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42 दिन के बाद डॉ एमके सिन्हा और डॉ हांसदा सस्पेंड

जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही से मानगो निवासी सुखदेव राम की हुई मौत के मामले में अस्पताल के सर्जरी विभाग के यूनिट हेड डॉ एमके सिन्हा व चिकित्सक डॉ लक्ष्मण हांसदा को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने निलंबित कर दिया है. मंत्री सरयू राय ने शुक्रवार को यह […]

जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही से मानगो निवासी सुखदेव राम की हुई मौत के मामले में अस्पताल के सर्जरी विभाग के यूनिट हेड डॉ एमके सिन्हा व चिकित्सक डॉ लक्ष्मण हांसदा को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने निलंबित कर दिया है.
मंत्री सरयू राय ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि अपर मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य मंत्री से उक्त दोनों चिकित्सकों पर विभागीय कार्रवाई की भी अनुशंसा की है. हालांकि, निलंबन के संबंध में विभाग की ओर से अभी तक अधिसूचना जारी नहीं हुई है.
ज्ञात हो कि 42 दिन पूर्व हुई सुखदेव की मौत की उक्त घटना को लेकर मंत्री सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री से लेकर विभागीय सचिव तक पर दबाव बनाते हुए कोर्ट जाने की चेतावनी दी थी.
शुक्रवार को श्री राय ने स्वास्थ्य मंत्री से इस संबंध में जानकारी मांगी तो उन्हें बताया गया कि इस मामले में दोषी दोनों डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है तथा पीड़ित परिवार को देय मुआवजा निर्धारित करने की कार्रवाई भी शुरू हो गयी है. श्री राय को मिली जानकारी के मुताबिक मुआवजे की राशि स्वास्थ्य विभाग के अधिकार क्षेत्र से बाहर हुई तो यह मामला अनुमोदन के साथ मुख्यमंत्री के पास अग्रसारित कर दिया जायेगा. मंत्री सरयू राय ने कहा कि मुख्यमंत्री स्तर से एक सप्ताह के भीतर सकारात्मक निर्णय नहीं होता है तो वे इसके लिए उपभोक्ता अदालत जायेंगे.
क्या था मामला
एमजीएम अस्पताल के सर्जरी विभाग के डॉ एमके सिन्हा व डॉ लक्ष्मण हांसदा ने 11 दिसंबर को मानगो निवासी सुखदेव राम के हाइड्रोसील का ऑपरेशन किया था. 16 दिसंबर को सुखदेव की मौत हो गयी थी. परिजनों द्वारा लापरवाही का आरोप लगाये जाने के बाद मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ एसी अखौरी के आदेश पर चार डॉक्टरों की टीम ने
मामले की जांच की जिसमें डॉक्टर एमके सिन्हा को दोषी पाया गया जबकि डॉ लक्ष्मण हांसदा को क्लीन चिट दे दी गयी. इसके बाद डीसी के आदेश पर डॉक्टरों की टीम ने वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ शव का पोस्टमार्टम किया जिसकी रिपोर्ट में सामने आया कि ऑपरेशन के दौरान मरीज की आंत कटने के कारण खून जाम होने व इन्फेक्शन से सुखदेव की मौत हुई.
निलंबन पर आइएमए नाराज, डॉक्टर बने अंजान
निलंबन की कार्रवाई पर एक ओर जहां इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने डॉक्टरों का पक्ष लेते हुए नाराजगी जतायी है, वहीं उक्त दोनों डॉक्टरों तथा एमजीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ एसी अखौरी ने इस संबंध में किसी तरह की जानकारी से इनकार किया है. प्राचार्य डॉ अखौरी ने कहा कि दोनों डॉक्टरों के निलंबन से संबंधित कोई लेटर नहीं आया है. डॉ सिन्हा और डॉ हांसदा ने भी कहा कि उन्हें निलंबन की जानकारी नहीं है. दूसरी ओर, सुखदेव के परिजनों तथा को संघर्ष में उनकी मदद करने वाले भाजपा नेता विकास सिंह ने खुशी जताई है.
दोनों डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई होना मानगोवासियों की जीत है. मानगो निवासियों के लिए इस तरह का कोई मामला होगा तो हम उसके लिए हमेशा तैयार रहेंगे. हम मंत्री सरयू राय से निवेदन करेंगे कि पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा जल्द से जल्द मिले, साथ ही इस तरह की घटना एमजीएम में नहीं हो, इसके लिए भी कुछ किया जाये.
विकास सिंह, भाजपा नेता सह संयोजक, मानगो जनसेवक समिति
अस्पताल में डॉक्टर व संसाधन दे सरकार
सरकार डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई तो कर रही है लेकिन अस्पताल में डॉक्टर व संसाधन उपलब्ध नहीं करा रही है, जबकि मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है. मरीजों का इलाज डॉक्टर कैसे करते हैं, डॉक्टर ही जानते है. प्राय: डॉक्टरों-कर्मचारियों के साथ मारपीट होती है, इस ओर भी सरकार को ध्यान देने की जरूरत है. सरकार को चाहिए कि पहले अस्पताल में डॉक्टर व संसाधन उपलब्ध कराये.
डॉ मृत्युंजय सिंह, सचिव, आइएमए, जमशेदपुर
अब गलत ऑपरेशन से नहीं जायेगी कोई जान
दोनों डॉक्टरों के निलंबन की बात सुनकर काफी खुशी हुई. अब गलत ऑपरेशन से एमजीएम में किसी मरीज की मेरे पिता जैसी मौत नहीं होगी. इसमें भाजपा नेता विकास सिंह, मंत्री सरयू राय, डीसी सहित अन्य सभी का काफी योगदान रहा. उन सभी के कारण ही हमें न्याय मिला है.
उर्मिला वर्मा, मृतक की पुत्री

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