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विक्षिप्त बता पत्नी को सालों रखा कैद, जान से मारने का किया था प्रयास

धालभूमगढ़ : पति व ससुराल वालों ने महिला को विक्षिप्त घोषित कर वर्ष 2007 से एक कोठरी में कैद कर रखा था. चारचक्का गांव की बबीता अग्रवाल को 11 साल बाद बुधवार को भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने स्थानीय पुलिस की मदद से मुक्त कराया. बबीता को थाना ले जाया गया और थाना में […]

धालभूमगढ़ : पति व ससुराल वालों ने महिला को विक्षिप्त घोषित कर वर्ष 2007 से एक कोठरी में कैद कर रखा था. चारचक्का गांव की बबीता अग्रवाल को 11 साल बाद बुधवार को भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने स्थानीय पुलिस की मदद से मुक्त कराया. बबीता को थाना ले जाया गया और थाना में जिम्मानामा के बाद बबीता का इलाज और देखभाल के लिए जेठानी संगीता धानुका को सौंप दिया गया.

वर्ष 2007 में जान से मारने का हुआ था प्रयास
भाजपा महिला मोर्चा की सदस्यों को यह भी जानकारी मिली है कि वर्ष 2007 में बबीता अग्रवाल ने बेटे को जन्म दिया था. इसके बाद उसने अपनी बेटे को बड़ी जेठानी संगीता अग्रवाल को यह कहकर गोद में सौंप दिया था कि उसकी जान को खतरा है. बेटा मेरे साथ रहेगा, तो गणेश अग्रवाल और आशा अग्रवाल दोनों मिल कर जान से मार डालेंगे. जब गणेश अग्रवाल और बबीता अग्रवाल पुत्र के साथ बगल वाले घर में थे. उस समय गणेश अग्रवाल ने बबीता अग्रवाल के शरीर पर केरोसिन तेल डाल कर आग लगा दिया था, लेकिन वह किसी तरह बच निकल भागी थी. इस संबंध में वर्ष 2007 में धालभूमगढ़ में केस दर्ज हुआ था. बबीता को बहरागोड़ा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल से लौटने पर उसे कैद कर रखा गया था.

पति , देवर, देवरानी ने महिला को रखा था कैद
बारी मुर्मू ने थाना प्रभारी को दिये फर्द बयान में कहा गया है कि विशेष सूत्रों से जानकारी मिली है कि धालभूमगढ़ प्रखंड क्षेत्र के कोकपाड़ा-नरसिंहगढ़ पंचायत (चारचक्का गांव) की बबीता अग्रवाल नामक महिला को उसके पति गणेश अग्रवाल, देवर रमेश अग्रवाल, देवरानी आशा अग्रवाल और रमेश अग्रवाल के दोनों बेटों ने मिल कर कोठरी में बंद कर रखा था.

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