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कर्ज से उबरने के लिए चुना रंगदारी का रास्ता

रेलवे अितक्रमण की शिकायत की हैंडराइिटंग से फंसा डॉ आनंद जमशेदपुर : आर्थिक तंगी और कर्ज के बोझ से उबरने के लिए होमियोपैथिक चिकित्सक डॉ आनंद कुमार ने रंगदारी वसूलने का तरीका खोजा था, लेकिन वह कामयाब नहीं हो सका. अपने ही सात नजदीकी लोगों को नक्सली और अपराधियों के नाम से पर्चा फेंक कर […]

रेलवे अितक्रमण की शिकायत की हैंडराइिटंग से फंसा डॉ आनंद
जमशेदपुर : आर्थिक तंगी और कर्ज के बोझ से उबरने के लिए होमियोपैथिक चिकित्सक डॉ आनंद कुमार ने रंगदारी वसूलने का तरीका खोजा था, लेकिन वह कामयाब नहीं हो सका. अपने ही सात नजदीकी लोगों को नक्सली और अपराधियों के नाम से पर्चा फेंक कर उसने रंगदारी मांगी. लेकिन पैसा मिलने से पहले ही पकड़ा गया.
बर्मामाइंस में टाटा स्टील के सुरक्षाकर्मी राजेंद्र प्रसाद के घर पर पर्चा फेंक कर 20 लाख की रंगदारी और प्रत्येक माह 30 हजार रुपये मांगने के आरोप में गिरफ्तार परसुडीह (सरजामदा शंकरपुर टोला) निवासी डॉ आनंद को पुलिस ने जेल भेज दिया है. सिटी एसपी प्रभात कुमार ने शुक्रवार को पूरे मामले का खुलासा किया.
एसपी ने बताया कि पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी कि डॉ आनंद ने 15 वर्ष पूर्व भी कीताडीह में एक रेलवे कर्मचारी के घर पर पर्चा फेंककर रंगदारी मांगी थी. संवाददाता सम्मेलन में डीएसपी अनुदीप सिंह, डीएसपी सुधीर कुमार, बर्मामाइंस थाना प्रभारी प्रमोद कुमार सिन्हा, बिष्टुपुर थाना प्रभारी श्रीनिवास भी मौजूद थे. अतिक्रमण की शिकायत करने पहुंचा था, पकड़ा गया. पुलिस के मुताबिक गोलपहाड़ी में डॉ आनंद कुमार की क्लीनिक है.
दो दिन पहले डॉ आनंद कुमार गोलपहाड़ी में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण हटाने की शिकायत करने परसुडीह थाना पहुंचे. परसुडीह पुलिस ने डॉ आनंद कुमार से आवेदन लिखवाया. आवेदन देने के बाद डॉ आनंद घर चले गये. इसके बाद पुलिस को उनके हस्तलिखित आवेदन पर संदेह हुआ. परसुडीह पुलिस ने बर्मामाइंस में रंगदारी की घटना में फेंके गये परचा की प्रति में लिखी गयी हैंडराइटिंग और डॉ आनंद कुमार द्वारा दिये गये आवेदन की राइटिंग का मिलान किया. दोनों राइटिंग एक जैसी थी. इसके बाद परसुडीह पुलिस ने डॉ आनंद कुमार को पकड़ा और बर्मामाइंस पुलिस के हवाले कर दिया.
एलआइसी का एजेंट भी था डॉ आनंद
पुलिस के मुताबिक होमियोपैथिक चिकित्सक डॉ आनंद कुमार क्लीनिक में मरीज कम आने की वजह से एलआइसी एजेंट के रूप में भी काम करता था. इस क्षेत्र में भी अधिक सफलता नहीं मिली. उसके बाद प्लान बनाया कि एलआइसी नहीं कराने वालों के घर पर जान मारने की धमकी देते हुए रंगदारी की मांग करेंगे, तो फायदा हो सकता है. लेकिन रुपये कमाने का यह प्लान भी असफल हो गया.
इनके नाम परचा फेंककर मांगी रंगदारी
-एसएस ठाकुर, रेलवे कॉलोनी, परसुडीह- रजिस्ट्री भेजकर मांगी रंगदारी -राजेश शर्मा, चांदनी चौक, परसुडीह (रेलवे ठेकेदार)- रजिस्ट्री भेजकर मांगी रंगदारी -रविकांत शर्मा, परसुडीह, गोलपहाड़ी – रजिस्ट्री भेजकर मांगी रंगदारी -रवि प्रजापति, सोपोडेरा, परसुडीह – 5 सितंबर को घर पर पर्चा फेंका -अजय सिंह, सोपोडेरा, परसुडीह – 27 सितंबर को घर पर फेंका पर्चा -सनातन प्रजापति, टेल्को – 23 अगस्त को घर पर पर्चा फेंका -विजय फैंसी स्टोर, प्रेमनगर, टेल्को – 31 अगस्त को दुकान में पर्चा फेंका.

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