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आदिवासी भाषा-संस्कृति काफी समृद्ध : सरयू

तिलकागढ़. तिलका मांझी जयंती के समापन पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन ओड़िशा, मुसाबनी व घाटशिला से पहुंचीं नृत्य मंडलियों ने बिखेरा जलवा जमशेदपुर : परसुडीह क्षेत्र के तिलकागढ़ मैदान में बाबा तिलका मांझी की जयंती समारोह पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. बाबा तिलका मेमोरियल क्लब द्वारा 268वां शहीद तिलका मांझी जयंती समारोह […]

तिलकागढ़. तिलका मांझी जयंती के समापन पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन
ओड़िशा, मुसाबनी व घाटशिला से पहुंचीं नृत्य मंडलियों ने बिखेरा जलवा
जमशेदपुर : परसुडीह क्षेत्र के तिलकागढ़ मैदान में बाबा तिलका मांझी की जयंती समारोह पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. बाबा तिलका मेमोरियल क्लब द्वारा 268वां शहीद तिलका मांझी जयंती समारोह का आयोजन किया गया था.
इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला परिषद उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह, पूर्व सांसद कृष्णा मार्डी, पार्षद सुदिप्तो दे, मुखिया पानो मुर्मू, पूर्व मुखिया रामचंद्र टुडू व दिवाकर मंडल मौजूद थे. मुख्य अतिथि ने सरयू राय ने कहा कि आदिवासी समाज की भाषा-संस्कृति काफी समृद्ध व विकसित है.
इनकी अपनी भाषा-संस्कृति, साहित्य व पूर्वजों के धरोहर से विशेष लगाव ही इसे अलग पहचान दिलाती है.आदिवासी समाज अपनी सांस्कृतिक विरासत को बचाये रखें. इसके लिए जल्द जिला प्रशासन से बातचीत कर कम से कम 200 लोगों की बैठने वाली एक ऑडिटोरियम बनाने का प्रयत्न करेंगे. उन्होंने कहा कि रोड, रास्ता व नाली आदि को बनाना ही विकास कार्य नहीं है.
विकास का खाका ऐसा होना चाहिए, जिससे सामाजिक अस्तित्व बचे और बंधुत्व भावना भी बढ़े. समाज की शैक्षणिक व आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो. टाटा स्टील सीएसआर के तहत विकास का काम करती है. तिलकागढ़ की उबाड़-खाबड़ खेल के मैदान को समतलीकरण के साथ-साथ सौंदर्यीकरण करने में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए.
पारंपरिक दसांय व सड़पा नृत्य के साथ संताली ड्रामा का भी लोगों नेे उठाया लुत्फ
रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में बाहा, फिरकल, धोंगेड़, सड़फा, करम, दसांय समेत अन्य आदिवासी नृत्य प्रस्तुत किया गया. शहर समेत ओड़िशा व मुसाबनी क्षेत्र से आये नृत्य मंडलियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया. पारंपरिक वेशभूषा में मांदर व नगाड़े की थाप पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया. इस दौरान समाज की महिला व पुरुषों के लिए काती खेल, हंडी फोड़, पत्तल बनाना आदि प्रतियोगिता का भी आयोजन किया. शाम में संताली ड्रामा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.
युवा आदिवासी समाज को आगे बढ़ायें : राजकुमार सिंह
विशिष्ट अतिथि राजकुमार सिंह ने कहा कि बाबा तिलका मांझी के जीवनी से प्रेरणा लेते हुए युवाओं को समाज को आगे बढ़ाने की जिम्मेवारी अपने कंधे पर लेने की जरूरत है. समाज की शैक्षणिक स्थिति को मजबूत करने की जरूरत है. युवा शिक्षित होंगे, तो समाज शिक्षित होगा. इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजन करने में घासीराम मुर्मू, सुना हांसदा, सुकु हेंब्रम, चोकेंद्र हेंब्रम, करिया मुर्मू, गोपाल हेंब्रम समेत अन्य मौजूद थे.

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