इस कारण नयी व्यवस्था को अमल में लाया जा रहा है ताकि मिड डे मील किसी भी स्थिति में बंद न हो. बताया गया कि नयी व्यवस्था में निगम के गोदाम से खाद्यान्न उठाव 55 रुपये प्रति क्विटंल की दर से ही देय होगा.इसे डोर स्टेप डिलिवरी के तहत विद्यालय तक पहुंचाने में प्रति क्विटंल 40 रुपये खर्च किये जायेंगे. इस व्यवस्था में अतिरिक्त 20 रुपये प्रति क्विटंल सरकार को वहन करना होगा. विभागीय सूत्रों के अनुसार राज्य में सालाना 88,500 मीट्रिक टन चावल विद्यार्थियों तक पहुंचाने के लिए 177 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी.
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स्कूल तक खाद्यान्न पहुंचाने में खर्च होंगे 177 करोड़, तैयारी शुरू एमडीएम की होगी डोर स्टेप डिलीवरी
जमशेदपुर: शिक्षा एवं साक्षरता विभाग का यह मानना है कि मिड डे मील योजना के कारण न सिर्फ विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है बल्कि बच्चों का ठहराव भी बढ़ा है. इसे ध्यान में रखकर स्कूलों तक मिड डे मील का खाद्यान्न पहुंचाने के लिए डोर स्टेप डिलीवरी सिस्टम को अमल में लाये जाने […]
जमशेदपुर: शिक्षा एवं साक्षरता विभाग का यह मानना है कि मिड डे मील योजना के कारण न सिर्फ विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है बल्कि बच्चों का ठहराव भी बढ़ा है. इसे ध्यान में रखकर स्कूलों तक मिड डे मील का खाद्यान्न पहुंचाने के लिए डोर स्टेप डिलीवरी सिस्टम को अमल में लाये जाने की तैयारी है. नयी व्यवस्था में खाद्य निगम के गोदाम से विद्यालय तक खाद्यान्न सीधे पहुंचाया जायेगा, इसमें राज्य में लगभग 177 कराेड़ रुपये सरकार खर्च करेगी.
वर्तमान में निगम के गोदाम से प्रखंड तक खाद्यान्न का उठा किया जाता है. इसके लिए ट्रांसपोर्टेशन पर 55 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खर्च होते है. निगम के प्रखंड स्तरीय गोदाम से खाद्यान्न विद्यालय तक 20 रुपये प्रति क्विंटल की दर से पहुंचाया जाता है. इस व्यवस्था में कभी-कभार स्कूल तक मिड डे मील पहुंचने में विलंब होता है. सितंबर 2013 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के बाद अवकाश को छोड़ कर हर दिन बच्चों को भाेजन कराना अनिवार्य है.
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