लापरवाही के कारण होता है डायबिटीज

जमशेदपुर : रिसर्च सोसायटी फाॅर द स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडियन (आरएसएसडीआई) झारखंड चैप्टर का पहला कांफ्रेंस शुक्रवार को साकची स्थित एक होटल में आयोजित किया गया. इसमें देश के अलग-अलग राज्यों से करीब 250 से अधिक चिकित्सक हिस्सा ले रहे हैं. तीन दिवसीय कांफ्रेंस का उद्घाटन पटना से आये डॉ. एचके सिंह, कोलकाता के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2017 5:20 AM

जमशेदपुर : रिसर्च सोसायटी फाॅर द स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडियन (आरएसएसडीआई) झारखंड चैप्टर का पहला कांफ्रेंस शुक्रवार को साकची स्थित एक होटल में आयोजित किया गया. इसमें देश के अलग-अलग राज्यों से करीब 250 से अधिक चिकित्सक हिस्सा ले रहे हैं. तीन दिवसीय कांफ्रेंस का उद्घाटन पटना से आये डॉ. एचके सिंह, कोलकाता के डॉ. अवधेश कुमार सहित अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों ने संयुक्त रूप से किया.

डॉ. अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आया है.अब मधुमेह की नई दवा हार्ट व किडनी के बीमारी में भी काम कर रही है. इसके प्रति चिकित्सकों को सजग होने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि बाजार में कारगर दवाएं उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि मधुमेह शरीर के सभी प्रमुख अंगों को क्षतिग्रस्त कर देता है. इस अवसर पर जयपुर से डॉ. अरविंद गुप्ता, आरएसएसडीआई झारखंड चेप्टर के चेयरमैन डॉ. एके वीरमानी, धनबाद से डॉ. एनके सिंह, रांची से डॉ. जेके मित्रा, जमशेदपुर के डॉ. आरएल अग्रवाल, डॉ. अरविंद गुप्ता, डॉ. एचएस पॉल, डॉ. अभय कृष्णा, डॉ. एके पॉल सहित अन्य मौजूद रहे. डायबिटीज मुक्त भारत चिकित्सकों का सपना :
आरएसएसडीआई झारखंड चैप्टर के चेयरमैन डॉ. एके वीरमानी ने कहा झारखंड में इतने बड़े पैमाने पर यह पहला कांफ्रेंस हो रहा है. इसका उद्देश्य चिकित्सा के क्षेत्र में आए तेजी से बदलाव को अपनाकर देश को डायबिटीज मुक्त बनाना है. इसके लिए बीमारी के प्रति जागरूक होने की जरूरत है. वक्ताअों ने अपने संबोधन में बताया कि 70 फीसद लोगों को शुरूआती दौर में मधुमेह का पता नहीं चल पाता है.
जबतक लक्षण समझ में आता है तबतक यह बीमारी शरीर के कई प्रमुख अंगों पर अपना प्रभाव छोड़ चुकी होती है. मधुमेह की वजह से 25 फीसद मरीजों की किडनी खराब हो जाती है. माता-पिता को मधुमेह होने पर बच्चे को भी पीड़ित होने का खतरा रहता है. 30 साल के बाद हर व्यक्ति को नियमित रूप से मधुमेह की जांच करानी चाहिए. वक्ताओं ने बताया कि लोगों में एक भ्रम हैं कि चीनी खाने से मधुमेह होता है.

Next Article

Exit mobile version