24 फीसदी शिक्षक के भरोसे मैट्रिक-इंटर का रिजल्ट, हिस्ट्री के टीचर पढ़ा रहे मैथ

जमशेदपुर : झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने मैट्रिक परीक्षा की तिथि की घोषणा कर दी है. मार्च में परीक्षा होनी है. परीक्षा में रिजल्ट को बेहतर करने को लेकर अभी से कागजी घोड़े दौड़ाये जा रहे हैं, लेकिन हकीकत काफी चौंकाने वाली है. इतिहास व भूगोल के शिक्षक गणित व विज्ञान की क्लास ले रहे हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2017 1:33 PM
जमशेदपुर : झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने मैट्रिक परीक्षा की तिथि की घोषणा कर दी है. मार्च में परीक्षा होनी है. परीक्षा में रिजल्ट को बेहतर करने को लेकर अभी से कागजी घोड़े दौड़ाये जा रहे हैं, लेकिन हकीकत काफी चौंकाने वाली है. इतिहास व भूगोल के शिक्षक गणित व विज्ञान की क्लास ले रहे हैं. कारण है, जिले में फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी, मैथ व इंग्लिश के शिक्षक लगभग न के बराबर हैं. हालत यह है कि पूर्वी सिंहभूम जिले के हाइ स्कूलों में शिक्षकों के कुल 659 पद हैं, लेकिन पढ़ाने के लिए सिर्फ 156 शिक्षक ही हैं.
जिले में शिक्षकों के कुल 503 पद खाली हैं.
साइंस की स्थिति काफी भयावह है. जिले के 139 हाइ स्कूलों में साइंस के सिर्फ 27 ही शिक्षक हैं जबकि गणित के कुल 28 शिक्षकों के भरोसे ही पूरा जिला चल रहा है. प्लस टू स्कूलों में भी यही स्थिति है. पूर्वी सिंहभूम जिले में कुल 11 प्लस टू स्कूल हैं जहां पढ़ाने के लिए शिक्षकों के कुल 122 पद हैं, लेकिन 58 ही शिक्षक कार्यरत हैं. जबकि बच्चों की संख्या अधिक है. शिक्षक व छात्र का अनुपात भी प्रतिकूल है. एक शिक्षक के जिम्मे करीब 137 बच्चे हैं. जबकि यह 40 होना चाहिए.
मध्य विद्यालय के शिक्षकों का टूटेगा प्रतिनियोजन : बगैर शिक्षक के जो भी 48 हाई स्कूल चल रहे हैं वहां मध्य विद्यालय के शिक्षकों को पदस्थापित किया गया है, ताकि पढ़ाई बाधित ना हो. लेकिन प्राथमिक व मध्य विद्याय में भी शिक्षकों की कमी होने की वजह से आरटीइ के नियमों के अनुसार बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है. यही कारण है कि अब प्राथमिक व मध्य विद्यालय में पदस्थापित शिक्षकों का प्रतिनियोजन तोड़ने की कार्रवाई शुरू की जा रही है. इससे स्थिति अौर ज्यादा खराब होगी.
63 में से 48 स्कूल शिक्षक विहीन, बच्चे 5260
पूर्वी सिंहभूम जिले में कुल 63 अपग्रेडेड हाइ स्कूल चल रहे हैं जिसमें नौवीं अौर दसवीं क्लास में कुल 5260 बच्चे पढ़ाई भी करते हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए 48 स्कूलों में शिक्षक हैं ही नहीं. बिना किसी शिक्षक के ही 5260 बच्चे पढ़ रहे हैं. सिंहभूम जिले में कुल 63 अपग्रेडेड स्कूल हैं जिसमें सिर्फ 15 स्कूलों में शिक्षक पदस्थापित हैं. अन्य 48 शिक्षक विहीन अपग्रेडेड स्कूल हैं.
बहाली के बाद जिले को मिलेंगे 972 शिक्षक : झारखंड में हाइ स्कूल में शिक्षकों की बहाली हो रही है. बहाली के लिए परीक्षा ली जा चुकी है. अगर बहाली का रिजल्ट जारी कर दिया जाये, तो उसके बाद जिले को कुल 972 शिक्षक मिलेंगे. जिसके बाद शिक्षकों की काफी हद तक कमी दूर हो जायेगी.
फरवरी तक क्लास करवाने की तैयारी
जिले में शिक्षकों की कमी के बाद भी रिजल्ट पर कुछ खास असर ना पड़े, इसके लिए जिला शिक्षा विभाग की अोर से तय किया गया है कि इस साल फरवरी तक क्लास करवायी जायेगी. साथ ही तय समय के अलावा भी मैट्रिक के परीक्षार्थियों को अतिरिक्त 1 घंटे क्लास करवाने का आदेश दिया गया है.
यह बात सच है कि जिले में शिक्षकों की काफी कमी है. करीब 76 फीसदी पद रिक्त हैं लेकिन इसके बाद भी रिजल्ट को सुधारने के लिए मॉडल टेस्ट पेपर से प्रैक्टिस करवायी जा रही है ताकि रिजल्ट पिछले साल की तुलना से बढ़े.
राजकुमार प्रसाद सिंह, डीइअो, पूर्वी सिंहभूम

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