राजबाला वर्मा के खिलाफ चौतरफा राजनीतिक हमला
विरोध. सेंदरा रैली में झामुमो कार्यकर्ताओं ने भरी हुंकार, आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने भी शहर में सरकार को घेरा चारा घोटाले में शो-कॉज नोटिस का जवाब नहीं देने के मामले में प्रदेश की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा घिर गई हैं. विभिन्न राजनीतिक दल उनके विरोध में उतर आये हैं. शनिवार को शहर में राजनैतिक […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
January 7, 2018 2:37 AM
विरोध. सेंदरा रैली में झामुमो कार्यकर्ताओं ने भरी हुंकार, आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने भी शहर में सरकार को घेरा
चारा घोटाले में शो-कॉज नोटिस का जवाब नहीं देने के मामले में प्रदेश की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा घिर गई हैं. विभिन्न राजनीतिक दल उनके विरोध में उतर आये हैं. शनिवार को शहर में राजनैतिक दलों के तीन कार्यक्रम थे और तीनों में मुख्य सचिव पर निशाना साधा गया.
यही नहीं, सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी के मंत्री भी मुख्य सचिव पर खुल कर बोलने लगे हैं. जमशेदपुर पश्चिम से विधायक और मंत्री सरयू राय ने एक दिन पहले ही कहा – मुख्य सचिव को अपने जूनियर को जवाब देने से अच्छा है कि वे खुद ही पद छोड़ दें.
सरकार काे उखाड़ फेंकना ही अब अंतिम विकल्प
झामुमो की सेंदरा रैली में उमड़ा जन सैलाब, चंपई-कुणाल के नेतृत्व में प्रदर्शन
जमशेदपुर : झामुमाे जिला समिति ने स्थानीय नीति, सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशाेधन, भूमि अधिग्रहण बिल, जमीन कब्जा कराने के लिए लैंड बैंक समेत अन्य मुद्दाें काे आधार बनाकर सरकार के खिलाफ शनिवार काे उपायुक्त कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दाैरान पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपई साेरेन ने कहा कि आदिवासी-मूलवासियाें काे समूल नष्ट करने की याेजना बनाकर चल रही भाजपा सरकार काे जड़ से उखाड़ फेंकने का वक्त आ गया है. इस सरकार काे यदि नहीं हटाया, ताे यह सभी काे खत्म कर देगी.
झारखंड का गठन पार्टी सुप्रीमाे शिबू साेरेन ने संस्कृति, भाषा आैर जमीन की रक्षा के लिए किया था. जब इन पर ही खतरा मंडराने लगेगा, ताे फिर आदिवासी-मूलवासियाें काे जीने का क्या लाभ. इसलिए एक बार इस सरकार के खिलाफ उलगुलान जरूरी है, जिसमें सभी की सहभागिता हर हाल में अनिवार्य है. प्रदर्शन में शामिल पार्टी कार्यकर्ता परंपारिक हथियार तीर-धनुष, तलवार-फरसा, ढाेल-नगाड़ा-धमसा लेकर उपायुक्त कार्यालय पहुंचे थे. वहीं रैली में विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि भाजपा के कैडर के रूप में काम करनेवाले अधिकारियाें काे चिह्नित किया जा रहा है. ऐसे अफसराें काे सही समय पर सबक सिखाया जायेगा.
सरकार ने जनहित में एक भी काम नहीं किया, उल्टे गांव के लाेगाें काे लड़ाने का काम किया. मेमाेंटम झारखंड के नाम पर छाेटे-छाेटे व्यापारियाें के साथ एमआेयू कर उन्हें उद्याेगपति का दर्जा दिया गया.
रैली काे लेकर सुरक्षा के थे कड़े इंतजाम: रैली काे लेकर जिला प्रशासन ने व्यापक तैयार कर थी. एसडीआे जहां खुद रैली पर नजर रखे हुए थीं. वहीं तीन दंडाधिकारियाें के अलावा चार डीएसपी आैर तीन थाना के इंस्पेक्टराें काे तैनात किया गया था. वहीं रैली के कारण जुबिली पार्क से लेकर गोलचक्कर तक साढ़े पांच घंटे तक अन्य वाहनों को परिचालन बंद रहा.
डीडीसी को सौंपा ज्ञापन : झामुमाे जिलाध्यक्ष रामदास साेरेन ने कहा कि उपायुक्त की अनुपस्थिति में डीडीसी सूरज कुमार काे राज्यपाल के नाम मांग पत्र साैंपा. डीडीसी से इस मामले में उपायुक्त के साथ वार्ता करने को कहा है. वार्ता में काेल्हान के सभी विधायक माैजूद रहेंगे, जिसमें माैंग पत्र में उल्लेखित बिंदूआें पर सिलसिलेवार चर्चा की जायेगी. रामदास साेरेन ने कहा कि अब झामुमाे इन गंभीर मुद्दाें पर चुप नहीं बैठनेवाला है. रैली में पूर्व सांसद सुमन महतो, सविता महतो, मोहन कर्मकार, कमलजीत काैर गिल, शेख बद्दरुदीन, हिदायत खान, राजू गिरी, गणेश चौधरी, रोड़ेया सोरेन आदि मौजूद थे.