जन्म से ही मलद्वार नहीं परेशान है सुनील सुंडी

मुसाबनी: फॉरेस्ट ब्लॉक पंचायत के पाथरगोड़ा गांव के हाथीरेंडा टोला निवासी ग्यारह वर्षीय सुनील सुंडी जन्म से ही मलद्वार नहीं होने के कारण परेशानी झेल रहा है. उसके दादा दामू सुंडी ने बताया कि जन्म के बाद इसकी जानकारी मिलने पर कहीं से दस हजार रुपये जुटाकर उसका जमशेदपुर में इलाज कराया. डॉक्टरों ने उसके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 20, 2017 9:55 AM
मुसाबनी: फॉरेस्ट ब्लॉक पंचायत के पाथरगोड़ा गांव के हाथीरेंडा टोला निवासी ग्यारह वर्षीय सुनील सुंडी जन्म से ही मलद्वार नहीं होने के कारण परेशानी झेल रहा है. उसके दादा दामू सुंडी ने बताया कि जन्म के बाद इसकी जानकारी मिलने पर कहीं से दस हजार रुपये जुटाकर उसका जमशेदपुर में इलाज कराया. डॉक्टरों ने उसके पेट में बायीं तरफ छेद कर मल-निकासी का रास्ता बना दिया.

दामू ने बताया कि बच्चे के पूर्ण इलाज में आर्थिक परेशानी बाधक बनी. सुनील के पिता सिदिउ सुंडी एवं मां गुरुवारी सुंडी जमशेदपुर में मजदूरी करते हैं. सुनील सुंडी वर्तमान में उर्दू मवि साउथ सुरदा में कक्षा सात का विद्यार्थी है. मलद्वार नहीं रहने तथा पेट में बने छेद से मल निकलते रहने के कारण सुनील को खासी परेशानी होती है. जब-तब मल निकलने के कारण उसके सहपाठी उसके साथ नहीं बैठना चाहते. परिजन पेट के छेद से निकलते मल को रोकने के लिए उसके पेट पर कपड़े का टुकड़ा बांध कर रखते हैं, जिसकी उन्हें सफाई करनी होती है. मलद्वार नहीं होने से सुनील सुंडी को बचपन में उतनी परेशानी नहीं होती थी, लेकिन बड़े होने के साथ ही उसकी परेशानियां बढ़ती जा रही हैं.
परिवार के पास राशन कार्ड तक नहीं : दामू सुंडी के परिवार के पास खाद्य सुरक्षा का कार्ड तक नहीं है.

श्री सुंडी ने बताया कि पहले लाल कार्ड से खाद्यान्न मिलता था, लेकिन अब नहीं मिलता. थोड़ी-बहुत खेती तथा मजदूरी से परिवार चलता है. फॉरेस्ट ब्लॉक पंचायत के पंसस महेश्वर हांसदा ने सुनील सुंडी के इलाज के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास करने का भरोसा उसके परिवार वालों को दिया है.

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