंह के पार्थिव शरीर बारीडीह स्थित आवास पहुंचते ही अनूप की मां रीना देवी अपनी देवरानी को पकड़ कर फफक-फफक कर रोने लगीं. उनके […]

जमशेदपुर : घर के दूनों लाल के लील गइल ए बहिनी, अब हमनी के देखे वाला कोई नइखे ए बहिनी. अनूप के पिता माधव प्रसाद सिंह और उसके चाचा राघव प्रसाद सिंह के पार्थिव शरीर बारीडीह स्थित आवास पहुंचते ही अनूप की मां रीना देवी अपनी देवरानी को पकड़ कर फफक-फफक कर रोने लगीं. उनके मुंह से बार-बार एक ही बात निकल रही थी कि हमनी के सब बरबाद हो गइल.

शनिवार की शाम करीब 7.15 बजे टाटा एस (डब्ल्यूयूबी 33 बी-7687) से बारात में मरे सभी लोगों के शव लेकर बारीडीह स्थित आवास पर पहुंची, जहां बाद माधव प्रसाद सिंह व राघव प्रसाद सिंह के शव उतार लिये गये. वहीं जय प्रकाश सिंह के शव को उनके निवास, गोविंदपुर भेज दिया गया. मृतकों में शामिल टेल्को निवासी रमेश्ऋ कुमार चौबे, बारीगोड़ा निवासी वीडियोग्राफर राजू सिंह व बिट्टू के शव टाटा मोटर्स अस्पताल के शीत गृह में रखवा दिये गये हैं. दोनों भाइयों के शव उतते ही न्यू बारीडीह के साबरमती रोड में मातम पसर गया. परिजनों के साथ ही आसपास के लोग भी वहां पहुंचे.

पैर काटने के बाद भी नहीं बचाया जा सका माधव सिंह को

बारात से लौटे लोगों ने बताया कि हादसे में गंभीर रूप से घायल अनूप के पिता की शनिवार की सुबह छह बजे मौत हो गयी. हादसे के दौरान माधव सिंह के दोनों पैर पर ट्रक चढ़ गया था. रात के करीब दो से तीन के बीच में डाक्टरों ने उनके पैर काटने का फैसला लिया. अस्पताल में मौजूद लोगों से इजाजत लेने के बाद डॉक्टरों ने दोनों पैर काट दिया. उसके बाद उनको तीन यूनिट ब्लड भी चढ़ाया गया, लेकिन करीब छह बजे उनकी भी मौत हो गयी.

परिजनों को मौत का पता नहीं

धनबाद में घटी घटना की जानकारी मिलने पर साबरमती रोड निवासी आसपास के लोग अनूप के घर पहुंचे तथा घटना की जानकारी ली, लेकिन घर के लोगों को किसी की मौत की जानकारी नहीं थी. महिलाओं को केवल यह बताया गया था कि कुछ लोग घायल हैं, इसलिए वे निश्चिंत थीं. हालांकि पड़ोस के कुछ लोगों को मौत की भी जानकारी मिल चुकी थी.

अनूप के मित्र भी पहुंचे घर

बारात में हुए हादसे की की जानकारी अखबार के माध्यम से मिलने पर अनूप के साथ कंपनी में काम करने वाले मित्र बारीडीह स्थित उसके आवास पहुंचे. घर पर परिवार की महिलाओं ने दोस्तों को घटना के बारे में जानकारी दी. कंपनी के कई लोग भी बारात में गये थे जिनसे घटना के बारे में विस्तृत जानकारी मिली. हादसे से अनूप के दोस्त भी काफी दुखी हैं.

राघव मास्टर के नाम से जानते थे बारीगोड़ा के लोग

बारीगोड़ा के लोगों ने बताया कि राघव प्रसाद सिंह को बारीगोड़ा के लोग मास्टर जी के नाम से पुकारते थे. वो आस पास के सभी बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते थे. राघव प्रसाद ने वह अपने पूरे जीवन काल में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया.शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के कारण उन्हें लोग में काफी सम्मान की नजर से देखते थे. वह बच्चों से बहुत ही प्रेम करते थे.

अनूप की बहन की ससुराल में मातमी सन्नाटा

हादसे के बाद दूल्हे की बहन रंजन देवी के ससुराल में भी मातम पसर गया है. हादसे में जिस जयप्रकाश सिंह की मौत हुई है वह दूल्हे (अनूप) के जीजा के बहनोई थे. वो गोविंदपुर के रहने वाले थे. वे अपने बेटे के साथ अनूप की शादी में शामिल होने गये थे. शव आने के बाद गोविंदपुर स्थित आवास में लाया गया. उसके बाद उनका भी अंतिम संस्कार शनिवार की देर रात कर दिया गया.

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