टाटा स्टील : प्रबंधन ने डीएलसी को सौंपा तीन पन्ने का जवाब, परीक्षा पास करने के बाद ही आश्रितों को मिलेगी नौकरी

जमशेदपुर: टाटा स्टील प्रबंधन ने साफ कर दिया है कि कर्मचारियों के बच्चे या आश्रित या जो भी रजिस्टर्ड हैं, उन्हें तभी नौकरी मिलेगी जब वे परीक्षा पास करेंगे. प्रबंधन ने यह जवाब उपश्रमायुक्त (डीएलसी) को सौंप दिया है. बुधवार को डीएलसी ऑफिस में आयोजित मीटिंग में प्रबंधन की ओर से तीन पन्ने का जवाब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2017 9:47 AM
जमशेदपुर: टाटा स्टील प्रबंधन ने साफ कर दिया है कि कर्मचारियों के बच्चे या आश्रित या जो भी रजिस्टर्ड हैं, उन्हें तभी नौकरी मिलेगी जब वे परीक्षा पास करेंगे. प्रबंधन ने यह जवाब उपश्रमायुक्त (डीएलसी) को सौंप दिया है. बुधवार को डीएलसी ऑफिस में आयोजित मीटिंग में प्रबंधन की ओर से तीन पन्ने का जवाब सौंपा गया.

इसमें प्रबंधन ने कहा है कि कंपनी की ओर से समय-समय पर वैकेंसी निकाली जाती है. इसमें कर्मचारी पुत्र -पुत्रियों के अलावा आश्रितों को प्राथमिकता दी जाती है. मान्यता प्राप्त यूनियन से बातचीत करने के बाद ही बहाली निकाली जाती है. वैकेंसी नहीं भरने की स्थिति में बाहरी लोगों को लिया जाता है. इसके लिए परीक्षा के मानक तय हैं. वर्क्स स्टैंडिंग ऑर्डर के तहत ही वैकेंसी निकाली जाती है. लेकिन जो भी मैट्रिक पास हैं, उनको सीधे नौकरी पर अब नहीं रखा जा सकता है. उनको भी परीक्षा पास करनी होगी. जरूरत के हिसाब के ही बहाल किया जा सकता है.
निबंधित श्रमिक पुत्रों ने सौंपा था श्रमायुक्त – उपश्रमायुक्त को ज्ञापन
टाटा स्टील में बहाली को लेकर निबंधित श्रमिक पुत्रों ने श्रमायुक्त व उपश्रमायुक्त को ज्ञापन सौंपा था. इसके बाद उपश्रमायुक्त की ओर से टाटा स्टील प्रबंधन और टाटा वर्कर्स यूनियन को नोटिस दिया गया था. इसके बाद दोनों पक्षों की आश्रित पुत्रों के साथ मीटिंग बुलायी गयी थी. इस मीटिंग के दौरान ही तीन पन्ने का मैनेजमेंट ने जवाब सौंपा है. इस वार्ता के दौरान यूनियन की ओर से उपाध्यक्ष शहनवाज आलम मौजूद थे. श्री आलम ने वहां अपना पक्ष रखते हुए बताया कि वे लोग आश्रितों को बहाल करने को लेकर तत्पर हैं. इसके लिए उन लोगों ने चार्टर्ड ऑफ डिमांड भी सौंप दिया है. इस आधार पर हम निबंधित पुत्रों की बहाली को लेकर मैनेजमेंट से बातचीत करेंगे .

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