जमशेदपुर: टाटा मोटर्स द्वारा सेल्स टैक्स विभाग के खिलाफ झारखंड हाइकोर्ट में एक याचिका दायर की गयी है. बिहार वित्त अधिनियम के सेक्शन 13 में संशोधन कर झारखंड सरकार ने झारखंड वित्त संशोधित अधिनियम 2001 जारी किया था. इसके तहत कोई भी कंपनी अगर कच्च माल खरीद कर उसका तैयार माल बनाकर बेचेगी तो उसको 2 से 3 फीसदी तक टैक्स में छूट मिलेगी.
टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, लाफार्ज समेत कई कंपनियों की अरबन सर्किल में उपायुक्त के तौर पर पदस्थापित रहे रंजन सिन्हा ने जांच की थी. इसमें पाया गया था कि टाटा स्टील समेत कई कंपनियों ने कच्च माल पर छूट लेकर स्टॉक ट्रांसफर कर दिया है और टैक्स में रियायत की छूट भी ले रही है. इसको ही आधार बनाते हुए टाटा स्टील से 42 करोड़ रुपये की वसूली की गयी थी. इसको विभिन्न न्यायालयों में टाटा स्टील ने चुनौती दी थी. बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया था, जहां से टाटा स्टील के खिलाफ फैसला आया.
अब नये सिरे से टाटा मोटर्स ने पूरी अधिसूचना को ही चुनौती दे दी है. इसमें कहा गया है कि असंवैधानिक तरीके से इसकी अधिसूचना राज्य सरकार ने जारी की थी. इसको लेकर सेल्स टैक्स विभाग को हाइकोर्ट ने शपथ पत्र दायर करने को कहा है. शपथ पत्र का अध्ययन करने के बाद आगे की कोई कार्रवाई की जा सकेगी.