एनएमसी बिल के विरोध में डॉक्टरों की रैली

25 मार्च को दिल्ली में धरना-प्रदर्शन जमशेदपुर : राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को गरीब विरोधी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला बताते हुए सोमवार को जमशेदपुर आइएमए के सदस्यों ने एमजीएम अस्पताल से साकची गोलचक्कर तक रैली निकाल कर विरोध प्रकट किया. साकची गोलचक्कर पर रैली नुक्कड़ सभा में तब्दील हो गयी. आइएमए के सचिव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 13, 2018 4:41 AM

25 मार्च को दिल्ली में धरना-प्रदर्शन

जमशेदपुर : राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को गरीब विरोधी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला बताते हुए सोमवार को जमशेदपुर आइएमए के सदस्यों ने एमजीएम अस्पताल से साकची गोलचक्कर तक रैली निकाल कर विरोध प्रकट किया. साकची गोलचक्कर पर रैली नुक्कड़ सभा में तब्दील हो गयी. आइएमए के सचिव डॉ मृत्युंजय सिंह ने बताया कि रैली निकाल कर लोगों को एनएमसी से होने वाली परेशानियों के बारे में जागरूक किया गया. उन्होंने बताया कि 25 मार्च को दिल्ली में धरना प्रदर्शन किया जायेगा. इसमें शहर से भी कई डॉक्टर भाग लेंगे.
प्राइवेट कॉलेजों को मनमानी फीस वसूलने की छूट. डॉ मृत्युंजय ने कहा कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में 15 सीटों की बजाय 60 सीटों की फीस तय करने का अधिकार मैनेजमेंट को दिया जाना है. इस बिल में प्राइवेट कॉलेजों को मनमाने तरीके से फीस वसूलने की छूट दी गयी है. उन्होंने कहा कि एमसीआई एक प्रतिनिधि संस्था है. कोई भी पंजीकृत डॉक्टर इसका चुनाव लड़ सकता है. इसके साथ ही सभी डॉक्टरों को वोट देने का अधिकार है. इसको खत्म करने का निर्णय सरकार के लोकतंत्र विरोधी मानसिकता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि एनएमसी में 25 सदस्यों में सिर्फ पांच सदस्य ही चुनकर आयेंगे. इसके साथ ही इस बिल में ऐसा प्रोविजन है कि छह माह की ट्रेनिंग के बाद होमियोपैथी, आयुष जैसे वैकल्पिक चिकित्सा प्राणाली के डॉक्टर को भी मॉडर्न मेडिसिन प्रैक्टिस करने का परमिशन मिल जायेगा. जबकि एमबीबीएस क्वालिफिकेशन के लिए 72 महीने के अध्ययन की आवश्यकता होती है. संसद में मंजूरी के बाद अगर कानून बन गया तो इससे देश में मेडिकल प्रोफेशन बर्बाद हो जायेगा. मौके पर डॉ मृत्युंजय सिंह, डॉ उमेश खां, उॉ जया भादुड़ी, डॉ वीएसपी सिन्हा, डॉ एके लाल, डॉ वीणा सिंह सहित कई सीनियर व जूनियर डॉक्टर शामिल थे.

Next Article

Exit mobile version