जमशेदपुर में नागरमल मॉल के पीछे सरेशाम हत्या, पैदल आया अपराधी, सिर और सीने में दाग दी गोली
जमशेदपुर: जुगसलाई सफीगंज मोहल्ला निवासी निरंजन सिंह (25) की मंगलवार शाम करीब पौने छह बजे साकची में गोली मारकर हत्या कर दी गयी. जमशेदपुर टाइगर्स क्लब के अध्यक्ष तथा अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा (युवा) के उपाध्यक्ष निरंजन को नागरमल मॉल के पीछे बाइक पर सवार होकर आये तीन हमलावरों ने एक से ज्यादा गोलियां मारी. […]
जमशेदपुर: जुगसलाई सफीगंज मोहल्ला निवासी निरंजन सिंह (25) की मंगलवार शाम करीब पौने छह बजे साकची में गोली मारकर हत्या कर दी गयी. जमशेदपुर टाइगर्स क्लब के अध्यक्ष तथा अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा (युवा) के उपाध्यक्ष निरंजन को नागरमल मॉल के पीछे बाइक पर सवार होकर आये तीन हमलावरों ने एक से ज्यादा गोलियां मारी. एक गोली मृतक के सिर में फंसी मिली है. मृतक के परिजनों ने बागबेड़ा निवासी नीरज दुबे, आजादनगर के आरिफ और आलमगीर पर हत्या का आरोप लगाया है.
गोली लगने के बाद निरंजन को एमजीएम पहुंचाया गया. तब तक वहां हत्यारोपी नीरज दुबे का चचेरा भाई और सीरियल क्राइम का आरोपी पंकज दुबे अपने साथियों संग पहुंच गया. निरंजन के परिजनों और साथियों ने पंकज व साथियों के साथ मारपीट कर दी. माहौल बिगड़ता देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर दोनों पक्ष के लोगों को वहां से खदेड़ा.
उसके बाद पुलिस ने शव को अस्पताल के शीतगृह में रखवा दिया. दूसरी ओर, सिटी एसपी प्रभात कुमार ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की छानबीन की. पुलिस को जांच में चंदन कार्ड की एक स्लिप मिली, जिसके आधार पर निरंजन की पहचान हुई. पुलिस को घटना में शूटरों की तस्वीरें सीसीटीवी कैमरे में कैद मिली हैं. पुलिस फुटेज के आधार पर हत्यारों की तलाश में जुट गयी है. देर रात साकची थाना में रामेश्वर सिंह के बयान पर नीरज दुबे, आरिफ और आलमगीर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है.
लिट्टी पार्टी का कार्ड बांटकर आया था साकची
जानकारी के मुताबिक निरंजन सिंह ने 21 दिसंबर को बिष्टुपुर क्लब हाउस में शाम साढ़े छह बजे लिट्टी पार्टी का आयोजन किया था. आयोजन का कार्ड बांटकर वह स्कूटी से बिष्टुपुर से साकची पहुंचा था. इस बीच किसी ने उसे फोन कर साकची नागरमल मॉल के पीछे बुलाया. वह स्कूटी से मॉल के पीछे पहुंचा. वहां नाली के पास वह स्कूटी खड़ी कर बातचीत कर रहा था. कुछ देर बाद सीडी डिलक्स बाइक से तीन युवक गली के सामने मेन रोड पर आये. एक युवक उतरकर गली में घुसा और निरंजन के पास जाकर उसके सिर के पीछे पिस्टल सटाकर गोली मार दी. गोली लगते ही निरंजन स्कूटी समेत नाली के ऊपर स्लैब पर गिर गया. इसके बाद हमलावर ने दूसरी गोली उसके सीने पर मारी. फायरिंग की आवाज सुनकर नागरमल मॉल का एक कर्मचारी दौड़कर मौके पर पहुंचा तो भागते हुए हमलावर ने उसे पिस्टल दिखाकर डरा दिया. वह दौड़ते हुए मेन रोड की तरफ पहुंचा और साथियों संग बाइक पर सवार होकर अग्रसेन भवन की तरफ भाग निकला.
इसके बाद आस-पास से लोगों ने निरंजन को सीसीआर के वाहन से एमजीएम अस्पताल पहुंचाया. इधर मौके पर पहुंची पुलिस ने स्कूटी को जब्त कर लिया और थाने ले गयी. सूचना पाकर लगभग पौने सात बजे एमजीएम अस्पताल में मृतक के परिजन, बस्ती के लोग और आजसू नेता सह क्षत्रिय समाज के शमशेर सिंह समेत बड़ी संख्या में लोग पहुंच गये थे.
निरंजन का शव एमजीएम में पहुंचते ही समर्थकों का उपद्रव
साकची में मंगलवार शाम हमलावरों की गोलियों का शिकार हुए जुगसलाई निवासी निरंजन सिंह और वर्ष 2010 में शहर में हुए सीरियल क्राइम का अपराधी पंकज दुबे कभी दोस्त हुआ करते थे. पंकज के चचेरे भाई नीरज दुबे के साथ निरंजन का कुछ दिनों पहले छेड़खानी को लेकर विवाद हुआ था.
