ओपीडी में सेवा ठप, इमरजेंसी में कतार

डॉक्टरों की हड़ताल. सरकारी व निजी अस्पतालों के ओपीडी रहे बंद, भटकते रहे मरीज शहर के काॅरपोरेट अस्पतालों में आंशिक असर, कई जगह दवाएं तक नहीं मिलीं पूर्वी सिंहभूम के 1000 चिकित्सकों ने किया आंदोलन का समर्थन, मांगा सबका सहयोग जमशेदपुर : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के आह्वान पर देशव्यापी हड़ताल जमशेदपुर सहित पूर्वी सिंहभूम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2018 5:19 AM

डॉक्टरों की हड़ताल. सरकारी व निजी अस्पतालों के ओपीडी रहे बंद, भटकते रहे मरीज

शहर के काॅरपोरेट अस्पतालों में आंशिक असर, कई जगह दवाएं तक नहीं मिलीं
पूर्वी सिंहभूम के 1000 चिकित्सकों ने किया आंदोलन का समर्थन, मांगा सबका सहयोग
जमशेदपुर : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के आह्वान पर देशव्यापी हड़ताल जमशेदपुर सहित पूर्वी सिंहभूम जिले में असरदार रहा. मंगलवार को शहर के सभी निजी अस्पतालों के ओपीडी व क्लिनिक बंद रहे. एमजीएम अस्पताल एवं सदर अस्पताल में भी ओपीडी खाली रहा. शहर के काॅरपोरेट अस्पतालों में भी हड़ताल का आंशिक असर देखा गया. चिकित्सकों ने काली पट्टी लगाकर जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया.
आइएमए जमशेदपुर इकाई के बैनर तले डॉक्टरों ने नारेबाजी की. हड़ताल का असर मरीज व उनके परिजनों पर पड़ा. निजी चिकित्सा सेवाएं ठप रहने से मरीजों की भीड़ सदर अस्पताल व एमजीएम में उमड़ी. इमरजेंसी में मरीजों की लंबी कतार लगी रही. उन्हें इलाज के लिए 3-3 घंटे तक इंतजार करना पड़ा. डॉक्टरों ने मंगलवार सुबह करीब 11 बजे अलग-अलग स्थानों पर बैठक की. चिकित्सा सेवा नहीं मिलने से मरीज परेशान रहें और स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित रही. आइएमए से संबद्ध जिले के करीब 1000 चिकित्सकों ने आंदोलन को अपना प्रत्यक्ष व परोक्ष समर्थन दिया.
एमजीएम व सदर अस्पताल में पेन डाउन स्ट्राइक. निजी अस्पताल व क्लिनिक बंद होने के कारण मरीज एमजीएम व सदर अस्पताल पहुंचे. यहां भी उन्हें मायूसी ही हाथ लगी. यहां भी डॉक्टरों ने सुबह से पेन डाउन स्ट्राइक की. इससे मरीजों को सही समय पर इलाज नहीं मिल सका. सदर अस्पताल व एमजीएम में आइएमए की टीम
भी पहुंची.
सिविल सर्जन महेश्वर प्रसाद एवं एमजीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसी अखौरी के मुताबिक इमरजेंसी में पूरे व्यवस्थित तरीके से काम किया जाता रहा. इमरजेंसी में सभी को चिकित्सा उपलब्ध करायी गयी. हालांकि आेपीडी बंद होने का असर साफ-साफ दिखा. मरीजों को अस्पतालों के काउंटर से दवाएं तक नहीं मिलीं. इमरजेंसी में मरीजों की संख्या बढ़ने से ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों व चिकित्सा कर्मचारियों को भारी परेशानी हुई.
डॉक्टरों ने कहा, सरकार लागू कर रही काला कानून. हड़ताल का समर्थन करने वाले चिकित्सकों ने कहा कि सरकार मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को रद्द कर नेशनल मेडिकल काउंसिल के रूप में काला कानून लागू करना चाहती है. चिकित्सक एनएससी के गठन का विरोध कर रहे हैं. चिकित्सक एग्जिट परीक्षा नहीं लेने की मांग कर रहे हैं.

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