किसी ने शरीयत पर हमला, तो किसी ने कहा-फख्र की बात
तीन तलाक को लेकर लोकसभा में बिल पास, शहर के मुस्लिम बुद्धिजीवियाें में मतभेद जमशेदपुर : तीन तलाक को लेकर गुरुवार को लोकसभा में मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल पास हुआ. इसको लेकर शहर के प्रमुख मुस्लिम बुद्धिजीवियाें में मतभेद है. किसी का मानना है कि यह कानून शरीयत पर हमला है, […]
तीन तलाक को लेकर लोकसभा में बिल पास, शहर के मुस्लिम बुद्धिजीवियाें में मतभेद
जमशेदपुर : तीन तलाक को लेकर गुरुवार को लोकसभा में मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल पास हुआ. इसको लेकर शहर के प्रमुख मुस्लिम बुद्धिजीवियाें में मतभेद है. किसी का मानना है कि यह कानून शरीयत पर हमला है, तो किसी का मानना है कि इससे महिलाओं को सम्मान मिलेगा. इस संबंध में शहर के प्रबुद्ध बुद्धिजीवियाें ने अपने विचार व्यक्त किये.
तीन तलाक का बिल पारित करवा कर कानून पर बहुत बड़ा हमला किया गया है. इस कानून काे बनाकर सरकार महिलाआें काे अधिकार देने की बात नहीं कर रही है, बल्कि वह आपस में फिरका पैदा करने की हर संभव काेशिश कर रही है.
काजी सऊद आलम, प्रमुख इमारत ए शरिया.
बिल को लेकर चर्चा हाेनी शुरू हाे गयी है. वे दिल्ली में हैं. इस मामले में उलेमाआें से मिलेंगे, उनके विचार जानेंगे. बिल में क्या प्रावधान किये गये हैं, उन्हें पढ़ेंगे. उलेमाअाें की बैठक हाेनी काफी जरूरी हाे गयी है. इसके बाद उस पर जाे फैसला हाेगा उस पर अमल करेंगे.
काजी मुश्ताक अहमद, जुगसलाई मस्जिद
तीन तलाक काे लेेकर कानून बन रहा है. यह काफी अच्छी बात है. तीन तलाक देकर प्रताड़ित करनेवालाें काे सजा मिलनी चाहिए और मामला भी दर्ज होना चाहिए. इस बिल से फायदा कम, बल्कि महिलाआें को अधिकार से वंचित रखने का प्रयास है.
कारी इसहाक अंजूम, इमाम कीताडीह मस्जिद
इस्लामी कानून में सीधा दखल केंद्र सरकार दे रही है. सरकार काे ऐसा करने का अधिकार नहीं है. शरीयत के कानून के तहत मुसलमानों काे जिंदगी गुजारने का अधिकार है. तीन तलाक का बिल पारित कराना शरीयत पर हमला है.
मुफ्ती अमीरुल, धातकीडीह बड़ी मस्जिद
तीन तलाक का बिल पास हाे गया है. अभी हमारे लिए इम्तिहान की घड़ी है आैर हमें इस बात की बखूबी जानकारी है कि आनेवाले समय आैर हमारे खिलाफ हाेनेवाला है, लेकिन हमें एहसास है कि साेना आग में तप कर ही कुंदन बनता है.
सैय्यद सैफुद्दीन, इमाम हुसैनी मस्जिद
तीन तलाक का बिल पारित हाेना काैम के लिए फक्र की बात बात है. तीन तलाक का जमकर दुरुपयाेग हाे रहा था. इस पर कानून बनना ही चाहिए था. यह बिल काफी बेहतर है. तीन तलाक पर जाे घटनाएं हाेती थीं, उससे समाज की काफी बदनामी हाेती थी.
माेख्तार फैजी, प्रवक्ता, मदरसा फैजुल उलूम
संविधान काे मानना हर भारतीय का अधिकार है. लाेकसभा से पारित कानून हमारे मुल्क का कानून है. जाे संविधान में है, वह स्वीकार है, लेकिन यह भी है कि यह इस्लामी कानून पर हमला है. शरीयत से यह कहीं मेल नहीं खाता है.
असरार अहमद, अध्यक्ष फारुकी मस्जिद
तीन तलाक का बिल पारित किया जाना गलत है. इस मामले में मुस्लिम पसर्नल लॉ की सहमति नहीं ली गयी. इस्लाम काे माननेवाले ताे मुस्लिम पसर्नल लॉ काे मानता है, जब उसकी राय जरूरी नहीं समझी गयी, ताे फिर आगे क्या कहना.
नूरजहां खान, अध्यक्ष उलेमा बाेर्ड, महिला विंग