निर्णायक मोड़ पर यूनियन-प्रबंधन

जमशेदपुर: टाटा स्टील के कर्मचारियों के वेज रिवीजन समझौता अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है. दोनों पक्ष निर्णय लेने की स्थिति में पहुंच चुके हैं. यूनियन अध्यक्ष पीएन सिंह और महामंत्री बीके डिंडा के साथ कंपनी के वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है. मैनेजमेंट की ओर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2014 9:01 AM

जमशेदपुर: टाटा स्टील के कर्मचारियों के वेज रिवीजन समझौता अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है. दोनों पक्ष निर्णय लेने की स्थिति में पहुंच चुके हैं. यूनियन अध्यक्ष पीएन सिंह और महामंत्री बीके डिंडा के साथ कंपनी के वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है. मैनेजमेंट की ओर से संकेत दिये गये हैं कि जल्द से जल्द वेज रिवीजन समझौता कर लिया जाये.

वहीं, यूनियन ने भी बताया कि इसको लेकर काफी दबाव बढ़ रहा है. मैनेजमेंट ने दो ऑप्शन यूनियन को सुझाए हैं. इसमें कहा गया है कि मैनेजमेंट छह साल का समझौता करेगी तो एमजीबी 18 फीसदी और आसपास रख सकती है. वहीं, यूनियन अगर पांच साल पर समझौता करेगी तो 15 से 16 फीसदी तक का एमजीबी (मिनिमम गारंटीड बेनीफिट) देने की बात कहीं गयी है. ज्यादा से ज्यादा 17 फीसदी भी किया जा सकता है, लेकिन इसका खामियाजा एलाउंस में भुगतना पड़ सकता है.

सूत्रों के मुताबिक, कई मुद्दे पर सहमति बन गयी है. समय को लेकर दो ऑप्शन तैयार किया गया, जिसमें कहा गया कि अगर पांच साल का समझौता होता है तो यह लाभ मिलेगा और अगर छह साल का समझौता होता है तो क्या लाभ मिलेगा. इन सारे ऑप्शन को सोचने और मातहत पदाधिकारियों से रायशुमारी किये जाने के बाद ही कोई फैसला लेने की बात कही गयी है. दोनों ही ऑप्शन पर सोचने के लिए मंगलवार को मीटिंग बुलायी गयी है. इधर, टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन के साथ वीपी एचआरएम और अध्यक्ष की बातचीत हुई है. इस बातचीत के दौरान एमडी ने साफ तौर पर कह दिया है कि जो करना है जल्द कर दिया जाये तो बेहतर होगा. वेज रिवीजन समझौता को धरातल पर उतारने को कहा गया है.

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