प्लास्टिक बैग पर कंफ्यूजन

कानून लागू हुआ, लेकिन आम आदमी नहीं समझ पा रहा है कि क्या सही है और क्या गलत हैंडल वाले, बिना हैंडल वाले कैरी बैग समेत 50 माइक्रोन से कम सभी प्रकार की प्लास्टिक पर सरकार ने लगाया है प्रतिबंध जमशेदपुर : पर्यावरण व प्रदूषण संरक्षित करने के प्लास्टिक कैरी-बैग पर रोक को 15 नवंबर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2017 4:44 AM

कानून लागू हुआ, लेकिन आम आदमी नहीं समझ पा रहा है कि क्या सही है और क्या गलत

हैंडल वाले, बिना हैंडल वाले कैरी बैग समेत 50 माइक्रोन से कम सभी प्रकार की प्लास्टिक पर सरकार ने लगाया है प्रतिबंध
जमशेदपुर : पर्यावरण व प्रदूषण संरक्षित करने के प्लास्टिक कैरी-बैग पर रोक को 15 नवंबर 2017 से सख्ती से लागू कर दिया गया है, लेकिन इसको लेकर लागू कानून को लोग सही तरह से नहीं समझ रहे हैं. खासकर प्लास्टिक के कैरी बैग को लेकर. इसमें बिना हैंडल वाला हो या फिर 50 माइक्रोन से कम प्लास्टिक का बैग. जारी अधिसूचना में 50 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल करने पर रोक का उल्लेख नहीं है, लेकिन प्लास्टिक के सभी प्रकार के बैग पर कानूनी रोक का स्पष्ट उल्लेख है.
इतना ही नहीं कैरी बैग का उत्पादन, आयात, स्टॉक, बिक्री अौर उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाया गया है. वहीं प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली 2016 के अनुसार कैरी-बैग के उपयोग पर रोक है. इसको लेकर झारखंड नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में 23 मार्च 2017 को हुई बैठक में 50 माइक्राेन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक के कैरी बैग पर रोक का उल्लेख है. इतना ही नहीं जमशेदपुर समेत राज्य के सभी अक्षेस, नगरपालिका, नगर पंचायत, नगर पार्षद के कार्यालय में 50 माइक्रोन मोटाई वाला प्लास्टिक के नमूना को रखने का आदेश दिया गया है, ताकि विवाद की स्थिति में प्रतिबंधित किया जाने वाला प्लास्टिक मानक नमूने से अधिक मोटा है
या फिर पतला इसका आसानी से पता चल सकेगा. इसके अलावा निकायों में अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली 2016 के अनुसार प्लास्टिक का इस्तेमाल करने वाली एजेंसी व अन्य से कम से कम 48,000 रुपये वार्षिक शुल्क (प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन शुल्क) जमा लेकर निबंधन कराने का उल्लेख है, ताकि निकाय द्वारा भविष्य में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर व्यय किया जा सके. इसके अलावा प्लास्टिक पर रोक को लेकर निकायों में उप नियमों (बाइ लॉ) में बदलाव करने की भी बात है.
साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए प्रचार-प्रसार करने का भी आदेश है. हालांकि पूर्वी सिंहभूम में प्लास्टिक कैरी बैग पर उक्त कानून लागू होने के बाद आम लोगों अौर दुकानदारों में जागरूकता के लिए कदम अबतक नहीं उठाया गया है. लेकिन अब निकायों में सभी दुकानों को अॉनलाइन ट्रेड लाइसेंस देने में इसका उल्लेख है, इसके लिए दुकानदारों से एक शपथ पत्र लिया जा रहा है.
क्या कहते है आम ग्राहक
आज मुझे किताब खरीदनी थी, इस कारण मैं घर से झोला लेकर साकची बाजार आया हूं. जबकि पर्यावरण अौर प्रदूषण से प्रकृति को स्थायी मुक्ति के लिए प्लास्टिक पर बैन सराहनीय कदम है.
सुधीर कुमार महतो, शिक्षक, चक्रधरपुर
प्लास्टिक पर रोक लगाना ठीक कदम है. इसके लिए हम तैयार हैं, इस कारण घर से झोला लेकर बाजार करने आयी हूं. इसमें कोई परेशानी नहीं.
प्रतिमा प्रसाद, गृहिणी, सहारा सिटी, मानगो
क्या कहते हैं दुकानदार
प्लास्टिक कैरी-बैग पर रोक नि:संदेह बेहतर कदम है, प्रतिबंध लागू होने के बाद कपड़ा के बैग व ठोंगा का उपयोग काफी बढ़ा हैै. चूंकि प्लास्टिक के कारण पर्यावरण पर रहे प्रभाव और अब उसपर प्रतिबंध को लेकर ग्राहक भी जागरूक हो गये हैं, इस कारण ग्राहक भी कैरी बैग नहीं मांग रहे हैं.
श्वेताभ कश्यप, सिंघाड़ा-जलेबी दुकानदार, साकची
प्लास्टिक कैरी बैग पर प्रतिबंध के लागू होने से पार्सल देना बंद कर दिये हैं. 25 सालों से गोलगप्पा बेच रहा हूं, लेकिन प्लास्टिक बैग पर रोक से परेशानी हो रही है, कार्रवाई के डर से कैरी बैग का इस्तेमाल छोड़ दिया हूं.
भुवनेश्वर प्रसाद, गोलगप्पा दुकानदार, साकची
इसमें छूट रहेगी
1. उत्पादक का नाम, निबंधन संख्या अौर मोटाई अंकित रहने पर प्लास्टिक का इस्तेमाल हो सकेगा.
2. रिसाइकिल व कंपोस्टेबुल का लेबल लगा होने पर उसे व्यवहार किया जा सकेगा.

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