जानकारी के मुताबिक सीरियल क्राइम के दौरान आदित्यपुर आरआइटी थाना में वर्ष 2015 में दर्ज अपहरण के मामले में निरंजन सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. इसके अलावा भी उस पर बिष्टुपुर, बागबेड़ा में मारपीट के तीन अलग-अलग मामले दर्ज हैं. जेल से निकलने के बाद भी पंकज दुबे और निरंजन सिंह के बीच बातचीत होती थी. लेकिन पंकज के चचेरे भाई नीरज दुबे और उसके साथियों के साथ निरंजन सिंह का विवाद चल रहा था. एक माह पूर्व स्टेशन पार्किंग में छेड़खानी को लेकर नीरज, आरिफ और आलमगीर के साथ निरंजन सिंह और उसके दोस्तों के बीच मारपीट व फायरिंग हुई थी. रेल थाने में दोनों पक्षों ने एक दूसरे की लिखित शिकायत की थी.
हत्या के बाद घर के पास लगाया चक्कर
निरंजन सिंह के पिता रामेश्वर सिंह कांग्रेस से जुड़े रहे हैं. निरंजन की हत्या के बाद माता-पिता और छोटे भाई मंजीत सिंह अस्पताल पहुंचे. अस्पताल में रामेश्वर सिंह ने कहा कि हत्या करने के बाद नीरज दुबे के सहयोगी घर के आस-पास चक्कर लगा रहे थे, लेकिन वे लोग समझ नहीं पाये.
निरंजन और पंकज ने मिलकर लिया था ठेका
निरंजन और पंकज ने मिलकर स्टेशन पार्किंग का ठेका लिया था. पैसे को लेकर विवाद होने पर निरंजन अपने दोस्त आलोक के साथ पार्किंग ठेके से अलग हो गया था. इसके बाद नीरज मानगो आजादनगर के आरिफ आैर आलमगीर के साथ मिलकर स्टेशन पर अड्डेबाजी कराने लगा, जिसको लेकर मारपीट भी हुई थी.
हत्या के बाद भी बजता रहा निरंजन का फोन
पुलिस ने जांच में पाया है कि हमलावरों ने निरंजन को फोन पर साकची बुलवाया था. निरंजन की हत्या के बाद काफी देरी तक उसका फोन बजता रहा. फोन में पैटर्न लॉक होने की वजह से पुलिस को शुरुआत में शव की पहचान करने में दिक्कत हुई.
अस्पताल आते ही पंकज को युवकों ने पीटा, लाठीचार्ज
लाठीचार्ज के बाद युवक हुए शांत, पंकज दूबे को पुलिस बाहर निकाली
जमशेदपुर. निरंजन पर गोली चलने की जानकारी मिलने पर उसके समर्थकों ने एमजीएम अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया. हंगामे के बाद पुलिस ने लोगों को शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन लोगों ने पुलिस की एक भी नहीं सुनी. निरंजन के शव के अस्पताल पहुंचते ही युवक उसे देखने के लिए हंगामा करने लगे. युवक शव को शीतगृह में रखने नहीं दे रहे थे. इसी दौरान पंकज दूबे एमजीएम पहुंचा. निरंजन के समर्थकों की नजर जैसे ही उस पर पड़ी, आधा सैकड़ा से अधिक युवकों ने उन पर हमला कर दिया. युवक पंकज पर ही हत्या का आरोप लगा रहे थे. इस दौरान पंकज को बचाने के लिए भी मौके पर मौजूद कई युवक सामने आया. जब आक्रोशित युवकों ने हंगामा शांत नहीं किया, तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इसके बाद पंकज दूबे को भीड़ से निकाल कर एमजीएम के पुलिस शिविर कक्ष में बंद कर दिया गया. करीब 15-20 मिनट तक पुलिस ने लाठीचार्ज करने के बाद मामले को शांत कराया और अस्पताल पहुंचे लोगों को वहां से भगा दिया. मामला शांत होने के बाद पंकज दूबे को वहां से भेज दिया गया.
सड़क पर लगे ठेले को तोड़ा. निरंजन के समर्थकों ने एमजीएम अस्पताल के किनारे लगे फल और अन्य दुकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया. युवकों ने ठेलाें में तोड़-फोड़ कर सामानों को सड़क पर फेंक दिया. इस दौरान सड़क किनारे खड़ी कई गाड़ियाें में भी युवकों ने तोड़-फोड़ का प्रयास किया. इसके बाद पुलिस दो-तीन बाइक को जब्त कर एमजीएम अस्पताल ले आयी.
पुलिस के खिलाफ हुई नारेबाजी. जब परिवार के लोग और निरंजन के समर्थक अस्पताल में जुटे हुए थे. इसी दौरान परिवार और दोस्तों को हटाने के लिए पुलिस मौके पर आयी और पुलिस के परिवार को लोगों को अस्पताल से चले जाने के लिए कहते ही परिजन पुलिस पर भड़क गये. परिजनों ने पुलिस बल को फटकार लगायी. परिजनों ने बताया कि पुलिस को जो काम करना है, वह तो कर नहीं रही है और अपराधी को पकड़ने के बजाय परिजनों को परेशान कर रही है. पुलिस के रवैये काे देख कर परिजन और समर्थकों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जम कर नारेबाजी की. भाई में बड़ा था निरंजन. परिवार के लोगों ने बताया कि निरंजन अपने भाईयों में बड़ा था. निरंजन से बड़ी एक बहन है.
निरंजन के घर पर पसरा मातम
निरंजन की हत्या के बाद सफीगंज मुहल्ला स्थित उसके घर पर सन्नाटा पसर गया. घर के सभी लोग एमजीएम अस्पताल पहुंच गये. कुछ लोगों को उसकी हत्या के बारे में जानकारी थी, लेकिन उसकी छोटी बहन को कोई खबर नहीं थी. इसी दौरान निरंजन की मां रोते हुए अपने घर आयी और निरंजन की माैत के बारे में जानकारी दी.