कोल्हान देश का नहीं, बल्कि धार्मिक प्रतीक का फहराया था झंडा: ग्रामीण

जमशेदपुर: कोल्हान को अलग देश बनाने की मांग को लेकर बागबेड़ा के एदल झोपड़ी में झंडा फहराये जाने के मामले में स्थानीय पुलिस प्रशासन ने आयोजक हरिचरण बोदरा सहित पांच को नामजद तथा एक दर्जन अज्ञात लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराते हुए प्राथमिकी दर्ज कर ली है. बुधवार को प्रभात खबर ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2017 11:36 AM

जमशेदपुर: कोल्हान को अलग देश बनाने की मांग को लेकर बागबेड़ा के एदल झोपड़ी में झंडा फहराये जाने के मामले में स्थानीय पुलिस प्रशासन ने आयोजक हरिचरण बोदरा सहित पांच को नामजद तथा एक दर्जन अज्ञात लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराते हुए प्राथमिकी दर्ज कर ली है. बुधवार को प्रभात खबर ने एदल झोपड़ी जाकर बस्ती वासियों ने बातचीत पूरे मामले की करीब से पड़ताल करने की कोशिश की. बस्ती वासियों ने बताया कि मंगलवार को खरकई नदी किनारे मैदान में उनका सामाजिक कार्यक्रम था.

उसी में उक्त स्थल पर धार्मिक प्रतीक का झंडा फहराया गया था. यह सामाजिक कार्यक्रम में फहराया गया झंडा था, लेकिन कुछ भू-माफिया व असामाजिक तत्वों की बुरी नजर उस कार्यक्रम स्थल की जमीन पर है. वे काफी दिनों से सार्वजनिक जमीन को कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं. इस वजह से गांव की पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था का नेतृत्व करने वाले पर गलत आरोप लगाकर उन्हें रास्ते से हटाना चाहते हैं.

बस्तीवासियों के अनुसार नवंबर में भू-माफियाओं ने सरकारी जमीन पर प्लाॅटिंग कर घर बनाने का प्रयास किया था, जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया था. उसकी लिखित जानकारी बागबेड़ा थाना, उपायुक्त, एसडीओ व अंचल कार्यालय को की गयी है. बावजूद इसके किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी. लेकिन, बस्तीवासी अपने गांव में सामाजिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं, तो स्थानीय पुलिस प्रशासन उनपर मामला दर्ज करती है. बस्तीवासियों का कहना है कि सार्वजनिक खेलकूद व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होने वाले मैदान को किसी भी कीमत पर कब्जा नहीं होने दिया जायेगा. जिला प्रशासन को कार्यक्रम स्थल पर आकर पड़ताल करनी चाहिए. बातचीत में रिक्की बानरा, बबलू पाड़ेया, मीना अलडा, डोबरो पूरती, सरस्वती हाईबुरू, शकुंतला जामुदा, मधु लुगुन, सोनिया बिरूली, पूनम बोदरा, बिरजू हाइबुरू, कोमल, प्रकाश बोदरा, पूर्णिमा, तुलसी हाइबुरू समेत अन्य मौजूद थे.

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