सीएम साहब! रिम्स व एमजीएम नहीं ले रहे भर्ती, 15 दिन में मदद का भरोसा
परेशान मां और भाई लोगों से सहयोग मांगने शहर में निकले, दिखाते रहे रिपोर्ट रिम्स में गर्दन के ऑपरेशन के बाद शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल गयी है बीमारी जमशेदपुर : मानगो ओल्ड पुरुलिया रोड निवासी मोहम्मद अफशार की मां बेटे को ठेले पर लेकर इलाज के लिए दर-दर भटक रही है. इनकी […]
परेशान मां और भाई लोगों
से सहयोग मांगने शहर में
निकले, दिखाते रहे रिपोर्ट
रिम्स में गर्दन के ऑपरेशन के बाद शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल
गयी है बीमारी
जमशेदपुर : मानगो ओल्ड पुरुलिया रोड निवासी मोहम्मद अफशार की मां बेटे को ठेले पर लेकर इलाज के लिए दर-दर भटक रही है. इनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है. बेटे के शरीर के पिछले हिस्से में सड़न हो रही है. रिम्स व एमजीएम अस्पताल प्रशासन ने युवक का इलाज करने में असमर्थता जतायी है.
मुख्यमंत्री के शहर आने की सूचना पर मां मंगलवार को बेटे को ठेले पर लेकर सीएम आवास पहुंच गयी. मां ने मुख्यमंत्री आवास पर रो-रो कर अपनी पीड़ा बतायी. सीएम आवास से आश्वासन मिला कि मदद में कम से कम 15 दिन का समय लगेगा. मां ने कहा कि कम से कम रिम्स व एमजीएम अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिया जाये कि वह मरीज को भर्ती कर ले. इस बीच मुख्यमंत्री आवास पर मौजूद कुछ सुरक्षा गार्ड ने परिवार को वापस लौटा दिया. विवश होकर परिवार ने मदद के लिए शहर में चक्कर लगाना शुरू कर दिया.
ऑपरेशन से बढ़ी बीमारी
गत जनवरी माह में युवक सीढ़ी से गिर गया था. इससे गर्दन की हड्डी टूट गयी. दो दिन एमजीएम में इलाज कराने के बाद परिजन युवक को रिम्स ले गये. यहां भर्ती होने के करीब एक माह बाद ऑपरेशन हुआ. बेड पर पड़े-पड़े युवक की रीढ़ की हड्डी के पास घाव हो गया. परिवार के लगातार आग्रह के बावजूद रिम्स मेें घाव का ठीक नहीं हो पाया. धीरे-धीरे शरीर के बहुत बड़े हिस्से में घाव हो गया. परिजन फिर उसे लेकर एमजीएम पहुंचे, जहां घाव का ऑपरेशन कर सड़ा हुआ मांस निकाला गया,
लेकिन बीमारी खत्म होने की बजाय बढ़ती रही. परिवार फिर रिम्स पहुंचा. परिजनों की मानें, तो वहां उसका पर्चा फेंक दिया गया. इसके बाद परिजन फिर उसे लेकर एमजीएम पहुंचे. जहां उसे भर्ती करने से मना कर दिया गया. परिवार के पास इलाज कराने के लिए पैसे नहीं हैं. भाई रिक्शा चलाकर परिवार का भरण-पोषण कर रहा है.