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महिलाओं का गुस्सा फूटा, तीन शराब भट्ठियां तोड़ी

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By Prabhat Khabar Digital Desk | February 7, 2018 5:24 AM

कदमा : मरीन ड्राइव के किनारे संचालित अवैध शराब भट्ठियों के खिलाफ नाराजगी

जमशेदपुर : कदमा के मरीन ड्राइव के किनारे चल रही अवैध शराब भट्ठियों के खिलाफ मंगलवार को कांग्रेस नेत्री शिखा चौधरी के नेतृत्व में महिलाएं एकजुट हुईं और एक साथ धावा बोल कर तीन भट्ठियों को तोड़ दिया.
ग्रामीण महिलाओं के सहयोग से ही इन शराब भट्ठियों का संचालन हो रहा था. वहां पहुंची महिलाओं ने भट्ठी संचालित करने वाली महिलाओं को वहां से भगा दिया और अवैध शराब के भंडारण को नष्ट करके भट्ठियों को तोड़ डाला. इन भट्ठियों का संचालन राजू सरकार, तेगलू बागे और मुतरु कर रहे थे. महिलाओं ने घरों में बर्तन में छुपाकर रखी गयी शराब भी फेंक दी. इस दौरान करीब सौ लीटर शराब बहा दिया. महिलाओं ने आगे यहां कारोबार न करने की संचालकों को चेतावनी दी .
कदमा पुलिस व एसएसपी को भी दी जानकारी. मरीन ड्राइव की बस्तियों में चल रही अवैध शराब भट्ठी और महिलाओं द्वारा की गयी कार्रवाई की सूचना कदमा पुलिस और एसएसपी को दी गयी. इन महिलाओं ने आशंका जाहिर की है कि अवैध कारोबारी इन पर हमला न कर दें.
शराब की वजह से कई परिवार बर्बाद हो रहे थे : कदमा बागे बस्ती समेत मरीन ड्राइव के किनारे की बस्तियों की कई महिलाएं अवैध शराब भट्ठी के संचालन से परेशान थी. इन महिलाओं ने कदमा निवासी कांग्रेसी नेत्री शिखा चौधरी के नेतृत्व में मीटिंग कर रणनीति बनायी. शिखा चौधरी ने बताया कि इन अवैध धंधेबाजों पर कार्रवाई नहीं की जा रही थी, जिसके बाद हमें कदम उठाना पड़ा. उनके साथ 20 महिलाएं शामिल थीं. जिसमें मंजुला, सरस्वती,
सोहागी, रेखा, गिट्टू समेत अन्य महिलाएं सबसे पहले कदमा के बागे बस्ती पहुंची, वहां तीन जगहों पर अवैध शराब भट्ठी संचालित हो रही थी.
पुलिस हमारी शिकायत तक नहीं सुनती : मंजुला
स्थानीय महिला मंजुला ने बताया कि पुलिस वहां आना-जाना करती है. लेकिन, हम लोगों की शिकायत नहीं सुनती. शराब की वजह से कई परिवार तबाह हो रहे थे.
कार्रवाई नहीं हुई, तो हमें आगे आना पड़ा : सरस्वती
सरस्वती ने बताया कि अवैध शराब कारोबारियों पर लगाम लगाने में जब पुलिस असफल रही, तो उन्हें खुद कार्रवाई के लिए हम लोगों को आगे आना पड़ा. आगे फिर शराब भट्ठी संचालित हुई तो आमरण अनशन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे.
शहर में दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक बसें
एक बस की कीमत 2.25 करोड़
जुस्को व प्रशासन इलेक्ट्रिक बस लाना चाहती है, उसकी बाजार में कीमत करीब 2.25 करोड़ रुपये है. ऐसे में खर्च काफी ज्यादा है, लेकिन इसका कैसे प्लानिंग किया जाये, ताकि यहां के बस ऑपरेटर भी इसे उतार सकें, इसको लेकर अध्ययन चल रहा है.
फाइनेंशियल मॉड्यूल तय होने के बाद लायी जायेंगी बसें : जुस्को एमडी
जुस्को के एमडी आशीष माथुर ने प्रभात खबर को बताया कि फाइनांसियल मॉड्यूल को तय करने के बाद बसों का परिचालन की व्यवस्था होगी. बस ऑपरेटर तैयार हैं, लेकिन उनके आर्थिक मसलों और उनके बसों के रखरखाव की सारी व्यवस्था को दुरुस्त करने के बाद इलेक्ट्रिक व स्मार्ट बसों को लाया जायेगा.
ट्रांसपोर्ट सिस्टम दुरुस्त करने के लिए हर संभव मदद करेंगे : एसोसिएशन
बस एसोसिएशन के संजय कुमार ने बताया कि ट्रांसपोर्ट सिस्टम को दुरुस्त करने में हर संभव मदद करेंगे. जुस्को से बातचीत हुई है. इलेक्ट्रिक या स्मार्ट बसों के परिचालन पर जो खर्च आयेगा, उसका वहन कैसे किया जायेगा, यह तय नहीं हो पाया है. अगर सरकार या टाटा मदद करेगी, तो हम लोग इस व्यवस्था को अमलीजामा पहनाने में पीछे नहीं रहेंगे.
टाटा मोटर्स भी बना रही है इलेक्ट्रिक व हाइब्रिड बसें
पर्यावरण की रक्षा करते हुए आम लोगों को सुलभ परिवहन उपलब्ध करवाने की दिशा में टाटा मोटर्स ने इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड बसें लांच पहले ही कर दी है. इन इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड बसों की कीमत 1.6 करोड़ रुपये से दो करोड़ के बीच में रखी गयी है. टाटा मोटर्स ने इलेक्ट्रिक व हाइब्रिड बसों के साथ-साथ अपनी एलएनजी-पावर्ड बसें भी लाने की योजना बनायी है. टाटा ने फ्यूल सेल टेक्नॉलजी और इलेक्ट्रिक वर्संस में बसों के अलावा हल्के कमर्शियल वाहन-सुपर एस, मैजिक और मैजिक आइरिस भी लाने की कोशिश शुरू की है.

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