पद्मश्री दिगंबर हांसदा : रिटायरमेंट के बाद भी रोज संताली भाषा का क्लास लेने जाते हैं कॉलेज

एलबीएसएम कॉलेज के पूर्व प्राचार्य दिगंबर हांसदा को पद्म श्री की घोषणा देने की घोषणा की गयी. संताली भाषा में भारतीय संविधान का अनुवाद करने वाले दिगंबर हांसदा कई किताब भी लिख चुके हैं. पूरा जीवन अध्यापन को समर्पित करने वाले दिगंबर हांसदा से दशमत सोरेन और मनोज कुमार ने बातचीत की. प्रस्तुत है अंश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 26, 2018 7:09 PM

एलबीएसएम कॉलेज के पूर्व प्राचार्य दिगंबर हांसदा को पद्म श्री की घोषणा देने की घोषणा की गयी. संताली भाषा में भारतीय संविधान का अनुवाद करने वाले दिगंबर हांसदा कई किताब भी लिख चुके हैं. पूरा जीवन अध्यापन को समर्पित करने वाले दिगंबर हांसदा से दशमत सोरेन और मनोज कुमार ने बातचीत की. प्रस्तुत है अंश

सवाल – क्या आपको कभी राज्यपाल या किसी विवि के वीसी बनने का ऑफर आया है.
जवाब – हां, मुझे दो बार राज्यपाल बनने का ऑफर मिला. एक बार कोल्हान विश्वविद्यालय का वीसी बनने का ऑफर आया. मैं सभी प्रस्ताव ठुकरा चुका हूं.
सवाल – शुरूआती पढ़ाई कहां हुई, पढ़ाई के दौरान क्या – क्या परेशानियां हुई ?
जवाब – शुरूआती पढ़ाई जमशेदपुर प्रखंड के पैतृक गांव डोभापानी मवि से हुई. यहां से फिर चाईबासा और बाद में रांची विवि से उच्च शिक्षा ग्रहण किया. पढ़ाई में काफी परेशानी हुई. गांव में पढ़ाई का माहौल भी नहीं था. हमलोगों ने गांव में खुद से स्कूल खोला और फिर पढ़ाई शुरू की. गांव में स्कूल शुरू की आज पद्मश्री तक पहुंच गया.
सवाल : क्या आप सेवानिवृत होने के बाद अभी भी पढ़ा रहे हैं.
जवाब : मैं एलबीएमएस कॉलेज में वर्षो तक प्रिंसिपल रहा. रिटायर्ड होने के बाद कॉलेज जा रहा हूं. पीजी में संताली भाषा का क्लास लेता हूं.
कौन – कौन हैं परिवार में
दिगंबर हांसदा के दो बेटे और दो बेटियां है. बड़े बेटे का नाम पूरन हांसदा है, जिनका पेट्रोल पंप है. छोटा बेटा इंजीनियर है. दिगंबर हांसदा ने बताया कि मेरी बहू के मोबाइल फोन पर सम्मान की सूचना आयी. बहू ने बताया कि मुझे पद्म श्री सम्मान के लिए चयनित किया गया है.
क्या है उपलब्धियां
रांची और कोल्हान विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में 250 पृष्ठों की संताली में लिखी उनकी पुस्तक में है शामिल
ज्ञानपीठ पुरस्कार चयन समिति ( संताली भाषा) के सदस्य
सेंट्रल इंस्टीच्यूट ऑफ इंडियन लैंग्वैज ( मैसूर), ईस्टर्न लैंग्वैज सेंटर ( भुवनेश्वर) में संताली साहित्य अनुवादक
आदिवासी वेलफेयर सोसाइटी जमशेदपुर के प्रेसीडेंट
आदिवासी वेलफेयर ट्रस्ट जमशेदपुर के प्रेसीडेंट
जिला साक्षरता समिति पूर्वी सिंहभूम के सदस्य
दिशोम जोहारथन कमिटी, जमशेदपुर के प्रेसीडेंट
संताली साहित्य सिलेबस कमेटी, यूपीएससी नयी दिल्ली और जेपीएससी झारखंड के सदस्य

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