छत की ऊपरी दरवाजा खुला होने के कारण घुसे चोर
चोरी के बाद पड़ोस की एस्बेस्टस से बनी छत पर कूद भागे चोर तीन खनन पदाधिकारियों ने लिया वीआरएस तीनों ने अलग-अलग समय लिया वीआरएस, सरकारी सिस्टम से त्रस्त होने की चर्चा जमशेदपुर : राज्य में दो से तीन साल के दौरान तीन खनन पदाधिकारियों ने वोलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (वीआरएस) ले लिया है. सभी को […]
चोरी के बाद पड़ोस की एस्बेस्टस से बनी छत पर कूद भागे चोर
तीन खनन पदाधिकारियों ने लिया वीआरएस
तीनों ने अलग-अलग समय लिया वीआरएस, सरकारी सिस्टम से त्रस्त होने की चर्चा
जमशेदपुर : राज्य में दो से तीन साल के दौरान तीन खनन पदाधिकारियों ने वोलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (वीआरएस) ले लिया है. सभी को सेटलमेंट की राशि भी दे दी गयी है. वीआरएस लेने वाले अधिकारियों में हजारीबाग के पूर्व खनन पदाधिकारी अनुज कुमार, हजारीबाग के ही पूर्व खनन पदाधिकारी रह चुके आरके सूरी, चाईबासा में खनन पदाधिकारी रह चुके राघव नंदन प्रसाद शामिल हैं. राघव नंदन ने डिप्टी डायरेक्टर का पद संभालते ही अपना इस्तीफा सरकार को सौंप दिया और वीआरएस के लिए आवेदन दे दिया. तीनों पदाधिकारियों का इस्तीफा मंजूर कर उन्हें वीआरएस का लाभ दे दिया गया है.
मधु कोड़ा कांड में भी राघव नंदन प्रसाद के भूमिका की जांच हो रही है. हजारीबाग के खनन पदाधिकारी रहते हुए अनुज कुमार के खिलाफ भी कई आरोप हैं जबकि एक जनवरी 2018 को ही राजीव कुमार सूरी को वीआरएस को मंजूरी दी गयी है. हालांकि इसको लेकर सरकार की ओर से कोई ठोस जानकारी नहीं दी गयी है.
यह मेरा निजी फैसला है : अनुज. हजारीबाग के पूर्व खनन पदाधिकारी अनुज कुमार ने बताया कि वीआरएस उन्होंने अपनी मर्जी से लिया है. उन्होंने निर्णय के पीछे के कारणों के बारे में कुछ नहीं बताया.
वीआरएस पर क्या बात करें : सुरी. हजारीबाग के पूर्व खनन पदाधिकारी राजीव कुमार सुरी ने बताया कि वीआरएस लिया है. लेकिन इस पर हम ज्यादा कुछ भी बात नहीं कर सकते हैं.
यह मेरा निजी फैसला था : राघव. चाईबासा के पूर्व खनन पदाधिकारी राघव नंदन प्रसाद ने बताया कि सरकारी काम में कई तरह की दिक्कतें पेश आ रही थीं. वीआरएस लेने का मेरा निजी फैसला था.